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पीएचडी में दाखिले के लिए 2024-25 से एनईटी में अर्जित अंक का इस्तेमाल किया जायेगा: यूजीसीविश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अनुसार राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनईटी) में अर्जित अंक (स्कोर) का इस्तेमाल 2024-25 से पीएचडी में दाखिले के लिए किया जाएगा, जिससे विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी. एनईटी की परीक्षा साल में दो बार जून और दिसंबर में आयोजित की जाती है. इसमें अर्जित अंक का इस्तेमाल वर्तमान में जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) प्रदान करने और मास्टर डिग्री वाले लोगों के लिए सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति की पात्रता के लिए किया जाता है.
यूजीसी के अधिकारियों के अनुसार, आयोग ने परीक्षा के प्रावधानों की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था और समिति की सिफारिशों के आधार पर इसने निर्णय लिया है कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 से एनईटी में अर्जित अंक का इस्तेमाल पीएचडी कार्यक्रमों में दाखिले के लिए किया जा सकता है.
यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा, ‘‘शैक्षणिक सत्र 2024-2025 से शुरू होकर, देशभर के विश्वविद्यालयों को पीएचडी कार्यक्रमों में दाखिले के लिए एनईटी में अर्जित अंक का इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा, जिससे विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी.
कुमार ने कहा कि छात्र विभिन्न संस्थानों में पीएचडी कार्यक्रमों के वास्ते आवेदन करने के लिए किसी भी सत्र के अपने ‘अंक का इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस पहल से छात्रों को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि यह छात्रों को विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित कई प्रवेश परीक्षाओं के लिए तैयारी करने और परीक्षा देने की आवश्यकता को समाप्त करता है, जिससे परीक्षा कराने संबंधी खर्च का बोझ कम हो जाता है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी विश्वविद्यालयों को 2024-2025 शैक्षणिक सत्र से पीएचडी में प्रवेश के लिए एनईटी में अर्जित अंक का इस्तेमाल करने के लिए दृढ़ता से प्रोत्साहित करते हैं. इससे निस्संदेह हमारे देश में अकादमिक प्रगति के लिए अधिक अनुकूल माहौल बनाने में मदद मिलेगी.
एक आधिकारिक अधिसूचना में यूजीसी ने कहा कि जून 2024 से, एनईटी अभ्यर्थियों को तीन श्रेणियों में पात्र घोषित किया जाएगा. इन श्रेणियों में जेआरएफ के साथ पीएचडी में प्रवेश और सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति; जेआरएफ के बिना पीएचडी में प्रवेश और सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति के लिए, केवल पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश और जेआरएफ या सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति के लिए नहीं, शामिल हैं.
“अधिसूचना में कहा गया है कि, ‘‘श्रेणी दो और तीन में अर्हता प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पीएचडी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए अर्जित अंक पर 70 प्रतिशत और साक्षात्कार के लिए 30 प्रतिशत अधिभार दिया जाएगा. पीएचडी में प्रवेश एनईटी में अर्जित अंक और साक्षात्कार या मौखिक परीखा के अंकों के आधार पर तैयार संयुक्त मेधा सूची के आधार पर होगा.
श्रेणी दो और तीन में उम्मीदवारों द्वारा एनईटी में प्राप्त अंक पीएचडी में प्रवेश के लिए एक वर्ष के लिए मान्य होंगे. यूजीसी एनईटी जून 2024 के लिए पंजीकरण प्रक्रिया अगले सप्ताह शुरू होने की उम्मीद है.
यूजीसी एनईटी का परिणाम उम्मीदवार द्वारा प्राप्त अंकों के साथ परसेंटाइल में घोषित किया जाएगा ताकि पीएचडी में प्रवेश के लिए अर्जित अंकों का उपयोग किया जा सके.
जेआरएफ के लिए अर्हता अर्जित करने वाले विद्यार्थियों को यूजीसी (न्यूनतम मानक एवं पीएचडी डिग्री प्रदान करने की प्रक्रिया) विनियम-2022 के अनुसार साक्षात्कार के आधार पर पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश दिया जाता है.
UPA काल में पट्टे पर विमान लिए जाने में गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं : सीबीआई
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन काल में एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय से बनी कंपनी एनएसीआईएल द्वारा पट्टे पर विमान लिए जाने में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही सीबीआई ने एक ‘क्लोजर रिपोर्ट दायर की है, क्योंकि उसे इस मामले में किसी गलत काम का कोई सबूत नहीं मिला. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 2017 में इस मामले की जांच शुरू की थी. एजेंसी ने हाल ही में एक विशेष अदालत के समक्ष ‘क्लोजर रिपोर्ट दायर की.Vअधिकारियों ने कहा कि निजी अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनियों के साथ सीटों को लेकर समझौता सहित एयर इंडिया में कथित अनियमितताओं से संबंधित अन्य मामले अभी जारी हैं.
विशेष अदालत यह फैसला करेगी कि इस रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या एजेंसी को विभिन्न बिंदुओं पर आगे जांच का निर्देश दिया जाए. यह मामला एयर इंडिया द्वारा बड़ी संख्या में विमानों को पट्टे पर लेने में अनियमितताओं के आरोपों से संबंधित है, जिसके कारण राष्ट्रीय विमानन कंपनी को भारी नुकसान हुआ, जबकि कुछ लोगों को फायदा हुआ.
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि बड़े पैमाने पर विमानों की खरीद और कई उड़ानों, खासकर विदेशी उड़ानों में यात्रियों की संख्या कम होने होने के बाद भी नागर विमानन मंत्रालय तथा नेशनल एविएशन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसीआईएल) के अधिकारियों द्वारा विमानों को पट्टे पर लेने के संबंध में फैसला किया गया था. उस समय प्रफुल्ल पटेल नागर विमानन मंत्री थे.
एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय के बाद नेशनल एविएशन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड का गठन किया गया था.
जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, कई जिलों में बढ़ाई गई सुरक्षा
सजायाफ्ता बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar ansari) का निधन हो गया है. सूत्रों के अनुसार जेल में हार्ट अटैक आने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गयी. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद बांदा मेडिकल कॉलेज परिसर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है. जानकारी के अनुसार बेहद गंभीर हालत में उसे अस्पताल लाया गया था. अस्पताल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि मुख्तार अंसारी को बेहोशी की हालत में लाया गया था. जहां उसे 9 डॉक्टरों की टीम के द्वारा चिकित्सा उपलब्ध करवायी गयी लेकिन ईलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गयी.
#BreakingNews : माफिया मुख्तार अंसारी का हार्ट अटैक से निधन, बांदा में बढ़ाई गई सुरक्षा #MukhtarAnsari pic.twitter.com/7DBrqqNkp4
— NDTV India (@ndtvindia) March 28, 2024सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुलाई आपात बैठक
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने आपात बैठक बुलाई है.सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी हालत में राज्य में कानून व्यवस्था में कोई तरह की दिक्कत नहीं हो. लॉ एंड आर्डर को लेकर राज्य के कई हिस्सों में प्रशासन को अर्लट किया गया है.
समाजवादी पार्टी ने जताया दुख
समजावादी पार्टी ने मुख्तार अंसारी की मौत पर दुख जताया है. पार्टी की तरफ से सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा गया है कि पूर्व विधायक श्री मुख्तार अंसारी जी का इंतकाल, दुःखद है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें. शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो. विनम्र श्रद्धांजलि !
माफिया मुख्तार अंसारी के शव को कड़ी सुरक्षा के बीच आपात कालीन वार्ड से निकालकर एंबुलेंस से रवाना किया गया है. अभी तक मुख्तार अंसारी के परिजन बांदा नहीं पहुंचे हैं. परिजनों की मौजूदगी में मुख्तार के शव का पोस्टमार्टम होगा. मुख्तार के पोस्टमार्टम के दौरान वीडियोग्राफी होगी. कई डॉक्टरों का पैनल मिलकर मुख्तार के शव का पोस्टमार्टम करेगा. पोस्टमार्टम के दौरान गवाह भी मौजूद होंगे.
पूर्व विधायक श्री मुख्तार अंसारी जी का इंतकाल, दुःखद।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।
शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो।
विनम्र श्रद्धांजलि !
मुख्तार अंसारी पर दर्ज थे कई मामले, कुछ में हो चुकी थी सजा
2006 में कृष्णानंद राय की हत्या के एक प्रमुख गवाह शशिकांत की संदिग्ध हालत में मौत हो गई. 2004 में डीएसपी शैलेंद्र सिंह ने मुख्तार अंसारी के ठिकाने से लाइट मशीन गन बरामद की थी. उनके खिलाफ POTA के तहत केस दर्ज किया गया था. 2012 में संगठित गैंग चलाने के चलते अंसारी प मकोका के तहत केस दर्ज किया गया. अप्रैल 2023 में बीजेपी कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में उन्हें 10 साल सजा हुई. 13 मार्च 2024 को एक आर्म्स लाइसेंस केस में अंसारी को उम्रकैद की सजा हुई थी.
राजनीतिक खानदान से था मुख्तार अंसारी
मुख्तार अंसारी का जन्म गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में 3 जून 1963 को हुआ था. उसके पिता का नाम सुबाहउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था. गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के परिवार की पहचान एक प्रतिष्ठित राजनीतिक खानदान की है. 17 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे.
