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लोकसभा चुनाव: मणिपुर में गोलीबारी की घटनाओं के बीच 68 प्रतिशत से अधिक मतदानमणिपुर में गोलीबारी और डराने-धमकाने तथा ईवीएम में तोड़फोड़ की घटनाओं के बीच 68 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. साठ-सदस्यीय मणिपुर विधानसभा के 32 निर्वाचन क्षेत्र ‘इनर मणिपुर लोकसभा सीट के तहत आते हैं, जबकि 28 विधानसभा क्षेत्र ‘आउटर मणिपुर संसदीय क्षेत्र का हिस्सा हैं.
भाजपा और कांग्रेस दोनों ने एक दूसरे पर हिंसा में शामिल होने और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया.पिछले साल मई से जातीय हिंसा को झेल रहे मणिपुर में परंपरागत रूप से उच्च मतदान होता रहा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में 82 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था.
इनर मणिपुर लोकसभा सीट पर 72.3 प्रतिशत वोट पड़े, जबकि ‘आउटर मणिपुर संसदीय क्षेत्र के 15 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान का आंकड़ा 61.98 प्रतिशत रहा. आउटर मणिपुर के शेष 13 विधानसभा क्षेत्रों में दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे.
इनर मणिपुर की सभी 32 विधानसभाओं में इंफाल पूर्व की केइराओ विधानसभा में सर्वाधिक 83.81 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला.वहीं, आउटर मणिपुर सीट के तहत आने वाले चंदेल में सबसे ज्यादा 85.54 प्रतिशत वोट पड़े. इस सीट पर नगा और कुकी दोनों जातियों के मतदाता हैं. अधिकारियों ने बताया कि इनर मणिपुर सीट पर कई जगहों से गोलीबारी और डराने-धमकाने की घटनाएं सामने आईं हैं.
पुलिस ने कहा कि इंफाल पूर्वी जिले के खुरई विधानसभा क्षेत्र के मोइरांगकम्पु साजेब में एक ईवीएम मशीन में आग लगा दी गई और अज्ञात हथियारबंद लोगों ने 65-वर्षीय एक व्यक्ति को गोली मार दी.
पुलिस ने बताया कि वह व्यक्ति उस वक्त एक मतदान केंद्र के पास खड़ा था जब हथियारबंद हमलावरों ने गोलीबारी शुरू कर दी. पुलिस ने बताया कि घायल व्यक्ति को इंफाल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
पुलिस ने कहा कि हथियारबंद लोगों ने बिष्णुपुर जिले के मोइरांग विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले थमनापोकपी में एक मतदान केंद्र के पास हवा में कई गोलियां चलाईं, जिससे मतदाता भागने लगे. पुलिस के मुताबिक, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को मौके पर भेजा गया.
उसने बताया कि अज्ञात हथियारबंद लोगों ने विभिन्न स्थानों पर एक विशेष राजनीतिक दल के चुनाव एजेंट को भी धमकाया और उन्हें मतदान केंद्र छोड़ने के लिए कहा. एक अधिकारी ने बताया कि इंफाल पश्चिम जिले के उरीपोक और इरोइशेम्बा में हथियारबंद लोगों ने एक पार्टी के एजेंट को मतदान केंद्र परिसर छोड़ने के लिए कहा.
अधिकारी ने कहा, ‘‘धमकी से क्रोधित होकर, इरोइशेम्बा के मतदाता जबरन मतदान केंद्रों में घुस गए और चुनाव सामग्री और उपकरणों को नष्ट कर दिया.”इंफाल पूर्वी जिले के केइराओ विधानसभा क्षेत्र के कियामगेई में हथियारबंद लोगों ने गोलीबारी की और कांग्रेस के मतदान एजेंट को डराया-धमकाया.
इससे पहले सुबह इंफाल पूर्वी जिले के खोंगमान जोन 4 में मतदाताओं और अज्ञात लोगों के बीच विवाद हुआ, जिसके बाद ईवीएम को नुकसान पहुंचाया गया.
रूस पर नये प्रतिबंध लगाने की तैयारी में यूरोपीय संघ, इस तरह से हो रही है प्लानिंग
यूरोपीय संघ यूक्रेन के खिलाफ पूर्ण युद्ध छेड़ने के लिए रूस के खिलाफ 14वें दौर के प्रतिबंधों की तैयारी कर रहा है. संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. यूरोपीय संघ के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नए प्रतिबंध पैकेज में उन व्यक्तियों और संगठनों पर दंडात्मक उपाय शामिल हैं जो रूस पर मौजूदा यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों को रोकने के प्रयासों में सहायता करते हैं.
यूरोपीय संघ के एक राजनयिक ने कहा कि दंडात्मक उपायों में तेल टैंकरों या अंधेरे बेड़े पर विचार किया जाना चाहिए जो इसमें बाधा डालने के लिए मौजूदा प्रतिबंधों के बावजूद रूसी तेल का परिवहन करते हैं. राजनयिकों के अनुसार, नए व्यक्तियों और संगठनों पर ब्लॉक में उनकी संपत्तियों पर रोक लगाई जाएगी. यूरोपीय आयोग को आने वाले सप्ताह में प्रतिबंधों के लिए प्रस्ताव पेश करना है.
रूस पर प्रतिबंधों का 13वां पैकेज फरवरी में यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की दूसरी वर्षगांठ पर अपनाया गया था और इसमें 106 व्यक्तियों और 88 संगठनों को निशाना बनाया गया था. इसमें उत्तर कोरिया द्वारा रूस को हथियारों की आपूर्ति में शामिल व्यक्ति और उत्तर कोरियाई रक्षा मंत्री शामिल थे.
यूक्रेन के खिलाफ रूसी युद्ध में योगदान देने वाले अर्थव्यवस्था के विभिन्न वर्गों को लक्षित करते हुए रूस पर यूरोपीय संघ के कई दौर के प्रतिबंध लगाए गए हैं. इनमें कच्चे तेल, कोयला, इस्पात, सोना और विलासिता की वस्तुओं पर आयात प्रतिबंध के साथ-साथ बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के खिलाफ दंडात्मक उपाय भी शामिल हैं.
इसके अलावा, तथाकथित दोहरे उपयोग वाले सामान पर व्यापार प्रतिबंध लगाए गए थे जो रूसी रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र के तकनीकी विकास में योगदान दे सकते थे.
यूक्रेन के लिए सैन्य उपकरण खरीदने के लिए यूरोपीय संघ में जमे हुए रूसी केंद्रीय बैंक धन को सुरक्षित रखने से होने वाले मुनाफे के एक बड़े हिस्से का उपयोग करने की योजना पर काम जारी है.
यात्रियों के लिए खुशखबरी : रेल मंत्रालय इस साल गर्मियों में 43 प्रतिशत अधिक ट्रेनें चलाएगा
इस साल गर्मियों में यात्रा की मांग में अनुमानित वृद्धि को देखते हुए रेल मंत्रालय अतिरिक्त ट्रेनों की संख्या में 43 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने जा रहा है. इससे अधिक यात्रियों को अपने वांछित गंतव्यों तक सुविधाजनक ढंग से पहुंचाने में मदद मिलेगी.
रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने और गर्मियों के दौरान यात्रा की मांग में अनुमानित वृद्धि को ध्यान में रखते हुए रेलवे गर्मी के मौसम में ट्रेनों के रिकॉर्ड 9,111 फेरों का संचालन करने जा रहा है.
मंत्रालय ने कहा, “यह 2023 की गर्मियों की तुलना में पर्याप्त वृद्धि को दर्शाती है जब कुल 6,369 अतिरिक्त ट्रेनों की पेशकश की गई थी. इस तरह ट्रेनों के फेरों की संख्या में 2742 की बढ़ोतरी हुई है जो यात्रियों की मांगों को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए भारतीय रेलवे की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है.
रेल मंत्रालय ने कहा कि प्रमुख रेल मार्गों पर निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करने के लिए देश भर के प्रमुख गंतव्यों को जोड़ने के लिए अतिरिक्त ट्रेनों की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई है.
इन 9,111 अतिरिक्त ट्रेनों में से पश्चिम रेलवे सबसे अधिक 1,878 ट्रेनों का संचालन करेगा. इसके बाद उत्तर पश्चिम रेलवे 1,623 अतिरिक्त ट्रेन चलाएगा जबकि दक्षिण मध्य रेलवे 1,012 और पूर्व मध्य रेलवे 1,003 ट्रेनें संचालित करेंगे.
रेल मंत्रालय ने कहा, “देशभर में फैले सभी जोनल रेलवे ने तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, झारखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान से गर्मियों के दौरान इन अतिरिक्त यात्राओं को संचालित करने के लिए कमर कस ली है.”
मंत्रालय ने यह निर्णय पीआरएस प्रणाली में प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों के विवरण के अलावा मीडिया रिपोर्ट, सोशल मीडिया मंचों और रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 से मिली सूचनाओं के आधार पर लिया है.
