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![राजस्थान-भाजपा-को-मिला-नया-प्रदेश-अध्यक्ष-मिला,-प्रभारी-और-सह-प्रभारी-की-भी-हुई-नियुक्ति](https://www.ctetmocktesting.com/tet/img/hindi/2024/07/s1kud4v_madan_625x300_26_July_24.jpg?im=FaceCrop,algorithm=dnn,width=1200,height=738)
राजस्थान भाजपा को मिला नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष JP नड्डा ने OBC वर्ग से आने वाले राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ को प्रदेशाध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी दी है. देर रात जारी हुए नियुक्ति आदेश में मदन राठौड़ के अलावा राजस्थान में भाजपा प्रभारी और सह प्रभारी की भी हुई नियुक्ति हुई है. डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल को राजस्थान भाजपा का प्रभारी और विजया राहटकर को सहप्रभारी बनाया गया है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तीनों नेताओं को बधाई दी है.
कौन हैं मदन राठौड़?
मूल रूप से पाली के रहने वाले मदन राठौड़ का जन्म 2 जुलाई 1954 को पाली के रायपुर में हुआ था. 2003 से 2008 और 2013 से 2018 तक सुमेरपुर से पाली जिले के दो बार विधायक रह चुके मदन राठौड़ पिछली बीजेपी सरकार में सरकारी उप मुख्य भी सचेतक बनाए गए थे. 4 बार भाजपा के पाली जिलाध्यक्ष पद पर रह चुके मदन राठौड़ का टिकट इस बार राजस्थान विधानसभा चुनाव में कट गया था. फिर बाद में पार्टी ने राज्यसभा सांसद बना दिया. अब प्रदेश अध्यक्ष बनाकर दोहरी जिम्मेदारी दी है .
पीएम मोदी से पुराना नाता
मदन राठौड़ शुरू से RSS से जुड़े हुए हैं. मदन राठौड़ राम जन्मभूमि आंदोलन में मथुरा के नरहौली थाने में गिरफ्तार हो चुके हैं और मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी के साथ लाल चौक पर तिरंगा भी फहरा चुके हैं. इसके अलावा भाजपा ने काफ़ी समय से ख़ाली चल रहे प्रभारी पद पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ राधा मोहन अग्रवाल को ज़िम्मेदारी दी है, जबकि विजया राहटकर के पास सह प्रभारी की ज़िम्मेदारी बनी रहेगी.
![आज-सुप्रीम-कोर्ट-में-किन-अहम-मामलों-की-होगी-सुनवाई?-देखें-पूरी-लिस्ट](https://www.ctetmocktesting.com/tet/img/hindi/2024/07/nvjq782_supreme-court_625x300_25_July_24.jpg)
यूपी, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश मे कांवड़ यात्रा मार्ग की दुकानों पर नाम लिखे जाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई के दौरान NGO एसोशिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, अपूर्वानंद और महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी, एमपी और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी करते हुए इन सरकारों के आदेश पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि कावड़ियों को शाकाहारी भोजन मिले और हाइजिन स्टैंडर्ड भी कायम रहे, ऑथोरिटीज ये सुनिश्चित कर सकती हैं. इसको लेकर सक्षम ऑथोरिटी फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 और स्ट्रीट वेंडर एक्ट 2014 के तहत आदेश भी जारी कर सकती हैं, लेकिन इसको लेकर जो सक्षम ऑथोरिटी के पास पावर है, उस अधिकार को बिना किसी कानूनी आधार के पुलिस नहीं हथिया सकती. कोर्ट ने नेमप्लेट को लेकर जारी निर्देशों पर रोक लगाते हुए कहा था कि ढाबा, रेस्टोरेंट, फल- सब्जी विक्रेताओं, फेरी वाले दुकानदार ये तो बता सकते हैं कि वो कांवड़ियों को किस प्रकार का भोजन परोस रहे हैं, लेकिन दुकान मालिकों या फिर उनके यहां काम करने वालों को अपना नाम-पहचान उजागर करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. आज इसी मसले पर फिर जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच में सुनवाई होगी.
ममता बनाम राज्यपाल मामला
विधानसभा से पास किए गए विधेयकों को अनुमति नहीं देने के मामले में पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. याचिका में ममता सरकार ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस 8 विधेयकों को मंजूरी नहीं दे रहे हैं और विधानसभा में पारित विधेयकों को बगैर कोई कारण बताए मंजूरी देने से इनकार करना संविधान के आर्टिकल 200 के खिलाफ है.
दिल्ली जल बोर्ड का मामला
दिल्ली जल बोर्ड का फंड रिलीज ना करने के मामले में दायर दिल्ली सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. दिल्ली सरकार के इस आरोप पर दिल्ली के वित्त विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि 2016 से अब तक दिल्ली जल बोर्ड को 28,400 करोड़ रुपये फंड दिया गया, लेकिन बोर्ड कोई जवाबदेही नहीं चाहता.