मुख्तार अंसारी के भाई ने जहरीला पदार्थ देने का लगाया था आरोप
मुख्तार अंसारी के भाई एवं गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने मंगलवार को बताया था कि उन्हें मोहम्मदाबाद थाने से एक संदेश प्राप्त हुआ था जिसमें उन्हें बताया गया कि मुख्तार की तबीयत खराब है और उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. अंसारी के मुताबिक, मुख्तार ने उन्हें बताया है कि उन्हें खाने में कोई जहरीला पदार्थ खिलाया गया है और ऐसा दूसरी बार हुआ है. उन्होंने कहा कि मुख्तार ने उन्हें बताया कि करीब 40 दिन पहले भी उसे जहर दिया गया था और अभी हाल ही में शायद 19 या 22 मार्च को फिर दिया गया है जिसके बाद से उसकी हालत खराब है.
मुख्तार अंसारी के बेटे ने भी जेल प्रशासन पर लगाया था गंभीर आरोप
मुख्तार अंसारी से मिलने पहुंचे उनके पुत्र उमर अंसारी ने आरोप लगाया था कि मुलाकातियों की सूची में उनके चाचा सांसद अफजाल अंसारी के साथ उनका नाम होने के बावजूद उन्हें अपने पिता मिलने नहीं दिया गया था. उमर ने संवाददाताओं से कहा था कि वह रोजा रखकर 900 किलोमीटर दूर से अपने पिता को देखने आये थे लेकिन उन्हें उनकी एक झलक तक नहीं लेने दी गयी. उन्होंने कहा, सारी चीजें अलग हैं लेकिन मानवता भी तो कोई चीज होती है.
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तृणमूल कांग्रेस ने आचार संहिता उल्लंघन के लिए प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ निर्वाचन आयोग को शिकायत दी
तृणमूल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा की कृष्णानगर उम्मीदवार अमृता रॉय के खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई. भाजपा ने आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है.
तृणमूल कांग्रेस ने मोदी और रॉय के बीच बुधवार को टेलीफोन पर हुई बातचीत का जिक्र किया, जिसके दौरान प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों का उल्लेख किया कि पश्चिम बंगाल में गरीब लोगों से कथित तौर पर ‘‘लूटे गए और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त किए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये जनता को वापस किए जाएंगे.
तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि यह लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने का एक प्रयास है. आयोग को लिखे पत्र में तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया किया कि प्रधानमंत्री का बयान मतदाताओं को आर्थिक लाभ के जरिये अनुचित तरीके से प्रभावित करने का एक प्रयास था.
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी ने रॉय पर प्रधानमंत्री के साथ बातचीत के दौरान ‘‘सांप्रदायिक टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया. पत्र में रॉय की टिप्पणियों पर प्रकाश डाला गया, जिसमें उनके शाही परिवार को ‘‘गद्दार करार दिए जाने और महाराजा कृष्णचंद्र रॉय के ‘‘सनातन धर्म के संरक्षण के संबंध ऐतिहासिक जुड़ाव का जिक्र था. तृणमूल ने रॉय की टिप्पणियों को आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया.
दिल्ली: बवाना के एक कारखाने में पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या, आरोपी बंगाल से गिरफ्तार
दिल्ली के बवाना इलाके में कारखाने में काम करने वाले एक मजदूर ने पांच साल की बच्ची के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया और उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि यह घटना पिछले दो साल से बंद पड़ी एक फैक्टरी में होली की पूर्व संध्या पर हुई. आरोपी ने फैक्टरी में लड़की के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी तथा शव को पास में ही फेंक दिया.
आरोपी की पहचान टोटन लोहार उर्फ खुदी के तौर पर की गई है. वह फरार हो गया था और उसे मंगलवार को आसनसोल रेलवे स्टेशन से पकड़ा गया. पुलिस उपायुक्त (बाहरी-उत्तर) रवि कुमार सिंह ने बताया कि बवाना इलाके से पांच साल की बच्ची के संदिग्ध अपहरण की सूचना रविवार रात करीब 11 बजे मिली.
बच्ची के माता-पिता की चाय की दुकान है, जो उनके घर के पास ही है. उन्होंने पुलिस को बताया कि बच्ची पूरे दिन उनके साथ थी और आखिरी बार उसे शाम करीब पांच बजे देखा गया था. सिंह ने बताया, ‘‘उन्होंने बच्ची को अंतिम बार 24 मार्च की शाम पांच बजे देखा था. तत्काल कई टीम बनाई गई और माता-पिता के साथ क्षेत्र में तलाश शुरू की गई. यह तलाश उस स्थान पर रात भर की गई, जहां बच्ची को आखिरी बार देखा गया था.
इलाके से कम से कम 30 सीसीटीवी कैमरे के फुटेज इकठ्ठा किए गए. एक फुटेज में बच्ची को एक आदमी के साथ जाते देखा गया, जिसकी पहचान बाद में लोहार के रूप में की गई.
सिंह ने कहा, ‘‘उस फैक्टरी पर छापा मारा गया, जहां वह काम करता था और रहता था. मजदूर वहां नहीं मिला. स्थानीय जांच से पता चला कि वह पूर्वा एक्सप्रेस से पश्चिम बंगाल भाग गया है. अधिकारी ने बताया कि एक टीम को तुरंत नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन भेजा गया और साथ ही एक टीम को कोलकाता भेजा गया. कोलकाता गई टीम ने लोहार को आसनसोल रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘उसे 27 मार्च को दिल्ली लाया गया. उसने 24 मार्च को शाम करीब 7.30 बजे लड़की के साथ बलात्कार करने और हत्या करके शव को बगल की फैक्टरी में फेंकने की बात कबूल कर ली.
आरोपी पुलिस को घटनास्थल पर ले गया, जहां पुलिस को एक ब्लेड और ईंट मिली है. हत्या में शायद इनका इस्तेमाल किया गया है. पुलिस ने कहा कि लोहार के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
यूक्रेन के विदेश मंत्री दो दिवसीय यात्रा पर भारत आए, दोनों देशों के संबंधों को अहम करार दिया
भारत की अपनी पहली यात्रा पर बृहस्पतिवार को नई दिल्ली पहुंचे यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग महत्वपूर्ण है और इसे मजबूत किया जाएगा. उनकी दो दिवसीय यात्रा दो साल से अधिक समय से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान के प्रयासों के बीच हो रही है.
कुलेबा ने ‘एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘मैंने विदेश मंत्री एस जयशंकर के आमंत्रण पर नयी दिल्ली की अपनी यात्रा शुरू की. यूक्रेन-भारत सहयोग महत्वपूर्ण है और हम संबंधों को और मजबूत करेंगे. राष्ट्रपति जेलेंस्की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच बातचीत के आधार पर, हम शांति फॉर्मूला पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करेंगे.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि कुलेबा की यात्रा विदेश मंत्री जयशंकर के आमंत्रण पर हो रही है. अपनी आधिकारिक यात्रा के पहले दिन कुलेबा ने यहां राजघाट का दौरा किया और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की.
सियासी खानदान से था मुख्तार अंसारी, चाचा रह चुके उपराष्ट्रपति; जानें कैसे बना था यूपी का माफिया?
उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई है. वह बांदा जेल में बंद था. गुरुवार शाम को उसकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मौत की वजह कार्डिएक अरेस्ट बताई जा रही है. मुख्तार अंसारी 5 बार विधायक रह चुका है. वह 2005 से सजा काट रहा था. अलग-अलग मामलों में उसे 2 बार उम्रकैद हुई थी. 60 साल के मुख्तार अंसारी ने हाल ही में कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि उसे जेल में धीमा जहर दिया जा रहा है. उसकी मौत के बाद बांदा, मऊ और गाजीपुर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बांदा में मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.
आइए जानते हैं कौन है मुख्तार अंसारी और कैसे बना माफिया डॉन:-
राजनीतिक खानदान से था मुख्तार अंसारी
मुख्तार अंसारी का जन्म गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में 3 जून 1963 को हुआ था. उसके पिता का नाम सुबाहउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था. गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के परिवार की पहचान एक प्रतिष्ठित राजनीतिक खानदान की है. 17 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे. मुख्तार अंसारी के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र दिया गया था. जबकि मुख्तार अंसारी के पिता सुबहानउल्लाह अंसारी गाजीपुर की राजनीति में सक्रिय रहे थे. उनकी बेहद साफ-सुथरी छवि रही है. भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में तो मुख्तार अंसारी के चाचा लगते हैं.
ऐसे अपराध की दुनिया में रखा कदम
उसके खिलाफ 61 आपराधिक मामले दर्ज थे. इनमें से 15 हत्या के मामले थे. 1980 के दौर में जब पूर्वांचल में विकास के काम हो रहे थे, तब वहां के लोकल गैंग्स में ठेके लेने की होड़ थी. उस वक्त मुख्तार अंसारी मखानू सिंह गैंग में था. इस गैंग की दुश्मनी साहिब सिंह गैंग से चल रही थी. साहिब सिंह गैंग के लिए गैंगस्टर ब्रजेश सिंह काम कर रहा था.
1990 के दशक में मुख्तार अंसारी ने बनाया अपना गैंग
1990 के दशक में मुख्तार अंसारी ने अपना गैंग बना लिया. उसने कोयला खनन, रेलवे जैसे कामों में 100 करोड़ का कारोबार खड़ा कर लिया. फिर वो गुंडा टैक्स ,जबरन वसूली और अपहरण के धंधे में भी आ गया. उसका सिंडिकेट मऊ, गाजीपुर, बनारस और जौनपुर में एक्टिव था. पूर्वांचल में उस वक्त दो बड़े गैंग थे ब्रजेश सिंह और मुख्तार अंसारी गैंग. दोनों एक दूसरे के दुश्मन हो गए.