कांग्रेस ने आपातकाल लगाने की अपनी मानसिकता नहीं बदली है: PM नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ‘‘संविधान को तार-तार करने और आपातकाल लगाने की कांग्रेस की मानसिकता बदली नहीं है और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया के पास विकास से जुड़ी कोई सोच नहीं है. मोदी ने यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस जानती है कि वह लोकसभा चुनाव नहीं जीत सकती, और इसलिए इसके ‘‘युवराज (स्पष्ट रूप से कांग्रेस नेता राहुल गांधी का जिक्र करते हुए) धमकी दे रहे हैं कि यदि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जीती, तो देश में आग लग जाएगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठबंधन के पास विकास का कोई एजेंडा नहीं है. उन्होंने कहा कि आज लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए हुए मतदान से पता चलता कि उनकी सरकार तीसरा कार्यकाल पाने के लिए तैयार है.
मोदी ने राहुल गांधी की कथित टिप्पणियों का स्पष्ट रूप से जिक्र करते हुए कहा, ‘‘जब उनके ‘युवराज कहते हैं कि देश में आग लग जाएगी, (यह दर्शाता है कि) संविधान को तार-तार करने और आपातकाल लगाने की कांग्रेस की मानसिकता नहीं बदली है.
प्रधानमंत्री ने पूर्वी महाराष्ट्र की वर्धा और अमरावती सीट से भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार करते हुए कहा, ‘‘वर्ष 2014 से पहले ऐसा माना जाता था कि भारत में कुछ भी अच्छा नहीं हो सकता, हर तरफ निराशा का माहौल था. आत्मविश्वास से भरा देश अब मोदी की गारंटी की ओर देख रहा है, जिसमें रोडमैप और प्रतिबद्धता है.
नागपुर से 75 किलोमीटर दूर स्थित वर्धा सेवाग्राम आश्रम के लिए प्रसिद्ध है, जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी रहते थे. वर्धा और अमरावती में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र का एक-एक वोट विकास के लिए होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘तमिलनाडु में ‘इंडिया गठबंधन के नेता सनातन (धर्म) का विनाश चाहते हैं, और (फिर भी) महाराष्ट्र में उन्हें रैलियों में बोलने के लिए बुलाया जाता है. कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार किया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘इंडिया गठबंधन के नेताओं ने अयोध्या में रामलला की मूर्ति के ‘सूर्य तिलक को भी पाखंड बताया है. उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में कांग्रेस को अपने पापों की सजा भुगतनी होगी.
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में महात्मा गांधी के ‘विकसित भारत , और ‘आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के लिए मतदान होगा.
मोदी ने कांग्रेस और ‘इंडिया गठबंधन पर विकास विरोधी और किसान विरोधी होने का भी आरोप लगाया और कहा कि उन्हें वोट देना अपना वोट बर्बाद करने के समान है.
अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना से लगभग चार करोड़ लोगों को फायदा हुआ, 50 करोड़ लोगों को बैंकिंग प्रणाली के दायरे में लाया गया और वे अर्थव्यवस्था का हिस्सा बने, 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणी से बाहर निकाला गया, 11 करोड़ लोगों को पानी का कनेक्शन मिला और सभी गांवों तक बिजली पहुंचाई गई.
उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्ष में उनकी सरकार और लोगों को घर और पानी का कनेक्शन देगी और 70 वर्ष और इससे अधिक उम्र के लोगों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त चिकित्सा इलाज उपलब्ध कराया जायेगा.
मोदी ने कहा कि देश ने पिछले दस वर्ष में ‘वंदे भारत जैसी आधुनिक रेलगाड़ियां और चंद्रयान (मून लैंडर) मिशन की सफलता देखी. उन्होंने कहा कि अब बुलेट ट्रेन का सपना और गगनयान मिशन साकार होगा.
उन्होंने कहा कि विकसित भारत महिला सशक्तीकरण के बिना अधूरा होगा. उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों के नेटवर्क का विस्तार करने और तीन करोड़ महिलाओं को ‘‘लखपति बनाने में उनकी सरकार की भूमिका के बारे में बताया.
लोकसभा चुनाव 2024: तमिलनाडु में 72.09 प्रतिशत मतदान
तमिलनाडु में शुक्रवार को एक ही चरण में सभी 39 लोकसभा सीट के लिए हुए मतदान में 72.09 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया और इस दौरान कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई. राज्य में 68,321 मतदान केंद्रों पर स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए करीब 1.3 लाख पुलिसकर्मियों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 190 कंपनियों को तैनात किया गया था. इसी के साथ 3,32,233 चुनाव कर्मी तैनात किए गए.
पिछले लोकसभा चुनावों में तमिलनाडु में 72.44 प्रतिशत मतदान हुआ था.अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की एकमात्र सीट के लिए संपन्न मतदान में 77.86 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार ए नमस्सिवायम का मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा सांसद वी वैथिलिंगम से है.
पुडुचेरी में 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में 81.25 प्रतिशत मतदान हुआ था.तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सत्यब्रत साहू ने बताया कि कुछ मामूली घटनाओं को छोड़कर राज्य में मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई.
अधिकारियों ने संकेत दिया कि मतदान प्रतिशत में कुछ मामूली बदलाव हो सकता है, क्योंकि मतदान केंद्रों पर शाम छह बजे की समय सीमा से पहले आने वाले मतदाताओं को बाद में भी मतदान करने की अनुमति दी गई. कुछ जगहों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में खराबी की खबरें आईं, लेकिन उन्हें ठीक कर लिया गया.
मुकाबला मोटे तौर पर त्रिकोणीय है जिसमें सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) द्रमुक, ऑल इंडिया अन्ना मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) और भाजपा अपने-अपने गठबंधनों का नेतृत्व कर रहे हैं.
राज्य में सुबह सात बजे मतदान प्रक्रिया तेजी से शुरू हुई और दोपहर तक कुछ समय के लिए धीमी गति से चली और बाद में मतदान समाप्त होने तक इसमें एक बार फिर तेजी रही.
उत्तरी तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में सबसे अधिक 75.67 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि चेन्नई मध्य सीट पर सबसे कम 67.35 प्रतिशत. इस सीट पर द्रमुक के दयानिधि मारन, भाजपा के विनोज पी सेल्वम और अन्नाद्रमुक के सहयोगी डीएमडीके के पार्थसारथी प्रमुख उम्मीदवार हैं.
कोयंबटूर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई को द्रमुक के गणपति राजकुमार, अन्नाद्रमुक के सिंगाई जी रामचंद्रन और नाम तमिलर काची (एनटीके) के कलामणि जगनाथन से तीन-तरफा चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. यहां पर 71.17 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.
अन्नामलाई ने दावा किया कि लगभग एक लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में नहीं पाए गए और उचित कार्रवाई की मांग की गयी.चेन्नई दक्षिण सीट पर भाजपा की तमिलिसाई सौंदरराजन अपनी किस्मत आजमा रही हैं. यहां 67.82 प्रतिशत मतदान हुआ. द्रमुक के तमिजाची थंगापांडियन और अन्नाद्रमुक के जे जयवर्धन से यहां उनका मुकाबला है.
धर्मपुरी 75.44 प्रतिशत के साथ दूसरा सबसे अधिक मतदान दर्ज करने वाली सीट रही. यहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सहयोगी पीएमके की सौम्या अंबुमणि का मुकाबला द्रमुक के ए. मणि और अन्नाद्रमुक के आर. अशोकन से है.
मयिलादुथुराई के महथनपुरम बूथ सहित कई स्थानों पर मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम गायब होने की कुछ शिकायतें मिली. साहू ने कहा कि इस मामले पर गौर किया जाएगा और लोगों से अपील की गई है कि वे मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशित होने की जांच करें. उन्होंने कहा कि सेलम में मतदान करने पहुंचे दो बुजुर्ग मतदाताओं की मौत हो गई और इसपर रिपोर्ट तलब की गई है.
लोकसभा चुनाव 2024 : BSP ने छठी सूची जारी की, वाराणसी से उम्मीदवार बदला
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के लिए वाराणसी और फिरोजाबाद में अपने उम्मीदवारों को बदलते हुए अपनी छठी सूची जारी कर 11 उम्मीदवारों के नाम घोषित किये. बसपा ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी. बसपा ने वाराणसी में प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के खिलाफ पूर्व में घोषित उम्मीदवार अतहर जमाल लारी को बदल कर सैयद नेयाज अली (मंजू भाई) का नाम घोषित किया है.
पार्टी ने फिरोजाबाद में पूर्व मंत्री चौधरी बशीर को उम्मीदवार बनाया है, जबकि इसके पहले यहां सत्येंद्र जैन सौली को प्रत्याशी घोषित किया गया था.बसपा ने हरदोई (आरक्षित) लोकसभा क्षेत्र में अपने विधान परिषद सदस्य भीमराव आंबेडकर को मौका दिया है. पार्टी द्वारा जारी सूची के अनुसार, मोहम्मद आलम को संत कबीर नगर लोकसभा सीट से, जबकि मनीष सिंह सचान को फतेहपुर सीट से मैदान में उतारा गया है.
सूची के मुताबिक, महेंद्र सिंह यादव सीतापुर से और मोहम्मद मौसमे आलम महराजगंज से बसपा उम्मीदवार होंगे. बसपा ने मिश्रिख (आरक्षित) सीट से बीआर अहिरवार, मछलीशहर (आरक्षित) से कृपाशंकर सरोज, भदोही से अतहर अंसारी और फूलपुर लोकसभा सीट से जगन्नाथ पाल को अपना उम्मीदवार बनाया है.