थप्पड़ की गुंज आज सुनाई देगी
मुजफ्फरनगर के एक स्कूल की प्रिंसिपल द्वारा एक बच्चे को क्लास के दूसरे बच्चों से थप्पड़ मारने के लिए मजबूर करने के मामले में दाखिल में तुषार गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित छात्र का एडमिशन दूसरे स्कूल में कराए जाने और उसके ड्रेस, फीस और परिवहन खर्च की नियमित व्यवस्था करने के लिए प्रशासन को आदेश दिया था.
![अमेरिका-की-इस-एडवाइजरी-पर-पीट-लेंगे-सिर,-जानें-उनके-देश-में-कैसे-बढ़-रही-हेट-और-हिंसा?](https://www.ctetmocktesting.com/tet/img/hindi/2024/07/bp2nki2g_joe-biden-kamala-harris_640x480_25_July_24.jpg)
भारत को लेकर अमेरिका की अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी काफी चर्चा में है. इस एडवाइजरी को पढ़ने पर लगेगा कि भारत बेहद खतरनाक जगह है. इस एडवाइजरी के मुताबिक, भारत में आतंकी कभी भी हमले कर सकते हैं. यहां महिलाओं से रेप बहुत बढ़ गए हैं. पर्यटन स्थलों पर हिंसा, हमले और रेप की घटनाएं बढ़ी हैं. महाराष्ट्र और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में हम आपकी बहुत मदद नहीं कर सकते. मध्य भारत में नक्सली हमले हो जाते हैं. पूर्वोत्तर और मणिपुर में नस्ली हिंसा हो रही है. अब इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद भारत के इन जगहों पर रहने वाले जरूर सोच में पड़ गए होंगे कि क्या वे अपने आसपास की घटनाओं से अब तक अनजान थे या अमेरिका को सच में भारत के बारे में कुछ नहीं पता. हालांकि, भारत के लोगों को यह जरूर जान लेना चाहिए कि अमेरिका में क्या हो रहा है.
हेट ब्रिगेड सक्रिय
खुद अमेरिका के लोग आजकल बेहद चिंतित हैं. वहां चुनावों के दौरान जिस तरह का टकराव देखने मिल रहा है, वह अमेरिका के नस्ली और नफरती अतीत की याद दिलाता है. वहां हर किसी के पास बंदूक है और हर क्षेत्र में बिना मतलब की हिंसा होती रहती है. इन चुनावों में जो तीखी लड़ाई चल रही है, वह कमला हैरिस के मैदान में आने से कुछ और तीखी हो गई है. वहां जैसे एक हेट ब्रिगेड सक्रिय हो गई है.
कमला हैरिस बनीं निशाना
कमला हैरिस पर नस्लवादी छींटाकशी बढ़ गई है. हैरिस पर ही नहीं, उनके परिवार और बच्चों पर भी टीका-टिप्पणी बढ़ी है. उनके भारतीय मूल के होने पर भी हमले हुए हैं. कमला हैरिस के चरित्रहनन की कोशिश की जा रही है. कहा जा रहा है कि उन्होंने गलत तरीके से मौके हासिल किए. उनके बच्चे न होने को भी मुद्दा बनाया गया है. यहूदी पति को लेकर भी टीका-टिप्पणी की गई है और उनसे पैदा बेटी का भी जिक्र हो रहा है. रिपब्लिकन लोग उन पर बाइडन के खिलाफ साजिश का आरोप भी लगा रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने इसे तख्तापलट की कोशिश बताया है. ये हमले रिपब्लिकन वेबसाइट्स पर बढ़े हैं. इस तरह की छींटाकशी में रिपब्लिकन उपराष्ट्रपति उम्मीदवार की पत्नी उषा वेंस भी शामिल दिख रही हैं.
नस्लवादी टिप्पणी बढ़ी
हालांकि, कहा जा रहा है कि रिपब्लिकन्स का एक खेमा इस तरह के हमलों के ख़िलाफ है और उसका कहना है कि कमला हैरिस और बाइडन की नीतियों पर हमले हों. अगर कमला हैरिस जीत जाती हैं तो वह अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी. वह अमेरिकी विविधता के लिए एक नया मुकाम होंगी, लेकिन इस बीच जो नस्ली नफरत वहां दिख रही है, वो हैरान करने वाली है. जब से कमला हैरिस के नाम का ऐलान अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रैटिक पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर हुआ है, उनके ऊपर लांछन और नस्लवादी कमेंट बेहद ज्यादा बढ़ गए हैं.