ब्रजेश सिंह ने मुख्तार के काफिले पर कराया था हमला
मुन्ना बजरंगी भी मुख्तार के गैंग में शामिल था. 2002 में ब्रजेश सिंह ने मुख्तार के काफिले पर हमला करवाया. इसमें मुख्तार अंसारी के 3 गुर्गे मारे गए. इस घटना में ब्रजेश सिंह भी बुरी तरह घायल हो गया. 2005 में बीजेपी एमएलए कृष्णानंद राय की हत्या करवा दी गई. इस हमले में कृष्णानंद राय के साथ उनके 6 लोग भी मारे गए. ये हमला AK-47 से हुआ और करीब 400 राउंड फायरिंग हुई. मृतकों के शरीर से 67 कारतूस बरामद हुए.
कृष्णानंद राय की हत्या के वक्त मुख्तार अंसारी जेल में थे. उन्होंने जेल में रहते हुए ये हत्या करवाई, क्योंकि ब्रजेश सिंह ने बीजेपी एमएलए कृष्णानंद राय का सपोर्ट किया था. 2002 में कृष्णानंद राय ने मुख्तार अंसारी को विधानसभा चुनाव में हराया था.
इन मामलों में हुई थी सजा
2006 में कृष्णानंद राय की हत्या के एक प्रमुख गवाह शशिकांत की संदिग्ध हालत में मौत हो गई. 2004 में डीएसपी शैलेंद्र सिंह ने मुख्तार अंसारी के ठिकाने से लाइट मशीन गन बरामद की थी. उनके खिलाफ POTA के तहत केस दर्ज किया गया था. 2012 में संगठित गैंग चलाने के चलते अंसारी पर मकोका के तहत केस दर्ज किया गया. अप्रैल 2023 में बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में उसे 10 साल की सजा हुई. 13 मार्च 2024 को एक आर्म्स लाइसेंस केस में अंसारी को उम्रकैद की सजा हुई.
बिहारः प्रथम चरण के तहत चार सीट के लिए 70 से अधिक उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए
लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण के तहत बिहार की चार सीट के लिए 70 से अधिक उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किये हैं. निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. जिन चार सीट पर 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होगा उनमें सबसे अधिक 22 उम्मीदवार गया सीट पर हैं जबकि औरंगाबाद में 21, नवादा में 17, और जमुई में 12 प्रत्याशी हैं.
प्रथम चरण के लिए दाखिल किए गए नामांकन पत्रों की जांच 30 मार्च को होनी है जबकि दो अप्रैल नाम वापसी की अंतिम तिथि है. सभी चार सीट पर प्रदेश में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है और अंतिम दिन दोनों गठबंधनों से तीन-तीन उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया.
राजग के उम्मीदवारों पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गया सीट से, विवेक ठाकुर ने नवादा और अरुण भारती ने जमुई से अपना नामांकन दाखिल किया. बिहार में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उम्मीदवारों अभय कुशवाहा (औरंगाबाद), अर्चना रविदास (जमुई) और कुमार सर्वजीत (गया) ने भी नामांकन पत्र दाखिल किये. राजद ‘‘इंडिया गठबंधन में शामिल है..
‘इंडिया गठबंधन द्वारा सामूहिक तौर सीट बंटवारे की घोषणा किए बिना ही बिहार में लगभग एक दर्जन सीट पर राजद ने एकतरफा उम्मीदवार उतारकर सबको चौंका दिया है. राजद ने औरंगाबाद सीट पर जद(यू) से आए अभय कुशवाहा को टिकट दिया है.
औरंगाबाद से कांग्रेस के पूर्व सांसद निखिल कुमार को चुनावी मैदान में उतारे जाने की चर्चा थी, लेकिन राजद ने कुशवाहा को उम्मीदवार बना दिया. औरंगाबाद से भाजपा के मौजूदा सांसद सुशील कुमार सिंह ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था.
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख 79 वर्षीय जीतन राम मांझी ने प्रदेश भाजपा प्रमुख और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जदयू के मंत्री श्रवण कुमार और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान की उपस्थिति में गया (सुरक्षित) सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.
जमुई के लिए रवाना होने से पहले राजग नेताओं ने जनसभा को संबोधित भी किया. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने चिराग पासवान के बहनोई अरुण भारती को जमुई (सुरक्षित) सीट से चुनावी मैदान में उतारा है.
चिराग लगातार दो बार लोकसभा में जमुई का प्रतिनिधित्व करने के बाद अपने पिता दिवंगत रामविलास पासवान की पुरानी सीट हाजीपुर से चुनाव लड़ रहे हैं. नवादा में राज्यसभा सांसद और भाजपा उम्मीदवार विवेक ठाकुर ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में नामांकन पत्र दाखिल किया.
गिरिराज सिंह 2014 में इस सीट से लोकसभा पहुंचे थे लेकिन 2019 का आम चुनाव उन्होंने बेगुसराय से लड़ा था. राजग उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करने के समय जहां उनके कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे, वहीं राजद उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करने के समय पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव जैसे शीर्ष पार्टी नेता दिल्ली में होने के कारण अनुपस्थित रहे .
‘इंडिया गठबंधन का प्रादेशिक गठबंधन ‘‘महागठबंधन हालांकि बिहार तक ही सीमित है लेकिन इसमें शामिल राजद, कांग्रेस और तीन वामपंथी दलों के बीच अभी तक सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) दोनों के एक-एक सीट से ही उम्मीदवार खड़ा किए जाने की संभावना है. उन्होंने बेगुसराय और खगड़िया से अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है.
इस बीच, बिहार में महागठबंधन के नेताओं ने कहा कि तेजस्वी यादव शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे तब देर से ही सही गठबंधन के उम्मीदवारों के बारे में औपचारिक घोषणा होने की संभावना है. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी चारों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
इस बीच, जद(यू) के उम्मीदवार संतोष कुशवाहा ने पूर्णिया लोकसभा सीट से अपने नामाकंन पत्र दाखिल किए, जिसपर दूसरे चरण में मतदान होना है.
मुख्तार अंसारी पर दर्ज थे 65 केस, कुछ लोगों के बीच थी रॉबिनहुड जैसी इमेज; पढ़ें पूरी क्राइम हिस्ट्री
उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन और 5 बार के विधायक रहे मुख्तार अंसारी (Mukhar Ansari Death News) की मौत की खबर है. बताया जा रहा है कि बांदा जेल में गुरुवार को उसे हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी थी. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मौत की वजह कार्डिएक अरेस्ट बताई जा रही है. मुख्तार अंसारी को अलग-अलग मामलों में 2 बार उम्रकैद हुई थी. वह 2005 से सजा काट रहा था.
मुख्तार अंसारी को 7 मामलों में सजा मिल चुकी थी, जबकि 8 मामले में वह दोषी करार दिया गया था. अप्रैल 2023 में बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में उसे 10 साल की सजा हुई. 13 मार्च 2024 को एक आर्म्स लाइसेंस केस में अंसारी को उम्रकैद की सजा मिली.
आइए जानते हैं कैसी थी मुख्तार अंसारी की क्रिमिनल हिस्ट्री और कैसा रहा उसका पॉलिटिकल करियर:-
ऐसे अपराध की दुनिया में रखा कदम
गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के परिवार की पहचान एक प्रतिष्ठित राजनीतिक खानदान की है. पहली बार मुख्तार ने अपराध की दुनिया में साल 1988 में कदम रखा था. 25 अक्टूबर 1988 को आजमगढ़ के ढकवा के संजय प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना सिंह ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज कराया था. हालांकि, अगस्त 2007 में इस मामले में मुख्तार दोषमुक्त हो गया था.
1990 के दशक में बना लिया अपना गैंग
1990 के दशक में मुख्तार अंसारी ने अपना गैंग बना लिया. उसने कोयला खनन, रेलवे जैसे कामों में 100 करोड़ का कारोबार खड़ा कर लिया. फिर वो गुंडा टैक्स, जबरन वसूली और अपहरण के धंधे में भी आ गया. उसका सिंडिकेट मऊ, गाजीपुर, बनारस और जौनपुर में एक्टिव था. पूर्वांचल में उस वक्त दो बड़े गैंग थे- ब्रजेश सिंह और मुख्तार अंसारी गैंग.
ब्रजेश सिंह गैंग से शुरू हुई दुश्मनी
1990 में गाजीपुर में तमाम सरकारी ठेकों पर ब्रजेश सिंह गैंग ने कब्जा करना शुरू कर दिया था. इस दौरान उनका मुख्तार गैंग से सामना हुआ. यहीं से ब्रजेश सिंह से दुश्मनी शुरू हो गई. ब्रजेश सिंह ने मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमले भी कराए थे.
मुख्तार अंसारी पर दर्ज थे 65 केस
मुख्तार अंसारी पर हत्या, हत्या के प्रयास, धमकी, धोखाधड़ी और कई अन्य आपराधिक कृत्यों में कुल 65 मामले दर्ज थे. इनमें से 18 मामले हत्या के थे. उसके खिलाफ लखनऊ, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, सोनभद्र, मऊ, आगरा, बाराबंकी, आजमगढ़ के अलावा नई दिल्ली और पंजाब में भी मुकदमे दर्ज थे. अंसारी के खिलाफ 2010 में कपिल देव सिंह की हत्या और 2009 में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में मीर हसन नामक व्यक्ति की हत्या के प्रयास मामले में आरोप साबित हो चुके थे.
मुख्तार अंसारी के खिलाफ ये है चर्चित केस
-24 जुलाई 1990 को शिवपुर के देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ बड़ागांव थाने में डिकैती और अपहरण का मामला दर्ज कराया. इस मामले में सितंबर 1990 को पुलिस ने कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी.
-इसके बाद 3 अगस्त 1991 को अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी के खिलाफ चेतगंज थाने में पूर्व विधायक अजय राय ने मुकदमा दर्ज कराया.
- 23 जनवरी 1997 को अपहरण के मामले में वाराणसी के भेलूपुर थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. इस मामले में वह निचली अदालत में दोषमुक्त हो चुका है.