समीर वानखेड़े मामले में नया मोड़, जांच के लिए Anti Drugs Agency ने नए अधिकारी की नियुक्ति की
समीर वानखेड़े मामले में एक नया मोड़ देखने को मिल रहा है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने आईएस अधिकारी ज्ञानेश्वर सिंह को हटा दिया है. वे विशेष जांच दल (एसईटी) का नेतृत्व कर रहे थे. NCB ने नीरज कुमार गुप्ता को केंद्रीय सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) के रूप में नियुक्त किया है.
2021 के ड्रग्स-ऑन-क्रूज़ मामले के बाद इसके पूर्व मुंबई जोनल निदेशक समीर वानखेड़े द्वारा गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद एक नए सतर्कता अधिकारी नीरज कुमार गुप्ता को तीन महीने के लिए सीवीओ नियुक्त किया गया था.
एक आदेश में कहा गया कि वित्त मंत्रालय के उप महानिदेशक (विशेष विंग) नीरज कुमार गुप्ता, जो 2005 बैच के केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं, को तीन महीने के लिए अंशकालिक सीवीओ नियुक्त किया गया.
एनसीबी अधिकारियों ने बताया कि वानखेड़े मामले की जांच करने वाले एसईटी का नेतृत्व करने वाले आईपीएस अधिकारी ज्ञानेश्वर सिंह का कार्यकाल पूरा होने के बाद एक नया अधिकारी नियुक्त किया गया था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हर तीन साल के बाद सीवीओ बदलने की आधिकारिक प्रक्रिया के तहत सिंह की जगह गुप्ता को नियुक्त किया गया.
उनके अनुसार, ज्ञानेश्वर सिंह ने एनसीबी के महानिदेशक (डीजी) एसएन प्रधान को पत्र लिखा और कहा कि वह दो आधारों पर सीवीओ पद से अलग होना चाहते हैं - जिस ऑपरेशन विंग का वह नेतृत्व कर रहे हैं उसकी भारी ड्यूटी व्यस्तता और कुछ गुमनाम शिकायतें. उसके ख़िलाफ़, और वह हितों का टकराव नहीं चाहता था.
ज्ञानेश्वर सिंह का तीन साल का कार्यकाल समाप्त हो गया था और उन्होंने खुद ही एनसीबी संचालन निदेशालय का पूर्णकालिक प्रभार सौंपने की मांग की थी जो समन्वय में एजेंसी की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई का समन्वय करता है.
कौन हैं ज्ञानेश्वर सिंह?
ज्ञानेश्वर सिंह, 1999-बैच के हिमाचल प्रदेश कैडर के भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी, एनसीबी मुख्यालय में डीडीजी (संचालन, प्रवर्तन और परिचालन नियंत्रण) के रूप में कार्यरत हैं और उन्हें पिछले तीन वर्षों से सीवीओ के रूप में भी नामित किया गया था.
सीवीओ को एनसीबी के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ की गई शिकायतों की जांच करने का अधिकार है जो अन्य सतर्कता और भ्रष्टाचार विरोधी मामलों को संभालने के अलावा हाई-प्रोफाइल और संवेदनशील दवाओं की तस्करी के मामलों की जांच करते हैं.
सीवीओ द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी), कैडर नियंत्रण अधिकारियों और अन्य को आगे की कार्रवाई के लिए भेजी जाती है.
ज्ञानेश्वर सिंह की अध्यक्षता वाली ऑपरेशन विंग ने हाल ही में फरवरी में गुजरात तट से 3,300 किलोग्राम ड्रग्स की जब्ती के साथ समुद्र से भारत के अब तक के सबसे बड़े नशीले पदार्थों के भंडाफोड़ का भंडाफोड़ किया, और इसने कथित तौर पर एक बर्खास्त पदाधिकारी जाफर सादिक के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी रैकेट का भी खुलासा किया.
ज्ञानेश्वर सिंह के नेतृत्व में एनसीबी एसईटी ने वानखेड़े और उनकी टीम की ओर से मुख्य रूप से दो मामलों में कथित खामियां पाई थीं. पहला ड्रग्स-ऑन-क्रूज़ छापे के संचालन में कथित अनियमितताएं, और दूसरा केंद्रीय सिविल सेवा (सीसीएस) नियमों के तहत उल्लंघन. .
एसईटी ने यह रिपोर्ट केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) को सौंपी, जिसने माना था कि ज्ञानेश्वर सिंह कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग्स मामले के संबंध में आईआरएस अधिकारी वानखेड़े द्वारा कथित प्रक्रियात्मक खामियों की जांच के लिए गठित जांच दल का हिस्सा नहीं हो सकते थे. कैट ने इस आदेश के खिलाफ एजेंसी द्वारा दायर समीक्षा याचिका को भी खारिज कर दिया था.
समीर वानखेड़े के नेतृत्व में एनसीबी मुंबई ने अक्टूबर 2021 में मुंबई में एक क्रूज पर छापा मारने के बाद अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और कुछ अन्य को ड्रग्स के आरोप में गिरफ्तार किया था. एक अन्य एनसीबी अधिकारी डीडीजी संजय कुमार सिंह ने सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर आगे बढ़ने की मंजूरी प्राप्त की थी. वीआरएस) गुरुवार को.
ओडिशा कैडर के 1996-बैच के आईपीएस अधिकारी संजय कुमार सिंह ने एनसीबी की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का नेतृत्व किया, जिसने आर्यन खान और पांच अन्य को उनके खिलाफ सबूतों की कमी का हवाला देते हुए क्लीन चिट दे दी थी. इस मामले में श्री वानखेड़े की अध्यक्षता में एनसीबी मुंबई द्वारा की गई जांच ने सुर्खियां बटोरीं.
संजय कुमार सिंह वर्तमान में डीडीजी (दक्षिण पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्र) के रूप में तैनात हैं और वह मुंबई में एनसीबी द्वारा की गई दो अन्य जांचों में श्री वानखेड़े की भूमिका की जांच कर रहे हैं. वह 30 अप्रैल को एजेंसी छोड़ देंगे
...जब छात्र ने सलमान खान के घर के बाहर से बुक की लॉरेंस बिश्नोई के लिए कैब, महंगा पड़ा प्रैंक
मुंबई में गैलेक्सी अपार्टमेंट पर गोलीबारी के बाद से अभिनेता सलमान खान (Salman Khan) की सुरक्षा को लेकर पुलिस और दूसरी एजेंसियां बेहद सतर्क हैं. हालांकि एक कैब ने पुलिस की नींद उड़ा दी. दरअसल, जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) के नाम पर एक कैब बुक की गई थी. खास बात ये है कि यह कैब गैलेक्सी अपार्टमेंट (Galaxy Apartment) से बांद्रा पुलिस स्टेशन के लिए बुक की गई थी. इस मामले में पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है.
अभिनेता सलमान खान गैलेक्सी अपार्टमेंट पर हुई गोलीबारी के बाद आज पहली बार नजर आए. जानकारी के मुताबिक, सलमान खान आज दुबई के लिए रवाना हुए, लेकिन सलमान खान अपने घर से जैसे ही मुंबई एयरपोर्ट के लिए निकले उसके कुछ ही घंटे के बाद एक कैब गैलेक्सी अपार्टमेंट के गेट पर आकर रुकी और कैब ड्राइवर ने चौकीदार से जैसे ही बात की मौके पर हड़कंप मच गया.
इस मामले में जानकारी देते हुए पुलिस ने कहा कि एक शख्स ने लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर गैलेक्सी अपार्टमेंट से बांद्रा पुलिस स्टेशन के लिए एक कैब बुक की थी. गैलेक्सी अपार्टमेंट में अभिनेता सलमान खान का घर है.
पुलिस के मुताबिक, जब कैब ड्राइवर गैलेक्सी अपार्टमेंट पहुंचा और उसने चौकीदार से बुकिंग के बारे में पूछा तो चौकीदार पहले तो स्तब्ध रह गया. इसके बाद उसने तुरंत बांद्रा पुलिस स्टेशन को इस बारे में सूचित किया.
लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर कैब बुक कर किया था मजाक
पुलिस ने कैब ड्राइवर से पूछताछ की और उस शख्स के बारे में पता लगाया, जिसने कैब बुक की थी. पुलिस ने कहा, जिस व्यक्ति ने कैब बुक की थी वह गाजियाबाद का 20 साल का एक छात्र निकला, उसकी पहचान रोहित त्यागी के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि आरोपी ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर कैब बुक कर मजाक किया था.
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उसे मुंबई लाया गया और अदालत के सामने पेश किया गया. जहां से उसे दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
14 अप्रैल को गैलेक्सी अपार्टमेंट पर हुई थी फायरिंग
रविवार 14 अप्रैल को सुबह करीब 5 बजे मोटरसाइकिल पर आए दो लोगों ने गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर फायरिंग की और मौके से भाग निकले थे. सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि दोनों आरोपियों ने टोपी पहन रखी थी और बैकपैक ले रखा था. मंगलवार को कच्छ पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंप दिया. बाद में एक अदालत ने दोनों आरोपियों को 25 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था.