- 6 फरवरी 1998 को भेलूपुर थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ NSA लगाया गया.
- 1 दिसंबर 1997 को मुख्तार के खिलाफ धमकाने का मामला दर्ज किया गया.
- 17 जनवरी 1999 को भेलूपुर थाने में मुख्तार के खिलाफ धमकाने और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया गया.
- 20 जुलाई 2022 को कैंट थाने में आपराधिक साजिश समेत अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया.
कुछ लोगों के बीच थी रॉबिनहुड की इमेज
मुख्तार अंसारी की मऊ में कुछ लोगों के बीच रॉबिनहुड की इमेज थी. मऊ के लोग कहते हैं कि बतौर विधायक मुख्तार अंसारी ने अपने इलाके में विकास के कई काम किए. सड़कों की मरम्मत कराई. स्कूल बनवाएं. अस्पताल खोले, बिजली-पानी का इंतजाम किया. गरीबों की मदद की. बताया जाता है कि विधायक रहते हुए मुख्तार अंसारी अपने क्षेत्र में विधायक निधी से 20 गुना ज़्यादा पैसा खर्च करता था.
2005 से जेल में बंद है मुख्तार
अक्टूबर 2005 में मुख्तार अंसारी पर मऊ जिले में हिंसा भड़काने का आरोप लगा. इसी दौरान मुख्तार अंसारी ने गाजीपुर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था.
Exclusive: शांति बहाली के लिए हमें भारत की जरूरत - रूस के साथ जंग पर बोले यूक्रेन के विदेश मंत्री
रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच 24 फरवरी 2022 से जंग चल रही है. इस बीच विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा (Dmytro Kuleba)दो दिनों के लिए भारत दौरे पर हैं. कुलेबा अपने समकक्ष भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) के बुलावे पर 28 मार्च को नई दिल्ली पहुंचे. रूस से जंग के बीच कुलेबा ने भारत से शांति के लिए मदद की अपील की है. उन्होंने कहा है कि भारत के पास एक महत्वपूर्ण वैश्विक आवाज है. भारत इसका इस्तेमाल न सिर्फ रूस के बर्ताव को प्रभावित करने के लिए कर सकता है, बल्कि अन्य देशों को शांति की पहल में शामिल होने में भी मदद कर सकता है.
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा भारत दौरे पर दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग को बढ़ावा देने की कोशिश करेंगे. अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान कुलेबा ने गुरुवार को NDTV से खास बातचीत की. इंटरव्यू के दौरान यूक्रेनी नेता ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत को सीट दिलाने की जरूरत, भारत-रूस और भारत-यूक्रेन संबंधों पर विस्तार से अपनी राय रखी.
विदेश मंत्री एस जयशंकर के बुलावे पर भारत आने के बारे में पूछे गए सवाल पर कुलेबा ने कहा, मुझे यहां आने के लिए सहमत होने में कोई समय नहीं लगा. ऐसा इसलिए है, क्योंकि भारत दुनिया में एक बहुत ही महत्वपूर्ण देश है. हमें यूक्रेन में न्यायसंगत और स्थायी शांति बहाल करने के लिए भारत की जरूरत है.विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बयान में भारत-रूस की दोस्ती और रूस-यूक्रेन जंग को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दिया था. उन्होंने कहा था कि भारत और रूस एक-दूसरे के हितों का खास ख्याल रखते हैं, लेकिन हमने रूस को जंग को लेकर साफ मैसेज भी दिया है. जयशंकर के इस बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर यूक्रेनी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत-रूस संबंध सोवियत विरासत पर आधारित है, जो विलुप्त होने की कगार पर है. इनका कोई भविष्य नहीं है.
कुलेबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यह युद्ध का युग नहीं है वाले बयान का जिक्र करते हुए कहा कि रूस ने दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे बड़ा संघर्ष शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा, हम समझते हैं कि भारत और रूस के बीच कुछ आर्थिक और तकनीकी संबंध हैं. भारत एक संप्रभु राष्ट्र है, उसे उचित समझे जाने वाले किसी भी देश के साथ रिश्ते बनाने और उसे बढ़ाने का अधिकार है. अगर भारत और रूस इतने करीबी दोस्त हैं, तो इसका मतलब है कि भारत रूस के हालिया बर्ताव को प्रभावित कर सकता है. इससे समझा जा सकता है कि भारत की आवाज अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में कितनी अहम है. हालांकि, मुझे नहीं लगता कि इस संबंध का कोई भविष्य है. मुझे लगता है कि रूस के मुकाबले यूक्रेन और भारत के संबंध का भविष्य इस मायने में कहीं अधिक है.रूस-यूक्रेन जंग को रोकने में भारत की अहम भूमिका
रूस-यूक्रेन जंग को रोकने में यूक्रेन मौजूदा स्थिति में भारत से क्या चाहता है? इसके जवाब में कुलेबा ने कहा, भारत उस जंग को रोकने के लिए रूस के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल कर सकता है, जो अब दो साल से अधिक समय से चल रहा है.
यूक्रेन के विदेश मंत्री कहते हैं, भारत ग्लोबल साउथ से ज्यादा राष्ट्रों को एक साथ लाने में अहम भूमिका निभा सकता है. अगर भारत Peace Formula की मेज पर बैठता है, तो जंग का राजनयिक हल खोजने के लिए यूक्रेन ने जो पहल की है, उसके बाद कई अन्य राष्ट्र भी भारत के बगल में बैठकर पहले से ज्यादा महफूज महसूस करेंगे.
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कुलेबा ने कहा, इससे न सिर्फ भारत-यूक्रेन संबंध उम्दा तरीके से बढ़ेंगे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति सम्मान भी बढ़ेगा. उन्होंने आगे कहा, आप जबरदस्ती करके सीमाएं नहीं बदल सकते. आप अपने पड़ोसियों पर आक्रमण नहीं कर सकते. आप अत्याचार नहीं कर सकते. यही वह दुनिया है, जिससे भारत लाभान्वित होगा और यही वह दुनिया है, जिसे रूस नष्ट करने की कोशिश करता है.भारत के रूस से तेल खरीदने पर क्या बोले कुलेबा?
कुलेबा ने इंटरव्यू में भारत के रूस से तेल खरीदने पर यूक्रेन के रुख में आई नरमी का संकेत भी दिया. उन्होंने कहा, चूंकि लेनदेन रुपये में किया जाता है. इसलिए इससे रूसी वॉर मशीन को कोई फायदा नहीं पहुंचता है.
रूस के आरोप
पिछले हफ्ते मॉस्को कॉन्सर्ट हॉल में हमले हुए, जिसमें कम से कम 140 लोगों की मौत हो गई. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया हमलावर दक्षिण यूक्रेन की ओर जा रहे थे. इस दावे पर कुलेबा ने कहा कि उनके देश को दोषी ठहराने की कोशिश कोई नई बात नहीं है. इसमें कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए.
यूक्रेन के विदेश मंत्री ने कहा, आपको रॉकेट साइंटिस्ट बनने की जरूरत नहीं है. अगर ऐसा कुछ है, जिसका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नज़र में यूक्रेन को बदनाम करने के लिए किया जा सकता है, अगर ऐसा कुछ है, जिसका इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ अधिक रूसियों को संगठित करने के लिए किया जा सकता है, तो यह किया जाएगा. रूसी नेतृत्व ने यही रवैया और यही नजरिया अपनाया है. वे पूरी दुनिया से झूठ बोलते रहे कि वे यूक्रेन पर आक्रमण नहीं करने जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने हमले किए थे. रूस हर वक्त हर मंच पर झूठ बोलता है.
दुनिया में गलत चीजों को ठीक करने में शामिल रहेगा अमेरिका
उन्होंने कहा कि इजरायल-गाजा युद्ध और रूस-यूक्रेन युद्ध एक साथ चलने के बावजूद उनके देश को यूरोप और अमेरिका से मदद मिली है. कुलेबा ने कहा, F-16 फाइटर प्लेन जल्द ही कीव पहुंचेंगे... संयुक्त राज्य अमेरिका में एक बहस चल रही है और हम सभी इसे फॉलो कर रहे हैं. लेकिन मैं समझता हूं कि डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों को यूक्रेन को समर्थन देना जारी रखना चाहिए... अगर कोई चाहता है कि अमेरिका खुद को पूरी तरह से अलग कर ले और पूरी तरह से घरेलू मुद्दों पर फोकस करे, तो यह बिल्कुल असंभव है. दुनिया इस तरह से काम नहीं करती है. इसलिए अमेरिका दुनिया में गलत चीजों को ठीक करने में शामिल रहेगा.
हालांकि, यूक्रेनी मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघर्ष कर रहा है. क्योंकि संगठन के अंदर शक्ति का संतुलन टूटा हुआ है. अब चीजों को बदलने की जरूरत है.
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UNSC में भारत को स्थायी सीट
यूक्रेन के विदेश मंत्री ने इस दौरान भारत के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में परमानेंट सीट की वकालत भी की. कुलेबा कहते हैं, दुनिया में युद्ध के परिणामस्वरूप होने वाली हर नई मौत संयुक्त राष्ट्र के ताबूत में एक और कील है. बेशक संयुक्त राष्ट्र जंग रोकने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा है, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता. क्योंकि प्रमुख हितधारकों के बीच कोई सहमति नहीं बन पा रही है. हमें इसे बदलने की जरूरत है. मुझे पूरा भरोसा है कि रूस को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बाहर होना चाहिए. भारत को इसमें शामिल होना चाहिए. अन्य देशों को स्थायी सदस्य बनना चाहिए .
क्या यूक्रेन लौट सकेंगे मेडिकल छात्र?