आरोपियों की पहचान बिहार के विक्की गुप्ता (24) और सागर पाल (21) के रूप में हुई, जिन्हें मेडिकल जांच के बाद अदालत में पेश किया गया था.
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कच्छ के डीएसपी ने कहा था कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपी लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के संपर्क में थे.
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वोटिंग ट्रेंड बदलने से सरकार रिपीट या डिफीट? देखें- पिछले 12 चुनावों का Analysis
लोकसभा चुनाव 2024 (लोकसभा चुनाव 2024 ) को लेकर शुक्रवार को पहले चरण का मतदान संपन्न हुआ. पहले चरण के लिए देश की 21 राज्यों की 102 सीटों पर लगभग 63.7 प्रतिशत वोट डाले गए हैं. पिछले 47 सालों में हुए 12 लोकसभा चुनावों के आंकड़ों को देखने के बाद एक बात जो सामने आती है वो है कि चुनाव आयोग (Election Commission) के तमाम प्रयासों के बाद भी देश के आम चुनावों में मतदान का आंकड़ा 60 से 70 प्रतिशत के आसपास ही रहा है. पिछले 12 चुनावों में सबसे कम मतदान 1991 में देखने को मिला जब 55.9 प्रतिशत मतदान हुए थे वहीं सबसे अधिक मतदान 2019 में हुआ था जब 67.4 प्रतिशत वोट पड़े थे. आइए जानते हैं कि कम मतदान और अधिक मतदान का चुनाव परिणाम पर क्या असर रहा है.
मतदान में बढ़ोतरी का क्या रहा है परिणाम पर असर?
12 में से 7 चुनावों में मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी देखने को मिली. इन चुनावों के परिणाम पर नजर देने के बाद पता चलता है कि 7 में से 4 बार सरकार बदली. वहीं 3 चुनावों में सरकार नहीं बदली अर्थात सत्ताधारी दल को वोट परसेंट के बढ़ने का फायदा भी हो सकता है और नुकसान भी हो सकता है. साल 1984, 2009 और 2019 के चुनावों में वोट परसेंट के बढ़ने का लाभ सत्ताधारी दल को हुआ और उसकी बड़ी बहुमत के साथ वापसी हुई.
मतदान प्रतिशत में गिरावट का क्या रहा है असर?
12 में से 5 चुनावों में मतदान प्रतिशत में गिरावट देखने को मिले है. जब-जब मतदान प्रतिशत में कमी हुई है 4 बार सरकार बदल गयी है. वहीं एक बार सत्ताधारी दल की वापसी हुई है. 1980 के चुनाव में मतदान प्रतिशत में गिरावट हुई और जनता पार्टी की सरकार सत्ता से हट गयी. जनता पार्टी की जगह कांग्रेस की सरकार बन गयी. वहीं 1989 में एक बार फिर मत प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गयी और कांग्रेस की सरकार चली गयी. विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनी. 1991 में एक बार फिर मतदान में गिरावट हुई और केंद्र में कांग्रेस की वापसी हो गयी. 1999 में मतदान में गिरावट हुई लेकिन सत्ता में परिवर्तन नहीं हुआ. वहीं 2004 में एक बार फिर मतदान में गिरावट का फायदा विपक्षी दलों को मिला.
60 प्रतिशत से अधिक मतदान होने पर किसे मिली जीत?
पिछले 12 चुनावों में से 1977, 1984,1989, 1998,1999,2014 और 2019 के चुनावों में 60 प्रतिशत से अधिक वोट पड़े हैं. इन चुनावों के परिणाम को अगर देखें तो 1977,1989, 1998 और 2014 के चुनावों में सत्ता में परिवर्तन देखने को मिली. वहीं तीन चुनाव 1989,1999 और 2019 के चुनावों में 60 प्रतिशत से अधिक वोटिंग के बाद भी सत्ताधारी दलों की वापसी हुई.
कम मतदान प्रतिशत वाले चुनावों का हाल
जिन चुनावों में 60 प्रतिशत से कम वोट पड़े उन चुनावों के परिणाम पर अगर नजर डाले तो 1980 के चुनाव में 56.9 प्रतिशत वोट पड़े थे और केंद्र में सत्ता परिवर्तन हो गया था. जनता पार्टी की सरकार हार गयी थी और कांग्रेस की वापसी हो गयी थी. 1991 के चुनाव में 55.9 प्रतिशत वोट पड़े थे और केंद्र में एक बार फिर कांग्रेस की वापसी हो गयी थी. 1996 के चुनाव में 57.9 प्रतिशत वोट पड़े थे खंडित जनादेश मिलने के बाद संयुक्त मोर्चा की सरकार बनी थी. 2004 और 2009 के चुनावों में भी कम वोट परसेंट रहे थे इन चुनावों में कांग्रेस की सरकार बनी थी.
पिछले तीन चुनाव से लगातार बढ़ रहे थे वोट परसेंट
पिछले तीन चुनावों से वोट परसेंट में बढ़ोतरी देखने को मिल रही थी. साल 2009 के चुनाव नें 2004 की तुलना में वोट परसेंट में बढ़ोतरी दर्ज की गयी थी. वहीं 2014 के चुनाव में 2009 की तुलना में बंपर वोटिंग हुई थी. इस चुनाव में लगभग 8 प्रतिशत अधिक वोट पड़े थे. वहीं 2019 के चुनाव में 2014 की तुलना में 1.6 प्रतिशत अधिक वोट पड़े थे.
वोट प्रतिशत में गिरावट के क्या कारण हो सकते हैं?
वोट प्रतिशत में गिरावट न सिर्फ उत्तर भारत के राज्यों में दर्ज किए गए हैं बल्कि यह गिरावट दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर के राज्यों में भी देखने को मिले हैं. उत्तर भारत में जहां भीषण गर्मी को भी इसका एक अहम कारण माना जा सकता है लेकिन पूर्वोत्तर के पहाड़ी राज्यों में भी मत प्रतिशत में गिरावट देखने को मिली है.पूरे देश में एक ट्रेंड देखा गया है कि लगभग सभी राज्यों में 7 से 12 प्रतिशत तक मतों में गिरावट दर्ज की गयी है.
छिटपुट घटनाओं के बीच देश में शांतिपूर्ण हुआ मतदान
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर शुक्रवार को शाम सात बजे तक 64 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. इस दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाएं सामने आईं, वहीं छत्तीसगढ़ में एक ग्रेनेड लांचर के गोले में दुर्घटनावश विस्फोट होने से सीआरपीएफ के एक जवान की मौत हो गई. निर्वाचन आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि मतदान का आंकड़ा अभी केवल अनुमान आधारित है और मतदान शांतिपूर्ण एवं निर्बाध तरीके से हुआ.
लोकसभा चुनाव के साथ शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव के लिए भी मतदान किया जा रहा है. विभिन्न मतदान केंद्रों पर पहली बार मतदान करने वालों में विवाह परिधान में आए कई नवविवाहित जोड़े, दिव्यांग लोग और स्ट्रेचर तथा व्हीलचेयर पर आए कुछ बुजुर्ग शामिल थे.
VIDEO: समस्तीपुर में तेजस्वी यादव की सभा के बाद नाश्ते के लिए भीड़ ने की लूटामारी
Lok Sabha Elections 2024: समस्तीपुर में लोकसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव की जनसभा के बाद अराजकता की स्थिति देखने को मिली. जनसभा में शामिल लोगों के लिए नाश्ते की व्यवस्था की गई थी. जैसे ही सभा समाप्त हुई, नाश्ता पाने के लिए लोगों ने भारी मशक्कत करना शुरू कर दी.
नाश्ता लूटने में जुटी भीड़ में शामिल कोई व्यक्ति नाश्ते के 5 तो कोई 10 पैकेट लेकर चलता बना. यहां तक कि भीड़ नाश्ता पाने के लिए मंच पर भी चढ़ गई. नाश्ता बांटने वाला एक शख्स झल्लाकर भीड़ पर बेल्ट चलाता हुआ भी नजर आया.
लोकसभा चुनाव को लेकर हर पार्टी में मतदाताओं को लुभाने की होड़ लगी है. समस्तीपुर जिले से एक वीडियो सामने आया है. यह वीडियो मुसरीघरारी में तेजस्वी यादव की चुनावी सभा का है. वहां तेजस्वी यादव को सुनने आए उनके समर्थकों में सभा के बाद अफरातफरी मच गई.
#LokSabhaElections2024 : लोकसभा चुनाव को लेकर समस्तीपुर में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की जनसभा हुई, सभा खत्म होने के बाद नाश्ते की गाड़ी आते ही लोग नाश्ता लूटने के लिए टूट पड़े
पढ़ें पूरी खबर : https://t.co/bFBxHT3nwm#TejashwiYadav pic.twitter.com/ZICwiICDUV
तेजस्वी के जाने के बाद रैली में पहुंचे लोगों में नाश्ता लूटने के लिए होड़ मच गई. इस वजह से दर्जनों लोग आपस में भिड़ गए. नाश्ता लूटने के दौरान भीड़ मंच पर भी चढ़ गई. इस दौरान नाश्ता बांट रहे युवक ने भीड़ से बचने के लिए बेल्ट चला दिया जिसके बाद और भी जमकर बवाल हुआ.
इस घटनाक्रम का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. दरअसल शुक्रवार को उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र से आरजेडी के प्रत्याशी आलोक कुमार मेहता ने नामांकन दाखिल किया. नामांकन के बाद तेजस्वी यादव की सभा थी. सभा खत्म होने के बाद नाश्ते की गाड़ी आते ही लोग नाश्ता लूटने के लिए टूट पड़े.
लोकसभा चुनाव 2024 : भारत-बांग्लादेश सीमा की बाड़ पार करके वोट डालने आए 2500 लोग
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में शुक्रवार को त्रिपुरा (Tripura) में वोट डालने के लिए करीब 2500 मतदाताओं ने भारत-बांग्लादेश सीमा (India-Bangladesh Border) पर बाड़बंदी (Fencing) पार की. कंटीले तारों की बाड़ ने भले ही उनके जीवन पर ग्रहण लगा दिया, लेकिन उनमें से कोई भी लोकतंत्र के इस सबसे बड़े त्योहार में अपने मताधिकार का प्रयोग करने का अवसर नहीं छोड़ना चाहता. ऐतिहासिक कारणों से त्रिपुरा में बड़ी संख्या में मतदाताओं को कंटीले तारों की बाड़ के उस पार रहना पड़ रहा है.
बाड़ के उस पार रहने वाले जो लोग मतदान के लिए निर्धारित आयु के हो चुके हैं, उनका नाम अब त्रिपुरा की मतदाता सूची में शामिल हो गया है. मतदान की सुविधा के लिए सुबह से ही सीमा का रास्ता खोल दिया गया था.
चुनाव के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्यधारा से कटे हुए भारतीय नागरिकों ने कहा कि उन्हें अधिकारियों से हर तरह का सहयोग मिला ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपना वोट डाल सकें.
बांग्लादेश में कंटीले तारों की बाड़ के किनारे रहने वाले एक भारतीय नागरिक हफीजुर रहमान ने एएनआई से कहा कि उनके गांव में रहने वाले सभी 50 मतदाता इस चुनाव में अपना वोट डालने के लिए उत्सुक थे. रहमान ने एएनआई को बताया कि, जब मतदान चल रहा हो तो सीमा द्वार खुले रहते हैं.
सीमा पर गेटों पर तैनात सीमा सुरक्षा बल हर दिन बाड़ पार करने वाले ग्रामीणों के फोटो पहचान पत्रों को वेरिफाई करते हैं. मतदान के दिन भी सत्यापन हुआ. अगरतला शहर के बेहद करीब स्थित जयनगर इलाके में महिला बीएसएफ कर्मी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती रहीं.
रामनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव की निवासी फूल बानू बेगम ने कहा, हमारे गांव में रहने वाले परिवार सुबह से ही चुनाव प्रक्रिया में भाग लेते रहे. हमें अब तक कोई समस्या नहीं हुई. कई लोग पहले ही मतदान कर चुके हैं. सब कुछ शांति से चला. हम बाड़ के आगे रहते हैं.
पश्चिम त्रिपुरा संसदीय सीट के रिटर्निंग ऑफिसर के अनुसार, बाड़ के उस पार रहने वाले मतदाताओं की कुल संख्या 2,500 है. बाड़ से आगे के सभी गांव पश्चिमी त्रिपुरा संसदीय क्षेत्र में आते हैं. आरओ पश्चिम त्रिपुरा डॉ विशाल कुमार ने कहा, मतदान प्रतिशत संतोषजनक है. कुल मतदान प्रतिशत निश्चित रूप से 80 प्रतिशत के आंकड़े को पार कर जाएगा.
पश्चिम त्रिपुरा लोकसभा क्षेत्र में बाड़बंदी के उस पार रहने वाली आबादी पर डॉ कुमार ने कहा, यदि आप पूरे संसदीय क्षेत्र पर विचार करते हैं, तो 2,500 से अधिक मतदाता शून्य रेखा और बाड़बंदी के बीच रहते हैं और उनमें से अधिकांश बॉक्सनगर में रहते हैं. वहां की आबादी लगभग 1,600 है और सभी यहां मतदान करते हैं. हमने देखा है कि पिछले साल बड़ी संख्या में मतदाताओं ने मतदान किया था.
कौन हैं प्रज्ञा मिश्रा जिसे भारत में OpenAI ने बनाया अपना पहला कर्मचारी?
सैम ऑल्टमैन द्वारा संचालित ओपनएआई (OpenAI) ने भारत में अपने पहले कर्मचारी के रूप में प्रज्ञा मिश्रा को नियुक्त किया है. सूत्रों ने शुक्रवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि प्रज्ञा मिश्रा को देश में सार्वजनिक नीति मामलों (Public policy affairs) और भागीदारी का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया है. वो इससे पहले ट्रूकॉलर के लिए सार्वजनिक मामलों के निदेशक के रूप में काम कर चुकी हैं. जहां उन्होंने सरकारी मंत्रालयों, निवेशकों, प्रमुख हितधारकों और मीडिया भागीदारों के साथ मिलकर काम किया है. इससे पहले, उन्होंने मेटा प्लेटफ़ॉर्म के साथ भी तीन साल तक काम किया है.
उन्होंने 2018 में गलत सूचना (misinformation) के खिलाफ व्हाट्सएप के अभियान का भी नेतृत्व किया था और अर्न्स्ट एंड यंग के साथ-साथ दिल्ली में रॉयल डेनिश एंबेसी के साथ भी काम कर चुकी है. मिश्रा ने 2012 में इंटरनैशनल मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट से एमबीए की डिग्री ली थी.
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कॉमर्स में ग्रेजुएशन की डिग्री लेने के बाद लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से Bargaining and Negotiations में डिप्लोमा भी किया है. वो इंस्टाग्राम पर एक इन्फ्लुएंसर के तौर पर काम करती रही हैं. वह ध्यान और चेतना जैसे विषयों को कवर करने वाले प्रज्ञान पॉडकास्ट भी करती रही हैं.
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गिरते बालों से हैं परेशान तो हफ्ते में एक बार 5 मिनट के लिए जड़ों पर लगा लीजिए ये खास चीज, जावेद हबीब ने बताया सीक्रेट
Hair Regrowth Tips: आज के समय में लोग अपने काम में इतना बिजी हो गए हैं कि सेल्फ केयर के लिए उनको टाइम नहीं मिल पाता है. बिजी शेड्यूल का असर उनके खाने-पीने पर भी पड़ता है. शरीर में पोषक तत्वों की कमी से कई बार लोग कई तरह की समस्याओं से घिर जाते हैं जिसमें से एक है बालों का झड़ना. आज कम समय में अधिकतर लोग बालों के सफेद होने और झड़ने की वजह से परेशान रहते हैं. बालों के झड़ने की वजह से वो धीरे-धीरे गंजेपन का शिकार होने लगते हैं. हालांकि बाजार में कई तरह के हेयर प्रोडक्ट मौजूद हैं जो इस समस्या का समाधान करने का दावा करती हैं, लेकिन इनका रिजल्ट हमेशा पॉजिटिव हो ऐसा जरूरी नहीं होता. साथ में इनमें पाए जाने वाले केमिकल आपके बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. अगर आप भी बालों के झड़ने और गंजेपन की समस्या से परेशान हैं तो जाने-माने हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब ने एक ऐसा नुस्खा बताया है जिसकी मदद से आप बालों का झड़ना रोकने के साथ हेयर रीग्रोथ भी कर सकते हैं. उन्होंने जो नुस्खा बताया है उसके लिए जिस चीज की जरूरत है वो आपके किचन में आसानी से मिल जाती है. इसके लिए आपको मार्केट से कुछ भी अलग से जाकर खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
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उन्होंने बताया कि अगर आपके बाल पतले हो गए है और हेयर फॉल नहीं रूक रहा है तो आप इसके लिए प्याज के रस का इस्तेमाल कर सकते हैं. आप इसको पीसकर इसका रस निकाल कर अलग कर लें. अब इस रस को कॉटन की मदद से बालों की जड़ों पर लगाएं. इससे पहले बालों की जड़ों को हल्का सा गीला जरूर कर लें. प्याज के रस को बालों की जड़ों पर लगाकर 5 मिनट तक मसाज करें. मसाज करने के बाद इसे लगभग 5 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर बालों को माइल्ड शैंपू से धो लें. बेहतर रिजल्ट के लिए इसे हफ्ते में एक बार जरूर लगाएं. इससे आपके बाल फिर से निकलने लगेंगे.
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Weight Gain Home Remedies: आज के समय में जहां अमूमन लोग मोटापे की वजह से परेशान हैं तो, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने दुबलेपन को लेकर के परेशान रहते हैं. दुबलापन न सिर्फ उनकी पर्सनैलिटी को खराब करता है. बल्कि कई लोग इसका मजाक भी उड़ाते हैं. हद से ज्यादा दुबलापन आपको बीमार भी बना सकता है. कई बार लोगों की डाइट अच्छी होती है फिर भी उनपर फैट चढ़ता ही नही है. वहीं कई बार लाख कोशिशों के बाद भी सेहत पर कोई सुधार नहीं दिखता है. ऐसे में आपके काम आ सकता है एक जबरदस्त घरेलू नुस्खा. आपके किचन में मौजूद एक ड्राई फ्रूट आपका वेट गेन करने में आपकी मदद कर सकता है. हम बात कर रहे हैं किशमिश की. बता दें कि ये छोटी सी किशमिश कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है जो वजन बढ़ाने में आपकी मदद कर सकती है.