मौजूदा स्थिति में क्या भारतीय मेडिकल स्टूडेंट्स यूक्रेन वापस लौट सकते हैं? इसके जवाब में कुलेबा ने भारत-यूक्रेन संबंधों के महत्व के उदाहरण के रूप में एक महीने पहले एक भारतीय डॉक्टर द्वारा इलाज किए जाने का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा, यह एक भारतीय युवा महिला थी, जिसने यूक्रेन में पढ़ाई की थी. वो युद्ध के दौरान भी यूक्रेन में रुकी थी. आपको यह समझना होगा कि कई भारतीय छात्र अपने समुदायों की मदद करने के लिए यूक्रेन में पढ़ाई के बाद भारत वापस आ जाते हैं, जबकि अन्य वहीं रह जाते हैं और हमारे समुदाय, हमारे समाज का हिस्सा बन जाते हैं.
उन्होंने जोर देकर कहा, हमने विदेशी छात्रों को यूक्रेन के अन्य हिस्सों में स्टडी करने की परमिशन देने के लिए उपाय किए. ऐसा इसलिए है, क्योंकि हम उन्हें अपने समाज का हिस्सा मानते हैं. हम अपने द्विपक्षीय सहयोग के इस हिस्से को बहुत महत्व देते हैं.
शांति की कोशिश
व्लादिमीर पुतिन कई दफा विश्व युद्ध के खतरे की आशंका जाहिर कर चुके हैं. इस पर यूक्रेनी विदेश मंत्री ने कहा कि यह बयानबाजी हो सकती है. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि राष्ट्रपति पुतिन को अपनी शानदार जिंदगी इतनी पसंद है कि तीसरे विश्व युद्ध का सहारा लेकर इसे विलुप्त होने के खतरे में डाल सकते हैं. निश्चित रूप से वह अपनी बयानबाजी जारी रखेंगे.
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यूक्रेन के अनुरोध पर स्विट्जरलैंड में एक शांति शिखर सम्मेलन की योजना बनाई जा रही है. इसपर कुलेबा ने कहा, वहां भारत की मौजदूगी महत्वपूर्ण होगी. यही एक कारण है कि मैं यहां हूं. भारत शुरुआती बैठकों का हिस्सा रहा है. हमारे राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की और प्रधानमंत्री मोदी ने फोन पर हुई बातचीत में शिखर सम्मेलन पर चर्चा की है.कुलेबा ने बताया कि ये शिखर सम्मेलन यूक्रेन में शांति बहाल करने के मुख्य सिद्धांतों पर अक्टूबर 2022 में हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर आधारित है. 143 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया था. उन्होंने कहा, जिन देशों ने इस प्रस्ताव के लिए मतदान किया है, उन्हें शांति सूत्र में लिखी गई बातों का समर्थन करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. क्योंकि शांति सूत्र का मूल मकसद जंग का अंत है.
कुलेबा कहते हैं, मूल रूप से शांति फॉर्मूला एक मेनू है, जो यूक्रेन में रूस के बड़े पैमाने पर आक्रमण के कारण होने वाली सभी प्रमुख समस्याओं का समाधान करता है. हमने इस मेनू को डिज़ाइन किया है. मैं जानबूझकर मेनू शब्द का इस्तेमाल करता हूं. इस तरह से कि कोई भी देश इसे उठा सके. हमें और अधिक देशों को अपने साथ जोड़ना होगा.
महात्मा गांधी से सबक
कुलेबा ने कहा, हम अपनी नीतियों में सभी अच्छी चीजों और उन चीजों के बारे में बहुत स्पष्ट बातचीत करेंगे, जो हमें नापसंद हैं. मेरा मतलब यूक्रेनी नीति में है, लेकिन भारतीय नीति में भी ये चीज देखने को मिलती है. बहुत कम लोगों का मानना था कि महात्मा गांधी सफल होंगे और भारत शांतिपूर्ण प्रतिरोध के माध्यम से एक स्वतंत्र राष्ट्र बन जाएगा. लेकिन महात्मा इसमें सफल हुए. एक दिन यूक्रेन भी सफल होगा.
उन्होंने कहा, क्योंकि सच्चाई उनके पक्ष में थी और आज सच्चाई हमारी तरफ है. मुझे यकीन है कि भारत फिर से सच्चाई के पक्ष में होगा, क्योंकि आज यूक्रेन का समर्थन करना महात्मा गांधी की विरासत, स्वतंत्रता और विश्वास का समर्थन करना है. अगर आप सही कारण के लिए लड़ते हैं, तो आप आखिर में सफल होंगे, भले ही आपका दुश्मन कितना भी मजबूत क्यों न हो.
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पहले कानून ने दी, अब ईश्वर से भी मिल गई सजा : मुख्तार अंसारी की मौत पर बोले पीड़ित
अपराध की दुनिया से राजनीति में एंट्री करने वाले माफिया मुख्तार अंसारी (Mafia Mukhtar Ansari) की मौत हो गयी है. मुख्तार अंसारी पर 61 अपराधिक मामले दर्ज थे. जिनमें हत्या के 15 मामले थे. 1990 के दशक में मुख्तार अंसारी ने अपना गैंग बना लिया था. माफिया मुख्तार अंसारी का नाम चर्चित ठेकेदार अजय प्रकाश उर्फ (Ajay Prakash Singh) मन्ना सिंह की हत्या में सामने आया था. बाद में इस मामले के गवाह की भी हत्या कर दी गयी थी.
मुख्तार अंसारी की मौत पर अजय प्रकाश सिंह के भाई हरेंद्र सिंह ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि मुख्तार अंसारी को कानून ने सजा दी थी, आज ईश्वर ने भी सजा दे दिया . हरेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्तार अंसारी को ईश्वर ने सजा दे दी है. हालांकि अभी उसकी मौत हुई है लेकिन उसके गैंग के और लोग भी हैं. अभी अपराध खत्म नहीं हुआ है. उसका भाई अफजल अंसारी अभी जिंदा है.हरेंद्र सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिना किसी कारण के मुख्तार अंसारी ने मेरे भाई की हत्या करवायी थी. हत्या के बाद लंबे समय तक हम लोग खौफ में रहे. आज भी हमें उसका खौफ है. हालांकि हम सरकार का आभार प्रकट करते हैं कि उन्होंने जांच भी करवायी और हमें सुरक्षा भी उपलब्ध करवाया.
मुख्तार अंसारी ने ऐसे अपराध की दुनिया में रखा था कदम
मुख्तार अंसारी के खिलाफ 61 आपराधिक मामले दर्ज थे. इनमें से 15 हत्या के मामले थे. 1980 के दौर में जब पूर्वांचल में विकास के काम हो रहे थे, तब वहां के लोकल गैंग्स में ठेके लेने की होड़ थी. उस वक्त मुख्तार अंसारी मखानू सिंह गैंग में था. इस गैंग की दुश्मनी साहिब सिंह गैंग से चल रही थी. साहिब सिंह गैंग के लिए गैंगस्टर ब्रजेश सिंह काम कर रहा था.
मुख्तार अंसारी के खिलाफ थे कई गंभीर आरोप
- 24 जुलाई 1990 को शिवपुर के देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ बड़ागांव थाने में डिकैती और अपहरण का मामला दर्ज कराया. इस मामले में सितंबर 1990 को पुलिस ने कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी.
- इसके बाद 3 अगस्त 1991 को अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी के खिलाफ चेतगंज थाने में पूर्व विधायक अजय राय ने मुकदमा दर्ज कराया.
- 23 जनवरी 1997 को अपहरण के मामले में वाराणसी के भेलूपुर थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. इस मामले में वह निचली अदालत में दोषमुक्त हो चुका है.
- 6 फरवरी 1998 को भेलूपुर थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ NSA लगाया गया.
- 1 दिसंबर 1997 को मुख्तार के खिलाफ धमकाने का मामला दर्ज किया गया.
- 17 जनवरी 1999 को भेलूपुर थाने में मुख्तार के खिलाफ धमकाने और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया गया.
- 20 जुलाई 2022 को कैंट थाने में आपराधिक साजिश समेत अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया.
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पांच बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी ने तीन चुनावों में जेल में रहते हुए जीत हासिल की थी
उत्तर प्रदेश के माफिया सरगना और नेता मुख्तार अंसारी की गुरुवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई. मुख्तार अंसारी लंबे समय से जेल में बंद था. उसके खिलाफ दर्जनों मुकदमे चल रहे थे. मुख्तार अंसारी अंसारी गाजीपुर के मोहम्मदाबाद युसूफपुर के एक प्रतिष्ठित परिवार से था. उसने अपराध की दुनिया में अपना वर्चस्व बनाया और इसी को जरिया बनाकर राजनीति की सीढ़ियां चढ़ता गया. आखिरकार वह कानून से और अधिक समय तक नहीं बच सका और 2005 से जेल में सजा काट रहा था. वह पांच बार विधायक रहा था.
राजनीति की दुनिया में मुख्तार अंसारी ने अपना दबदबा बनाकर रखा था. उस पर कई मुकदमे दर्ज हुए, लेकिन इसके बावजूद वह चुनाव जीतता रहा. मुख्तार अंसारी पांच बार विधायक रहा. उसने 15 साल से ज्यादा वक्त जेल में काटा. सन 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में मुख्तार अंसारी को जीत मिली. तीन विधानसभा चुनावों में मुख्तार अंसारी ने जेल में रहकर ही जीत हासिल की थी.
मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे. मुख्तार अंसारी के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र दिया गया था. जबकि मुख्तार अंसारी के पिता सुबहानउल्लाह अंसारी गाजीपुर की राजनीति में सक्रिय रहे थे. उनकी बेहद साफ-सुथरी छवि रही है. भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में तो मुख्तार अंसारी के चाचा लगते हैं.