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नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश हुई एक रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि की गई है कि किशमिश अन्य स्वास्थ्य लाभों के साथ वजन बढ़ाने में भी आपकी मदद कर सकती है. 100 ग्राम किशमिश में लगभग 299 कैलोरी होती है. ऐसे में अगर आप वेट गेन करना चाहते हैं, तो किशमिश का सेवन कर सकते हैं. किशमिश में डाइटरी फाइबप, पोटैशियम, मैग्नीशियम, विटामिन सी, विटामिन ई पाया जाता है. इसके अलावा भी इसमें ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो वजन बढ़ाने में आपकी मदद कर सकते हैं.
वजन बढ़ाने के लिए किशमिश का सेवन कैसे करें ( How to Eat Raisins for Weight Gain)अगर आप तेजी से वजन बढ़ाना चाहते हैं तो हर रोज 10-12 किशमिश को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. आप रात को सोने से पहले 10-12 किशमिश को पानी में भिगोकर रख दें. अगले दिन सुबह उठकर खाली पेट इस किशमिश का सेवन करें. इसके अलावा आप इसे शेक, स्मूदी या पिर हलवा, खीर में डालकर भी इसको खा सकते हैं.
How to Gain Weight (Hindi) : तेजी से वजन कैसे बढ़ाएं, इन Tips से बनेंगी मसल्सकेजरीवाल के खिलाफ रची जा रही साजिश, जेल में उनके साथ कुछ भी हो सकता है: AAP सांसद संजय सिंह
आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है और जेल में उनके साथ कुछ भी हो सकता है. यहां एक संवाददाता सम्मेलन में सिंह ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) किसी की हत्या करने के स्तर तक भी गिर सकती है. साथ ही उन्होंने केजरीवाल के जीवन को खतरे में डालने की साजिश में कथित रूप से शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
सिंह ने आरोप लगाया, अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है और जेल के अंदर उनके साथ कुछ भी हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि आप नेता इस मुद्दे को उठाने के लिए निर्वाचन आयोग और राष्ट्रपति से मिलेंगे. दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी ने बताया कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अदालत में एक अर्जी दाखिल कर इंसुलिन और दवाएं मुहैया कराने की अपील की है. वहीं, इससे एक दिन पहले आतिशी ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री को जेल में घर का बना भोजन और इंसुलिन से वंचित कर मारने की साजिश रची जा रही है, लेकिन तिहाड़ जेल अधिकारियों ने उनके इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया.
आतिशी ने शुक्रवार को कहा, केंद्र, प्रवर्तन निदेशालय और तिहाड़ (प्रशासन) इसका विरोध क्यों कर रहे हैं? हमने सुना है कि आजादी से पहले कैदियों के साथ ऐसी चीजें होती थीं. यह सब एक बड़ी साजिश का हिस्सा है. आतिशी ने सवाल किया, तिहाड़ प्रशासन ने किस कानूनी प्रावधान के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ (केजरीवाल की स्वास्थ्य संबंधी) जानकारियां साझा कीं? जांच एजेंसी का एक ही काम है कि वे धनशोधन की जांच करें. क्या आप ने उनकी रोटियों में नकदी मिलाई? ईडी को ये सभी जानकारियों क्यों साझा की गईं? ईडी ने इन्हें अदालत में क्यों जमा किया?”
ईडी ने बृहस्पतिवार को अदालत के समक्ष दावा किया कि केजरीवाल चिकित्सा आधार पर जमानत पाने के लिए मधुमेह होने के बावजूद हर दिन आम और मिठाई जैसे ज्यादा शर्करा वाले खाद्य पदार्थ खा रहे हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता और दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आप के आरोपों पर पलटवार करते हुए दावा किया कि वे केजरीवाल की स्वास्थ्य स्थिति के जरिये राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं.
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता बिधूड़ी ने सुझाव दिया कि तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री को केवल एक आहार विशेषज्ञ की सलाह पर ही भोजन दिया जाना चाहिए. आप नेता संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री मधुमेह के लिए इंसुलिन लेते हैं. उन्होंने कहा कि यदि मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति को समय पर इंसुलिन नहीं दी जाएगी तो उसकी मौत भी हो सकती है. राज्यसभा सदस्य ने पूछा, भाजपा के इशारे पर उनकी (केजरीवाल की) जिंदगी से क्यों खिलवाड़ किया जा रहा है और उन्हें इंसुलिन क्यों नहीं मुहैया कराई जा रही है?
संजय सिंह ने केजरीवाल की बीमारी का मजाक उड़ाने के लिए भाजपा नेताओं की आलोचना की. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के बारे में मीडिया के माध्यम से भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं.
उन्होंने सवाल किया, यदि जेल के नियमों के अनुसार किसी कैदी की स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां साझा करने की इजाजत नहीं होती है तो ईडी ने बृहस्पतिवार को मीडिया में केजरीवाल का फर्जी आहार चार्ट क्यों साझा किया? संजय सिंह के आरोप पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. सिंह ने कथित तौर पर केजरीवाल की रक्त शर्करा रिपोर्ट पढ़ते हुए बताया कि 12 अप्रैल को उनका शर्करा स्तर 320 एमजी/डीएल, 13 अप्रैल को 270 एमजी/डीएल, 14-15 अप्रैल को 300 एमजी/डीएल, 16 अप्रैल को 250 एमजी/डीएल और 17 अप्रैल को 280 एमजी/डीएल था.
सिंह ने कहा, यह उनकी वास्तविक रक्त शर्करा रिपोर्ट है, जिसके बारे में उन्होंने अपने परिवार को भी बताया है. हम सभी जानते हैं कि उनके पास एक शुगर पैच (रक्त शर्करा निगरानी उपकरण) है, जैसा कि मेरे पास था जब मैं जेल में गया था. उन्होंने दावा किया कि वह भी पिछले छह महीने से मधुमेह से ग्रसित हैं. सिंह ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि केजरीवाल अपने ऊपर लगे आरोपों के कारण नहीं झुकेंगे.
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आतिशी ने ईडी पर भाजपा का सहायक संगठन होने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया, यह भाजपा का एक राजनीतिक उपकरण है. दिल्ली की कैबिनेट मंत्री ने उन दावों से इनकार किया, जिसमें केजरीवाल पर नवरात्र के दौरान अंडे खाने का आरोप लगाया गया था. इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए आतिशी ने कहा, यह भाजपा का झूठ का पुलिंदा है. केजरीवाल ने नवरात्र के दौरान उपमा, उत्तपम और पोहा खाया था.
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NDTV Election Carnival का काफिला पहुंचा जमशेदपुर, स्थानीय मुद्दों के साथ भ्रष्टाचार और इलेक्टोरल बॉन्ड पर भी हुई बात
एनडीटीवी इलेक्शन कार्निवल (NDTV Election Carnival) का काफिला दिल्ली से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार होते हुए झारखंड (Jharkhand) के जमशेदपुर पहुंच चुका है. जमशेदपुर झारखंड की औद्योगिक नगरी है. इस शहर का एक नाम टाटा नगर भी है. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर जमशेदपुर में कांग्रेस और जेएएम का गठबंधन यह तय नहीं कर सका है कि इस सीट से किसे चुनाव मैदान में उतारा जाए. जमशेदपुर में राजनेताओं ने स्थानीय और राष्ट्रीय मुदृों पर बेबाकी से अपनी राय रखी. कार्यक्रम में राज्य सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, भाजपा जिलाध्यक्ष सुधांशु ओझा, कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष रवींद्र झा और चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष मुरलीधर केडिया ने शिरकत की. कार्यक्रम के दौरान झारखंड के लोक कलाकारों ने अपने लोकनृत्यों से समां बांध दिया.
राज्य सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का दावा किया और राज्य सरकार की स्वास्थ्य से जुड़ी उपलब्धियों को गिनाया. उन्होंने कहा कि कोविड के समय डबल इंजन की सरकार नहीं थी और बिना डबल इंजन की सरकार के भी हमने कोविड जैसी विश्वव्यापी बीमारी से हम पूरी तरह से लड़े और उसके विरुद्ध इतना बड़ा शंखनाद किया कि भारत सरकार को यह मानना पड़ा कि देश में झारखंड तीसरे स्थान पर आया. बन्ना गुप्ता ने कहा कि मैं ग्रेटर जमशेदपुर बनाने के पक्ष में है.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने को लेकर बन्ना गुप्ता ने कहा कि आप को भी जेल भेजा जा सकता है और हमें भी जेल भेजा जा सकता है. जो लाक्षागृह में जलते हैं, वो ही सूरमा निकलते हैं.