सन 1988 में एक ठेकेदार सच्चिदानंद राय की हत्या के मामले में मुख्तार अंसारी का नाम पहली बार सामने आया था. इसी दौरान बनारस में कांस्टेबल राजेंद्र सिंह की हत्या कर दी गई. इसमें भी मुख्तार का ही नाम सामने आया. साल 1990 में गाजीपुर जिले के तमाम सरकारी ठेकों पर ब्रजेश सिंह गैंग ने कब्जा शुरू कर दिया था. अपना वर्चस्व को बनाए रखने के लिए मुख्तार अंसारी के गिरोह से उसका सामना हुआ.
साल 1991 में चंदौली में मुख्तार को पुलिस ने पकड़ लिया. उस पर रास्ते में दो पुलिस कर्मियों को गोली मारकर फरार होने का आरोप है. उस पर 1991 में कांग्रेस नेता अजय राय की हत्या का भी आरोप लगा. इसमें अंसारी समेत पांच लोगों पर मुकद्दमा दर्ज किया गया. इसके बाद उसने सरकारी ठेके, शराब के ठेके, कोयला के काले कारोबार को बाहर रहकर संभालना शुरू किया. सन 1996 में एएसपी उदय शंकर पर जानलेवा हमले के मामले में मुख्तार का नाम एक बार फिर सुर्खियों में आया.
इसी दौरान 1996 में मुख्तार अंसारी पहली बार एमएलए बना. वह कुल पांच बार विधायक रहा. सन 1997 में पूर्वांचल के सबसे बड़े कोयला व्यवसायी रुंगटा के अपहरण के बाद मुख्तार का नाम क्राइम की दुनिया में छा गया. कहा जाता है कि 2002 में ब्रजेश सिंह ने मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला कराया. इसमें मुख्तार अंसारी के तीन लोग मारे गए. अक्टूबर 2005 में मऊ में हिंसा भड़की. इसके बाद उस पर कई आरोप लगे, जिन्हें खारिज कर दिया गया.
इसी दौरान मुख्तार अंसारी ने गाजीपुर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. कहा जाता है राजनीतिक रसूख की लड़ाई में मुख्तार ने बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की एके 47 से हत्या करा दी. उस पर 2010 में राम सिंह मौर्य की हत्या का आरोप लगा. कृष्णानंद राय की हत्या के बाद मुख्तार अंसारी का दुश्मन ब्रजेश सिंह गाजीपुर-मऊ क्षेत्र से भाग निकला था.
साल 2008 में उसे उड़ीसा से गिरफ्तार किया गया था. 2008 में अंसारी को हत्या के एक मामले में एक गवाह धर्मेंद्र सिंह पर हमले का आरोपी बनाया गया था. 2012 में महाराष्ट्र सरकार ने मुख्तार पर मकोका लगा दिया था. मुख्तार के खिलाफ हत्या, अपहरण, फिरौती जैसे कई आपराधिक मामले दर्ज थे. मुख्तार अंसारी पर कुल 60 से ज्यादा मामले दर्ज थे, जिसमें अधिकतर मामले गाजीपुर के थे.
माफिया मुख्तार अंसारी को आया हार्ट अटैक, जेल से अस्पताल में किया गया शिफ्ट : सूत्र
सजायाफ्ता बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को जेल में हार्ट अटैक आने की खबर सामने आ रही है. सूत्रों के अनुसार हार्ट अटैक आने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. जानकारी के अनुसार बांदा जेल में कैद मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया है. कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical College Hospital) में भर्ती करवाया गया है.
गौरतलब है कि हाल के दिनों में मुख्तार अंसारी की तबीयत कई बार बिगड़ी है. मंगलवार शाम बांदा जिले के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज से उन्हें छुट्टी मिली थी. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुनील कौशल ने बताया था कि अंसारी को पेट दर्द, पेशाब और मल त्यागने में समस्या के चलते उस समय अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.
मुख्तार अंसारी के भाई ने जहरीला पदार्थ देने का लगाया था आरोप
मुख्तार अंसारी के भाई एवं गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने बताया था कि उन्हें मोहम्मदाबाद थाने से एक संदेश प्राप्त हुआ था जिसमें उन्हें बताया गया कि मुख्तार की तबीयत खराब है और उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. अंसारी के मुताबिक, मुख्तार ने उन्हें बताया है कि उन्हें खाने में कोई जहरीला पदार्थ खिलाया गया है और ऐसा दूसरी बार हुआ है. उन्होंने कहा कि मुख्तार ने उन्हें बताया कि करीब 40 दिन पहले भी उसे जहर दिया गया था और अभी हाल ही में शायद 19 या 22 मार्च को फिर दिया गया है जिसके बाद से उसकी हालत खराब है.
मुख्तार अंसारी के बेटे ने भी जेल प्रशासन पर लगाया था गंभीर आरोप
मुख्तार अंसारी से मिलने पहुंचे उनके पुत्र उमर अंसारी ने आरोप लगाया था कि मुलाकातियों की सूची में उनके चाचा सांसद अफजाल अंसारी के साथ उनका नाम होने के बावजूद उन्हें अपने पिता मिलने नहीं दिया गया था. उमर ने संवाददाताओं से कहा था कि वह रोजा रखकर 900 किलोमीटर दूर से अपने पिता को देखने आये थे लेकिन उन्हें उनकी एक झलक तक नहीं लेने दी गयी. उन्होंने कहा, सारी चीजें अलग हैं लेकिन मानवता भी तो कोई चीज होती है.
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साल भर पहले नन्हे बच्चे के लापता होने का रहस्य सुलझाने के लिए फ्रांसीसी गांव में लौटे जासूस
फ्रांसीसी आल्प्स के एक छोटे से गांव में जांच कर्मियों ने एक नन्हे बच्चे के लापता होने का रहस्य सुलझाने की कोशिश शुरू की. उन्होंने गुरुवार को जांच के लिए गांव की घेराबंदी की. बच्चे के लापता होने से पिछली गर्मियों में पूरा देश सदमे में था.
ढाई साल का एमिल पिछले साल गर्मी की छुट्टियों में अपने नाना-नानी के गांव पहुंचा था. छुट्टियों के पहले ही दिन 8 जुलाई को वह गायब हो गया. उनके दो पड़ोसियों ने उसे आखिरी बार दोपहर बाद हौट-वर्नेट की एक सड़क पर अकेले चलते हुए देखा था. यह स्थान करीब 1,200 मीटर की ऊंचाई पर 25 निवासियों की एक छोटी सी बस्ती है.
मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मुश्किल से 90 सेंटीमीटर (35 इंच) लंबा एक छोटा लड़का पीली टी-शर्ट, सफेद शॉर्ट्स और टिनी हाइकिंग शू पहने हुए पैदल चला जा रहा था.
जुलाई में बच्चे के खो जाने के बाद दर्जनों पुलिस अधिकारियों, सैनिकों, खोजी कुत्तों, एक हेलीकॉप्टर और ड्रोन से उसकी व्यापक खोज की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली. कई दिनों की तलाश के बाद में प्रोसीक्यूटर ने कहा कि यह संभव नहीं है कि इतना छोटा बच्चा तेज गर्मी के मौसम में जीवित रह पाएगा. इसके बाद खोज बंद कर दी गई थी.
यह मामला पहले एक बच्चे के लापता होने का था, लेकिन जल्द ही इसे संभावित अपहरण का मामला मानकर इसे आपराधिक जांच का विषय बना लिया गया. हालांकि दुर्घटना या गिरने की संभावनाओं के विकल्पों को भी छोड़ा नहीं गया.
फ्रांसीसी जांचकर्ताओं ने बच्चे के लापता होने वाले दिन की घटनाओं को फिर से दोहराने के लिए परिवार के सदस्यों, पड़ोसियों और गवाहों सहित 17 लोगों को बुलाया है. वे अंतिम क्षणों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, जिस दौरान एमिल को पड़ोसियों ने देखा था. इसमें उनके विरोधाभासी बयानों को लेकर मामले को सुलझाने की कोशिश की जाएगी.
बूंदाबांदी के बीच ड्रोनक्षेत्रीय पुलिस अधिकारी पियरे कौरसिएरेस ने कहा, री-इनएक्टमेंट का उद्देश्य जांचकर्ताओं द्वारा एकत्र किए गए तत्वों की पुष्टि या खंडन करने के लिए 8 जुलाई की शाम का घटनाक्रम दोहराना है.
ले वर्नेट क्षेत्र के मेयर फ्रेंकोइस बालिक ने कहा कि निवासी इस उम्मीद पर कायम हैं कि सच्चाई सामने आ सकती है.
जांच में कोई हस्तक्षेप न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने बुधवार की सुबह गांव को घेरकर सील कर दिया. यह शुक्रवार सुबह तक ऐसा ही रहेगा. गांव के ऊपर से उड़ानें भी प्रतिबंधित हैं.
गुरुवार को करीब 20 पत्रकार कंपाने वाली बूंदाबांदी के बीच गांव तक पहुंच गए. वे बैरियर पर रुके रहे. उन्हें दो पुलिस कारों ने गांव से दूर बनाए रखा. करीब 20 जांचकर्ताओं को घटनाओं के री-इनएक्टमेंट के लिए मार्गदर्शन करना है. ऊपर कुछ ड्रोन उड़ेंगे जो इसे फिल्माएंगे.
एक तथ्य सामने आया है कि 1990 के दशक में एक निजी कैथोलिक स्कूल में कथित हिंसा और यौन आक्रामकता के मामले में लड़के के नाना से पूछताछ की गई थी.
लेकिन मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि गायब होने में उसकी संभावित संलिप्तता की हमेशा अन्य परिकल्पनाओं की तरह समान स्तर तक जांच की गई है.
दादा के वकील ने कहा, परिवार की एकमात्र आशा यह है कि बच्चा अभी भी जीवित है, भले ही यह आशा दिन-ब-दिन धूमिल होती जा रही हो.
हमें बताओ वह कहां हैएमिल गर्मियों की छुट्टियों में अपनी मां के माता-पिता के साथ उनके हॉलिडे होम में रहने के लिए हाउत-वर्नेट आया ही था कि लापता हो गया था.
उसके माता-पिता दक्षिणी शहर ला बौइलाडिसे में रहने वाले कट्टर कैथोलिक हैं, जो कि उस दिन वहां मौजूद नहीं थे. उसकी मां 10 बच्चों में सबसे बड़ी हैं. एमिल उनकी पहली संतान था और उनकी एक छोटी बेटी भी है.
जांचकर्ताओं को मामले में जनता की ओर से करीब 900 सूचनाएं मिलीं, जिनमें से सभी को असंबंधित होने के कारण खारिज कर दिया गया है. उन्होंने कोई सुराग पाने की उम्मीद में मोबाइल डेटा और कॉल लॉग की भी जांच की है.
नवंबर के अंत में एमिल के तीन साल का होने से एक दिन पहले, उसके माता-पिता ने एक ईसाई साप्ताहिक में सूचना प्रकाशित की. उन्होंने लिखा, हमें बताएं कि वह कहां है.
ले वर्नेट निवासी गाइल्स थेज़न ने गुरुवार को कहा कि इस क्षेत्र में टहलने जाना हमेशा घबराहट भरा होता है क्योंकि आप कभी नहीं जानते कि आपको क्या मिलने वाला है.
लोकसभा चुनाव 2024: ओडिशा में BJD को लगा झटका, सांसद महताब सहित 3 नेताओं ने थामा BJP का दामन
आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों से पहले ओडिशा के सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) को बड़ा झटका लगा है. कटक के सांसद और बीजद के संस्थापक सदस्यों में से एक भर्तृहरि महताब और पूर्व सांसद सिद्धांत महापात्रा के साथ ही पद्मश्री से सम्मानित संथाली लेखिका दमयंती बेसरा बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, महासचिव विनोद तावड़े, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा और पार्टी की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष मनमोहन सामल की मौजूदगी में तीनों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.
प्रधान ने ‘एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत, विकसित ओड़िशा, पूर्वोदय और सबका साथ-सबका विकास की संकल्पना से प्रेरित होकर भाजपा परिवार में शामिल होने का इन तीनों गणमान्य व्यक्तियों का निर्णय अभिनंदनीय है. ओड़िशा में इस बार परिवर्तन तय है. ज़मीन से जुड़े ऐसे अनुभवी और प्रतिष्ठित लोगों के भाजपा से जुड़ने से ओडिशा में परिवर्तन के संकल्प को और अधिक मज़बूती मिलेगी.
कटक लोकसभा क्षेत्र से छह बार सांसद रहे माहताब ने 22 मार्च को बीजद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें बीजद में स्वतंत्र रूप से काम करने का पर्याप्त मौका नहीं मिला. तभी से उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें थीं.
उनके इस्तीफा देने के कुछ ही दिन बाद बीजद ने लोकसभा चुनाव के लिए महताब का टिकट काट दिया था. कटक में महताब के स्थान पर बीजद ने संतृप्त मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है.
भाजपा में शामिल होने के बाद महताब ने दावा किया कि ओडिशा में ‘परिवर्तन होने जा रहा है और इसका आभास राज्य का दौरा करने से होगा.उन्होंने कहा कि जीवन के पड़ाव में एक निर्णय लेना अनिवार्य हो जाता है और उन्हें लगता है कि इस समय भाजपा के साथ जुड़ने का उनका निर्णय सही साबित होगा.
महताब ने कहा, ‘‘मेरा जो अनुभव है, उसके हिसाब से कह सकता हूं कि राष्ट्रवाद, एकात्मता और पूर्वोदय का मिलाप भाजपा के जरिए ही हो सकता है. इसके कई उदाहरण हैं जो मैंने पिछले 10 साल में अनुभव किए. मुझे लगा राज्य की प्रगति और उन्नति के लिए यही सही मौका है. ओडिशा के लिए कुछ कर जाने का मौका है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शक्ति, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का विश्वास और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा की प्रेरणा उन्हें आगे ले जाने में मददगगार होगी.तावड़े ने तीनों नेताओं का भाजपा में स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर अलग-अलग क्षेत्रों से लोगों का भाजपा के साथ जुड़ने का सिलसिला जारी है.
उन्होंने दावा किया कि ओडिशा में भी राजनीतिक हालात बदले हैं और वहां के नेताओं का भाजपा में शामिल होना इसे दर्शाता भी है.
उन्होंने कहा, ‘‘ओडिशा की जनता बदलाव चाहती है. ओडिशा की जनता के हित में पार्टी सभी नेताओं का उनकी क्षमता के अनुरूप उपयोग करेगी.बेसरा जनजातीय मुद्दों की शोधकर्ता होने के साथ ही साहित्य अकादमी पुरस्कार भी प्राप्त कर चुकी हैं. उन्होंने कहा कि वह जनता की तो पहले से ही थी लेकिन आज से वह उनके कल्याण की दिशा में काम करेंगी. बेसरा ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास के नारे से प्रेरित हैं और उसमें सहयोग देने को आतुर हैं.
उन्होंने भी दावा किया अभी ओडिशा में ‘परिवर्तन की हवा बह रही है. उन्होंने कहा, ‘‘यह हवा ओडिशा में सभी को छू रही है. पार्टी के आदर्श में लोगों का विश्वास और भी दृढ़ हुआ है. बेसरा ने कहा कि वह महिलाओं को भाजपा से जोड़े रखने के लिए काम करेंगी.
सिद्धांत महापात्रा ओडिशा फिल्म उद्योग का चर्चित चेहरा रहे हैं. वह 15वीं और 16वीं लोकसभा में बेरहमपुर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए थे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पूरे देश में बदलाव ला रहे हैं और वह चाहते हैं कि ओडिशा भी इससे अछूता नहीं रहे.
ओड़िशा में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हो रहे हैं. ओडिशा में भाजपा प्रमुख विपक्षी पार्टी है. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजद ने 21 लोकसभा सीट में से 12 पर जीत हासिल की थी जबकि भाजपा ने आठ और कांग्रेस ने एक सीट पर जीत दर्ज की. वहीं, विधानसभा चुनाव में बीजद को 113 सीट मिलीं, भाजपा को 23, कांग्रेस को नौ, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को एक सीट मिली और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने भी जीत हासिल की.
झारखंड में NDA के बीच सीटों का बंटवारा डन : 13 सीट पर BJP और इस 1 सीट पर AJSU लड़ेगी चुनाव
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए झारंखड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के बीच सीटों का तालमेल हो गया है. भाजपा जहां राज्य की 13 सीट पर चुनाव लड़ेगी वहीं आजसू एक सीट पर अपना प्रत्याशी उतारेगी. भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने ‘एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड की जनता के हित में भाजपा एवं आजसू के पुराने एवं नैसर्गिक गठबंधन के तहत इस बार लोकसभा के चुनाव में झारखंड के 13 लोकसभा संसदीय क्षेत्र पर भाजपा के प्रत्याशी तथा एक संसदीय क्षेत्र गिरिडीह में आजसू पार्टी को लड़वाने का निर्णय किया है.
उन्होंने कहा कि यह गठबंधन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत के संकल्प को मजबूत करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘झारखंड के सभी 14 में से 14 संसदीय क्षेत्रों पर गठबंधन के उम्मीदवार चुनाव जीतकर 4 जून को 400 के पार लक्ष्य को हासिल करेंगे.भाजपा ने गिरिडीह को अपनी गठबंधन सहयोगी आजसू पार्टी के लिए छोड़कर 13 सीटों पर पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. साल 2019 के चुनाव में गिरिडीह से चंद्रप्रकाश चौधरी ने जीत दर्ज की थी. झारखंड में भाजपा और आजसू का गठबंधन है.
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 11 सीट हासिल की थीं जबकि आजसू पार्टी, कांग्रेस और झामुमो ने राज्य में एक-एक सीट जीती थी.झारखंड में लोकसभा की 14 सीटों के लिए मतदान 13 मई से चार चरणों में होगा. राज्य में 2.54 करोड़ से अधिक मतदाता हैं, जिनमें 1.29 करोड़ पुरुष, 1.24 करोड़ महिलाएं और 413 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं.
राजस्थान में भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची जारी, PM मोदी सहित इन नोताओं को मिली जिम्मेदारी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजस्थान में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है. चालीस नामों की इस सूची में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और 10 केंद्रीय मंत्री शामिल हैं. इस सूची में पूर्व मुख्यमंत्री और झालावाड़ से विधायक वसुंधरा राजे और पूर्व विधायक राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनियां का भी नाम है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर उपलब्ध सूची के अनुसार भाजपा ने जिन केंद्रीय मंत्रियों को राजस्थान में प्रचार की जिम्मेदारी दी है उनमें अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, भूपेन्द्र यादव, अर्जुनराम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी शामिल हैं.
राजस्थान समेत पांच राज्यों के मुख्यमंत्री भी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करेंगे. इनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के नाम हैं. स्टार प्रचारकों की सूची में राज्य के कई नेता भी शामिल हैं, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी, राज्यसभा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी और राजेंद्र गहलोत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी और सतीश पूनिया और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ हैं.
इसी तरह उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा, खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भी नाम स्टार प्रचारकों की सूची में हैं. राज्य के भाजपा विधायकों में से केवल तिजारा से विधायक बाबा बालकनाथ को स्टार प्रचारक बनाया गया है.