वहीं कल्पना सोरेन के विधायक बनने और उसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने के सवाल पर गुप्ता ने कहा कि जिस दिन से सरकार का गठन हुआ था, उस दिन भाजपा के मित्रों ने सरकार गिरने की घोषणा कर दी थी और तारीख बता दी थी. चार उपचुनाव हुए हैं, उनमें से तीन में हमने भारी बहुत से जीत हासिल की है. उन्होंने कहा कि लोगों को मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखने की आदत है. अब कल्पना सोरेन के नाम से एक शिगूफा छोड़ दीजिए. उन्होंने कहा कि वो तय करना हमारी गठबंधन और हमारे दल के लोगों का यह साझा नेतृत्व तय करेगा कि आने वाले समय में झारखंड के हमारे गठबंधन की दिशा और दशा क्या होगी.
एक सवाल के जवाब में उनहोंने कहा कि राजनीति में अभिव्यक्ति की आजादी को कोई छीन नहीं सकता है. उन्होंने कहा कि हम शेर हैं, लेकिन आदमखोर न हैं और न थे और न रहेंगे. जेल से हमारे हेमंत सोरेन शेर की तरह दहाड़ रहे हैं. पूरे धैर्य के साथ इस देश के लोकतंत्र को बचाएंगे भी और भविष्य में इस लोकतंत्र को चलाएंगे भी.
सोरेन ने भाजपा से समझौता नहीं किया : रवींद्र झा
कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष रवींद्र झा ने कहा कि आजादी की लड़ाई कांग्रेस के नेताओं ने लड़ी और बरसों तक जेल में रहकर इस हिंदुस्तान को आजाद करवाया. निश्चित रूप से हिंदुस्तान की आजादी में सभी धर्मों का योगदान रहा.
उन्होंने हेमंत सोरेन को लेकर कहा कि उनकी गलती सिर्फ यही थी कि वह भाजपा के सामने झुके नहीं और भाजपा से उन्होंने समझौता नहीं किया. हेमंत सोरेन निर्दोष हैं और उनका कोई दोष नहीं है. वह निर्दोष हैं, इस बार के चुनाव में यहां की जनता फैसला करेगी और हमारा जो जेएमएम का कैंडिडेट होगा, वो जीतेगा.
कांग्रेस नेता ने कहा कि जमशेदपुर में एयरपोर्ट की जरूरत है. एनओसी को लेकर के राज्य सरकार प्रयास कर रही है, लेकिन कहीं न कहीं सेना की बात आ रही है और फॉरेस्ट की बात आ रही है. इसलिए जो भी अड़चन है, उसे दूर कर लिया जाएगा.
सारी ब्लैक मनी इनके पास रहती थी : ओझा
बीजेपी के जिलाध्यक्ष सुधांशु ओझा ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जो जितनी बड़ी पार्टी, देश की राजनीति में जितना योगदान है, लोग उस रूप में चंदा देते हैं. हमारे प्रति सांसद तीन गुना चंदा इन्हें मिला है. उन्होंने कहा कि अब तक सारी ब्लैक मनी इनके पास रहती थी. उन्होंने कहा कि किसी चीज में कमी हो सकती है, लेकिन मोदीजी में नीयत की खोट नहीं हो सकती है.
भाजपा नेता ने कहा कि जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र का बडा भाग शहर के साथ ग्रामीण भी है. यहां की जमीन उपजाऊ नहीं है और आप जब गांवों में जाएंगे तो यह पूरा क्षेत्र नक्सल प्रभावित क्षेत्र था. हर ब्लॉक-हर गांव में आज से 10 साल पहले कोई जाता नहीं था. उस समय की फिजां और आज की फिजां में बहुत बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि जहां नक्सलियों का डर था, आज वहां पर पुलिस चौकियां बन गई हैं.
भ्रष्टाचार के कारण ही देश पीछे रह रहा : केडिया
वहीं चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष मुरलीधर केडिया ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार मुद्दा है. भ्रष्टाचार के कारण ही देश पीछे रह रहा है. उन्होंने कहा कि हम जितनी भी बातें कर लें, लेकिन हर विभाग में भ्रष्टाचार है. इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है.
हेमंत सोरेन के भ्रष्टाचार करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जितने भी नेता हैं, जिनके मामले कोर्ट में लंबित हैं, जो जेल में हैं, वो हर नेता कहते हैं कि मैं निर्दोष हूं. लेकिन जो बार-बार जोर देकर कहते हैं कि मैं निर्दोष हूं और उनकी कई महीनों तक जमानत नहीं होती है तो जनता कैसे मान लेगी कि वो निर्दोष हैं.
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NDTV Election Carnival : कांग्रेस ने कहा - रामलला का दर्शन राजनीति का विषय नहीं हो सकता, बीजेपी बोली - हम राम के लिए समर्पित
लोकसभा चुनावों (NDTV Election Carnival) के मद्देनजर एनडीटीवी का खास कार्यक्रम एनडीटीवी इलेक्शन कार्निवल (NDTV Election Carnival) झारखंड के जमशेदपुर पहुंच चुका है. कार्निवल के दौरान भगवान राम और अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का मुद्दा भी उठा. कांग्रेस ने कहा कि रामलला का दर्शन राजनीति का विषय नहीं हो सकता है. वहीं भाजपा ने कहा कि हम राम के लिए समर्पित हैं. हालांकि एक दूसरे पर हमेशा आरोप-प्रत्यारोप लगाने वाली और हर मुद्दे पर लगभग अलग मत रखने वाली दोनों ही पार्टियों ने कहा कि राम किसी पार्टी के नहीं हैं.
राज्य सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राम किसी पार्टी के नहीं हो सकते हैं. हर रग में राम हैं. हर धड़कन में राम हैं. हर कण में राम हैं. मेरे रोम-रोम में राम हैं. इसलिए इसे आप पार्टी के हिसाब से इसे नहीं देख सकते हैं.
कोई हमें गाइड क्यों करेगा : गुप्ता
कांग्रेस नेताओं के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में नहीं पहुंचने पर उन्होंने कहा कि रामलला का दर्शन एक श्रद्धा का विषय है. वो किसी राजनीति का विषय नहीं हो सकता है. हम अगर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को मानते हैं, यदि हम मां दुर्गा को मानते हैं तो कोई हमें गाइड क्यों करेगा. यह हमारी आस्था है, हमारी मनमर्जी है. हम अपने हृदय में राम को देख रहे हैं.
राम भारतीय आस्थाओं के केंद्र बिंदु : ओझा
बीजेपी के जिलाध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा कि राम किसी पार्टी के नहीं हैं, लेकिन देश में भाजपा ही ऐसी पार्टी है जो कहती है कि हम राम के लिए समर्पित हैं. उन्होंने कहा कि राम भारतीय आस्थाओं के केंद्र बिंदु हैं. 500 साल पहले जो आक्रमणकारी थे उन्होंने भारतीय आस्थाओं को तहस-नहस करने का काम किया और अंग्रेजों के बाद देश में जो शासन व्यवस्थाएं आई, यह शासन व्यवस्थाओं ने उन्हीं व्यवस्थाओं को मजबूत करने का काम किया.
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Analysis: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में वोटिंग ट्रेंड के क्या मायने? क्या BJP पूरा कर पाएगी मिशन 370
लोकसभा चुनाव 2024 (Lok sabha election 2024) के लिए 7 चरण में देश में मतदान होने हैं. पहले चरण के लिए देश की 21 राज्यों की 102 सीटों पर लगभग 64 प्रतिशत वोट डाले गए हैं. पिछले चुनाव की तुलना में मतदान का प्रतिशत इस चुनाव में कम देखने को मिला है. पिछले चुनाव में लगभग 70 प्रतिशत मतदान हुए थे. देश में त्रिपुरा को छोड़कर किसी भी राज्य में मतदान का आंकड़ा 80 प्रतिशत तक नहीं पहुंचा है. सबसे अधिक त्रिपुरा में 80.6 प्रतिशत वोट डाले गए. बंगाल में लगभग 78 प्रतिशत मतदान की सूचना है. वहीं पूरे देश में सबसे कम मतदान बिहार में देखने को मिला. बिहार में महज 47.50 प्रतिशत वोटिंग की खबर है. ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि वोटर्स मतदान केंद्र तक क्यों नहीं पहुंचे?
मतदाताओं में 2019 और 2014 वाला नहीं दिखा उत्साह
भारतीय जनता पार्टी के लिए चिंता बढ़ सकती है क्योंकि राष्ट्रीय राजनीति में मोदी युग के उदय के बाद वोट प्रतिशत में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली थी. 2014 और 2019 में मत प्रतिशत अच्छे रहे थे. इस चुनाव में बीजेपी ने अपने लिए मिशन 370 का लक्ष्य रखा है. बीजेपी की तरफ से इस बात के दावे लगातार होते रहे हैं कि पार्टी आसानी से इस लक्ष्य तक पहुंच जाएगी.
उत्तर भारत के राज्यों में भी कम वोटिंग के क्या हो सकते हैं परिणाम?
बीजेपी की तरफ से मिशन 370 को लेकर यह माना जा रहा था कि बीजेपी अपने मजबूत राज्य यूपी, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश में पहले से ही बेहतर हालात में है. वहीं उसे उम्मीद है कि इन राज्यों में वो एक बार फिर शानदार प्रदर्शन करेगी और 2014, 2019 की तरह ही शानदार प्रदर्शन करेगी. हालांकि मतदान प्रतिशत में हुई बड़ी गिरावट के बाद बीजेपी नेतृत्व की परेशानी बढ़ सकती है.