भाजपा ने राजस्थान में लोकसभा चुनाव लड़ रहे अपने छह उम्मीदवारों को भी स्टार प्रचारक बनाया है जिनमें बीकानेर सीट से उम्मीदवार अर्जुन राम मेघवाल, जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत, अलवर से भूपेन्द्र यादव, कोटा से ओम बिरला, बाड़मेर से कैलाश चौधरी और चित्तौड़गढ़ सीट से उम्मीदवार सीपी जोशी हैं.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में लोकसभा चुनाव दो चरणों में 19 और 26 अप्रैल को होंगे. पहले चरण में 19 अप्रैल को 12 सीट-- गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर में मतदान होगा. दूसरे चरण में 13 सीट टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारां पर 26 अप्रैल को मतदान होगा.
इसके अलावा, बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली बागीदौरा विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव 26 अप्रैल को दूसरे चरण में होगा. यह सीट कांग्रेस विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय के कुछ दिन पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद खाली हुई थी.
बेटे नवीन जिंदल के बाद मां सावित्री जिंदल ने भी छोड़ा कांग्रेस, थामा BJP का दामन
हरियाणा की पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल कांग्रेस छोड़कर बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं. कुछ ही दिन पहले उनके बेटे और उद्योगपति नवीन जिंदल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. सावित्री जिंदल (84) हिसार में आयोजित एक कार्यक्रम में भाजपा में शामिल हुईं. इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और अन्य भाजपा नेता उपस्थित थे. सावित्री ने बुधवार देर रात एक सोशल मीडिया पोस्ट में कांग्रेस छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा की.
उन्होंने एक पोस्ट कर कहा, ‘‘मैंने एक विधायक के रूप में 10 वर्ष तक हिसार के लोगों का प्रतिनिधित्व किया और एक मंत्री के रूप में निस्वार्थ भाव से हरियाणा राज्य की सेवा की है. हिसार के लोग मेरा परिवार हैं और अपने परिवार की सलाह पर, मैं आज कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं.
मैंने विधायक के रूप में 10 साल हिसार की जनता का प्रतिनिधित्व किया और मंत्री के रूप में हरियाणा प्रदेश की निस्वार्थ सेवा की है।
हिसार की जनता ही मेरा परिवार है और मैं अपने परिवार की सलाह पर आज कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं । कांग्रेस नेतृत्व के समर्थन…
‘फोर्ब्स इंडिया पत्रिका ने इस साल देश की सर्वाधिक अमीर महिलाओं की सूची में सावित्री जिंदल का नाम शामिल किया था. पत्रिका के अनुसार, प्रसिद्ध उद्योगपति और हरियाणा के पूर्व मंत्री ओ पी जिंदल की पत्नी सावित्री जिंदल की कुल संपत्ति 29.1 अरब डॉलर है.
सैनी ने ‘एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “हम भाजपा परिवार में दिग्गज कांग्रेस नेता, हरियाणा सरकार में पूर्व मंत्री, प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती सावित्री जिंदल जी और उनकी बेटी श्रीमती सीमा जिंदल जी का स्वागत करते हैं.”हरियाणा में कांग्रेस की पूर्ववर्ती भूपेंद्र हुड्डा सरकार में सावित्री जिंदल मंत्री थीं. वर्ष 2014 के चुनाव में सावित्री हिसार सीट पर भाजपा के डॉ कमल गुप्ता से हार गई थीं. गुप्ता वर्तमान में नायब सिंह सैनी सरकार में मंत्री हैं.
सावित्री जिंदल के बेटे और उद्योगपति नवीन जिंदल कांग्रेस छोड़कर रविवार को भाजपा में शामिल हुए. नवीन को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कुरूक्षेत्र से भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया है.
सैनी और खट्टर द्वारा पार्टी में स्वागत किए जाने के बाद सावित्री जिंदल ने कहा, “हम एक बार फिर (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी के नेतृत्व में केंद्र में एक मजबूत सरकार बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे.”
उन्होंने कहा, “हमें मोदी परिवार का सदस्य बनाने के लिए मैं भाजपा के प्रत्येक पदाधिकारी और कार्यकर्ता का आभार व्यक्त करती हूं. हम पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे.” उन्होंने कहा कि पिछली खट्टर सरकार के तहत हरियाणा में अभूतपूर्व विकास हुआ.
सावित्री जिंदल ने कहा, “मैं 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रभावित हूं.”साल 2005 में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले अपने पति ओ.पी. जिंदल को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनका विचार था कि दलित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के उत्थान से भारत एक महान राष्ट्र बन सकता है.
सावित्री ने कहा, उन्होंने (ओ. पी. जिंदल) 1991 में इसी प्रतिज्ञा के साथ राजनीति में प्रवेश किया था. मार्च 2005 में उनके निधन के बाद, मैंने उनके सपनों को साकार करने के लिए राजनीति में प्रवेश किया.”
उन्होंने कहा, “हिसार मेरी जन्मभूमि और कर्मभूमि है. हिसार के लोगों ने हमेशा अपना प्यार बरसाया है और मैंने भी उन्हें अपने परिवार का हिस्सा माना है.” सावित्री जिंदल ने कहा कि आज देश को भाजपा और मोदी की जरूरत है.
इस अवसर पर सैनी ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार ने पिछले 10 वर्षों में बहुत सारे विकास कार्य किए हैं. इस मौके पर पार्टी नेता कमल गुप्ता, भव्य बिश्नोई और पूर्व राज्यपाल गणेशी लाल भी मौजूद थे. इस बीच, पार्टी नेताओं ने रणजीत सिंह चौटाला के चुनाव कार्यालय का भी उद्घाटन किया, जिन्हें भाजपा ने हिसार लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है. हरियाणा की 10 लोकसभा सीट पर छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा.
रूस-यूक्रेन के बीच शांति की बहाली के लिए बातचीत ही आगे का रास्ता है : भारत
भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह बातचीत और राजनय के जरिए रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रोत्साहन जारी रखेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्विट्जरलैंड शांति शिखर सम्मेलन में भारत के रुख को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की.
उन्होंने कहा, हम बातचीत और राजनय के माध्यम से रूसी-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान को प्रोत्साहित करते रहेंगे.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 मार्च को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ अलग-अलग बातचीत की थी और जोर दिया था कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत और राजनय ही आगे का रास्ता है.
मोदी ने हालिया चुनाव में पांचवीं बार जीत हासिल करने के लिए पुतिन को बधाई देने की खातिर टेलीफोन पर बातचीत की थी. उसके बाद प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की को फोन किया था और मौजूदा संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने तथा शांति के लिए सभी प्रयासों के प्रति भारत के समर्थन से अवगत कराया था.
जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई बातचीत के दौरान अपने देश की संप्रभुता के समर्थन के लिए भारत के प्रति आभार व्यक्त किया था. उन्होंने कहा कि भारत को स्विट्जरलैंड में पहले शांति शिखर सम्मेलन में भाग लेते देखना यूक्रेन के लिए महत्वपूर्ण होगा.
लोकसभा चुनाव 2024: बिहार में NDA और INDIA गठबंधन के 3 उम्मीदवारों ने दाखिल किया नामांकन
बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के तीन उम्मीदवारों और विपक्षी ‘इंडिया गठबंधन के कई उम्मीदवारों ने लोकसभा चुनाव के पहले चरण की सीट के लिए बृहस्पतिवार को नामांकन पत्र दाखिल किये. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (गया), विवेक ठाकुर (नवादा) और अरुण भारती (जमुई) ने भाजपा नेतृत्व वाले राजग के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में अपना -अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.
बिहार की सबसे बडी विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उम्मीदवारों, अभय कुशवाहा (औरंगाबाद), अर्चना रविदास (जमुई) और कुमार सर्वजीत (गया) ने भी नामांकन पत्र दाखिल किये. राजद ‘इंडिया गठबंधन का एक हिस्सा है.‘इंडिया गठबंधन द्वारा सामूहिक तौर सीट बंटवारे की घोषणा किए बिना ही बिहार में लगभग एक दर्जन सीट पर राजद ने एकतरफा उम्मीदवार उतारकर सबको चौंका दिया है.
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने जिन सीट पर टिकट दिया है, उनमें औरंगाबाद भी शामिल है. औरंगाबाद से कांग्रेस के पूर्व सांसद निखिल कुमार को चुनावी मैदान में उतारे जाने की चर्चा थी लेकिन राजद ने जदयू से पाला बदलकर आए अभय कुशवाहा को उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतार दिया है.
औरंगाबाद से मौजूदा भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था.हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख 79 वर्षीय जीतन राम मांझी ने प्रदेश भाजपा प्रमुख और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जदयू मंत्री श्रवण कुमार और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान जैसे सहयोगियों की उपस्थिति में आरक्षित गया सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.
जमुई (आरक्षित सीट) जाने से पहले राजग नेताओं ने इस अवसर पर आयोजित एक सार्वजनिक सभा को भी संबोधित किया.लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने चिराग पासवान के बहनोई अरुण भारती को जमुई (आरक्षित सीट) से चुनावी मैदान में उतारा है. चिराग लगातार दो बार लोकसभा में जमुई का प्रतिनिधित्व करने के बाद अपने पिता दिवंगत रामविलास पासवान की पुरानी सीट हाजीपुर से इसबार चुनाव लड़ने जा रहे हैं.
नवादा में राज्यसभा सांसद और भाजपा उम्मीदवार विवेक ठाकुर ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में नामांकन पत्र दाखिल किया. गिरिराज सिंह 2014 में इस सीट से लोकसभा पहुंचे थे पर पांच साल बाद वह बेगुसराय चले गए.
राजग उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करने के समय जहां उनके कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे वहीं राजद उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करने के समय पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव जैसे शीर्ष पार्टी नेता दिल्ली में होने के कारण अनुपस्थित रहे .