क्या मिशन साउथ के चक्कर में नॉर्थ के राज्यों में होगा नुकसान?
बीजेपी इस चुनाव में मिशन साउथ को लेकर बेहद एक्टिव नजर आयी है. पीएम मोदी की तरफ से दक्षिण के राज्यों में लगातार सभा की जा रही है. बीजेपी को 370 के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए किसी भी हालत में दक्षिण भारत के राज्यों में भी उत्तर भारत की सफलता के साथ ही अच्छा प्रदर्शन करना होगा. हालांकि ऐसे में सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या मिशन साउथ के चक्कर में बीजेपी की तैयारी राजस्थान, यूपी, मध्य प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में कमी रह गयी.
बीजेपी के मजबूत राज्यों में भी वोटर्स में क्यों नहीं है उत्साह?
बिहार में पिछले लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर लगभग 53 प्रतिशत मतदान हुए थे वहीं इस चुनाव में लगभग 47 प्रतिशत वोट ही पड़े हैं. बात अगर उत्तर प्रदेश की करें तो इस चरण में जिन सीटों पर मतदान हुए हैं उन सीटों पर पिछले चुनाव में लगभग 67 प्रतिशत मतदान हुए थे. वहीं इस बार 57 प्रतिशत वोट ही पड़े हैं. मध्य प्रदेश में भी पिछले चुनाव की तुलना में इस चुनाव में वोट प्रतिशत में भारी गिरावट देखने को मिले हैं.
कम मतदान से कई बार सत्ताधारी दलों को हुआ है फायदा
हालांकि एक तरफ जहां कम मतदान को लेकर कुछ जानकार बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बता रहे हैं. वहीं कुछ आंकड़ें बताते हैं कि चुनाव में कम मतदान होना इस बात के संकेत हो सकते हैं कि जनता बदलाव नहीं चाहती है. कई बार ऐसा राज्यों के चुनावों में देखा गया है कि जब बंपर वोटिंग हुई है तो सत्ता में बदलाव हुए हैं. सरकार को बदलने के लिए अधिक मतदान होते रहे हैं. कम मतदान का लाभ सत्ताधारी दलों को मिला है.
मतदान प्रतिशत में गिरावट से बदलती रही है सरकार
पिछले 12 में से 5 चुनावों में मतदान प्रतिशत में गिरावट देखने को मिले है. जब-जब मतदान प्रतिशत में कमी हुई है 4 बार सरकार बदल गयी है. वहीं एक बार सत्ताधारी दल की वापसी हुई है. 1980 के चुनाव में मतदान प्रतिशत में गिरावट हुई और जनता पार्टी की सरकार सत्ता से हट गयी. जनता पार्टी की जगह कांग्रेस की सरकार बन गयी. वहीं 1989 में एक बार फिर मत प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गयी और कांग्रेस की सरकार चली गयी. विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनी. 1991 में एक बार फिर मतदान में गिरावट हुई और केंद्र में कांग्रेस की वापसी हो गयी. 1999 में मतदान में गिरावट हुई लेकिन सत्ता में परिवर्तन नहीं हुआ. वहीं 2004 में एक बार फिर मतदान में गिरावट का फायदा विपक्षी दलों को मिला.
छिटपुट घटनाओं के बीच देश में शांतिपूर्ण हुआ मतदान
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर शुक्रवार को शाम सात बजे तक 60.03 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. इस दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाएं सामने आईं, वहीं छत्तीसगढ़ में एक ग्रेनेड लांचर के गोले में दुर्घटनावश विस्फोट होने से सीआरपीएफ के एक जवान की मौत हो गई. निर्वाचन आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि मतदान का आंकड़ा अभी केवल अनुमान आधारित है और मतदान शांतिपूर्ण एवं निर्बाध तरीके से हुआ.
लोकसभा चुनाव के साथ शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव के लिए भी मतदान किया जा रहा है. विभिन्न मतदान केंद्रों पर पहली बार मतदान करने वालों में विवाह परिधान में आए कई नवविवाहित जोड़े, दिव्यांग लोग और स्ट्रेचर तथा व्हीलचेयर पर आए कुछ बुजुर्ग शामिल थे.
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लोकसभा चुनाव का पहला चरण: बंगाल और त्रिपुरा में सबसे ज्यादा तो बिहार में सबसे कम वोटिंग, देश भर में लगभग 64% वोटिंग
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर शुक्रवार को शाम सात बजे तक 63.7 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.इस दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाएं सामने आईं, वहीं छत्तीसगढ़ में एक ग्रेनेड लांचर के गोले में दुर्घटनावश विस्फोट होने से सीआरपीएफ के एक जवान की मौत हो गई.
सबसे ज्यादा मतदाताओं ने पश्चिम बंगाल में मतदान किया है. इस मामले में बिहार सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से पिछड़ गया है. त्रिपुरा में सबसे अधिक 81 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला. वहीं, बिहार में सबसे कम सिर्फ 48 प्रतिशत मतदाताओं ने ही वोट डाला.
चुनावी बॉन्ड पर सवालों को लेकर अमित शाह का जवाब - सांसदों के हिसाब से कांग्रेस को ज्यादा मिला चंदा
Lok Sabha Elections 2024: बीजेपी (BJP) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच आज कहा कि यदि सांसदों की संख्या के अनुपात में देखा जाए तो कांग्रेस (Congress) को बीजेपी से ज्यादा चंदा मिला है. कांग्रेस नेता लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान इलेक्टोरल बॉन्ड (electoral bond) के मुद्दे पर बीजेपी पर हमले कर रही है. इस बारे NDTV से खास बातचीत में अमित शाह ने कहा कि, सांसदों के अनुपात में देखें तो कांग्रेस को 9 हजार करोड़ रुपये मिले हैं, वहीं बीजेपी को 6600 करोड़ रुपये मिले हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, इनकी पार्टी (कांग्रेस) ने भी इलेक्टोरल बॉन्ड लिए हैं, तो क्या यह भी जबरन वसूली है? जहां-जहां राज्यों में उनकी सरकार थी, इन्हें भी इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से पैसे मिले हैं. राहुल गांधी पूरे देश को बताएं कि वे भी जबरन वसूली करते हैं! वहीं सांसदों के अनुपात में हमसे ज्यादा उन्हें डोनेशन मिला है. अगर सांसदों के अनुपात में इस डोनेशन का आकलन करें तो कांग्रेस को 9 हजार करोड़ मिले हैं, वहीं बीजेपी को 6600 करोड़ रुपये मिले हैं. इसलिए बेबुनियाद के आरोप विपक्ष लगा रहा है, क्योंकि हमारे ऊपर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है.
कांग्रेस की ओर से मोदी सरकार पर संविधान बदलने के आरोप से जुड़े सवाल पर अमित शाह ने कहा, भाजपा कभी ऐसा नहीं करेगी और न करने देगी. विपक्षी दल संविधान बदलने के मुद्दे को आरक्षण से जोड़कर पेश कर रहे हैं. लेकिन मैं साफ कर देना चाहता हूं कि हमारे पास 2014 में भी संविधान बदलने के लिए पूर्ण बहुमत था और 2019 में भी भाजपा का पूर्ण बहुमत था. 10 साल से नरेंद्र मोदी जी पूर्ण बहुमत की सरकार के साथ शासन कर रहे हैं. हमने कभी आरक्षण को छेड़ा नहीं है. हम न कभी आरक्षण के साथ छेड़छाड़ करेंगे... न किसी को करने देंगे. यह हमारा कमिटमेंट है, देश की जनता के साथ.
धारा 370 को हटाने के लिए बहुमत का प्रयोग कियाउन्होंने कहा कि, मोदी जी ने पिछड़ा समाज, दलित समाज, आदिवासी समाज के कल्याण के लिए सबसे ज्यादा काम किया है. हमने हमारे बहुमत का प्रयोग किया है, धारा-370 को हटाने के लिए, ट्रिपल तलाक को खत्म कर मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए, सीएए लाकर विदेशों में प्रताड़ित हो रहे लोगों को न्याय दिलाने के लिए हमने इसका उपयोग किया है. हमने बहुमत का उपयोग आरक्षण छीनने के लिए नहीं किया है.
क्या कांग्रेस बहुमत का दुरुपयोग करती रही है? इस सवाल पर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, बहुमत का दुरुपयोग करने की परंपरा किसी पार्टी की रही है, तो वो केवल कांग्रेस की रही है. इंदिरा गांधी ने बहुमत का दुरुपयोग इमरजेंसी लगाने में किया था, लोकतंत्र का गला घोंटने के लिए किया था. वहीं, हमने पूरे लोकतांत्रिक माध्यम से देश की महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने में अपने बहुमत का प्रयोग किया है. देश की जनता यह सब जानती है, विपक्ष के पास मुद्दे नहीं हैं. इसलिए इस तरह के आरोपों से भावनात्मक विरोध खड़ा करना चाहते हैं. लेकिन मैं नहीं मानता कि देश की जनता इनके छलावे में आएगी.