पति और बच्चों को लेकर कमेंट
सोशल मीडिया साइट्स पर रिपब्लिकन पारटी के समर्थक लगातार उन पर और उनके पति पर और यहां तक कि उनके पति की पहली शादी से बेटी पर हमले हो रहे हैं. उनके भारतीय मूल के होने पर उनके ऊपर हमले हुए हैं ...कहा गया है कि उन्हें काम पर इसलिए रखा गया क्योंकि उन्हें बराबरी की नीति के तहत काम देना था. उनका character assasination भी किया जा रहा है...कहा जा रहा है कि उन्होंने गलत करीके से मौके हासिल किए और आगे बढ़ने के लिए इस्तेमाल किया. उनके बच्चे नहीं होने को भी एक मुद्दा बनाया जा रहा है. उनके पति डग एमहॉफ यहूदी हैं, वकील हैं और Georgetown University Law Center में visiting professor हैं. उन्हें लेकर भी हमले हो रहे हैं.
इतनी बढ़े हिंसक कमेंट
साजिश के तहत जो बाइडेन को राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर करने को लेकर टिप्पणियां की जा रही हैं. यहां तक कि हैरिस की उम्मीदवारी के ऐलान के बाद खुद ट्रंप ने इसे तख्तापलट की कोशिश बताया. वो सब चीजें हो रही हैं, जो कि अमेरिकी लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं. Ella Emhoff के ऊपर भी हमले बढे़ हैं. हाल में Global Project Against Hate and Extremism (Gpahe) की जांच के मुताबिक 19 से 21 जुलाई के बीच अलग-अलग सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर हैरिस के खिलाफ हिंसक कमेंट बेहद ज्यादा बढे़. ट्रंप के बनाए Truth Social पर 33%, 292% on Gab पर, 50% Telegram पर और 525% on 4chan पर. Gpahe ने अपने analysis में ये भी पाया कि रिपब्लिकन पार्टी उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार JD Vance की पत्नी Usha Chilukuri पर भी उनके भारतीय मूल की होने के कारण नस्लवादी टिप्पणियां की जा रही हैं.
एक खेमे की राय अलग
इस सब के बीच खबर आ रही है कि रिपब्लिकन पार्टी के नेता सदस्यों को इस तरह के कमेंट से बचने के लिए कह रहे हैं. House Republicans की एक closed-door meeting में National Republican Congressional Committee chairman Richard Hudson ने कहा कि सिर्फ बाइडेन-हैरिस की नीतियों के लिए आलोचना हो. ये पार्टी के लिए इसलिए भी अहम है क्योंकि कमला हैरिस ऐसी उम्मीदवार हैं, जो अगर जीतती हैं तो पहली महिला, पहली ब्लैक महिलाल पहली साउथ एशियाई मूल की महिला राष्ट्रपति होंगी. ऐसे में उनके खिलाफ सेक्सिस्ट, रेसिस्ट हमले swing voters को जैसे suburban महिलाएं, नॉन वाइट लोग और युवा इसे अलग थलग पड़ जाएंगे...ट्रंप इन्हें जीतने की कोशिश भी कर रहे हैं.
![नौवीं-अनुसूची-है-क्या?-नीतीश-कुमार-क्या-इसी-से-बिहार-में-वापस-लाएंगे-65%-आरक्षण,-समझिए-यह-रण](https://www.ctetmocktesting.com/tet/img/hindi/2024/07/d06tgbr8_nitish-kumar_625x300_26_July_24.jpg?im=FeatureCrop,algorithm=dnn,width=1200,height=738)
Reservation Demand : नौवीं अनुसूची. यह आजकल हर जगह चर्चा में है. हर राजनीतिक दल के नेता आजकल इस पर बात कर रहे हैं. बिहार के संबंध में ज्यादा इसकी बात हो रही है. अभी दो दिन पहले ही 24 जुलाई को बिहार विधानसभा में इसे लेकर खूब घमासान हुआ.बिहार विधानसभा में बुधवार को राज्य के संशोधित आरक्षण कानूनों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई. बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने बार-बार विपक्षी सदस्यों से अनुरोध किया कि वे अपनी सीट पर लौट जाएं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हस्तक्षेप करने के लिए खड़े हुए, पर विपक्षी विधायक नहीं माने.
नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘मेरे कहने पर आप सभी जाति आधारित गणना के लिए सहमत हुए जिसके बाद एससी, एसटी, ओबीसी और अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिए कोटा बढ़ाया गया. अब जब पटना उच्च न्यायालय ने आरक्षण कानूनों को रद्द कर दिया है, तो हम उच्चतम न्यायालय गए हैं. इन्हें नौवीं अनुसूची में डालने के लिए केंद्र से एक औपचारिक अनुरोध भी किया गया है. पटना उच्च न्यायालय का आदेश20 जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली प्रदेश सरकार को तगड़ा झटका देते हुये पटना उच्च न्यायालय ने पिछले वर्ष दलितों, पिछड़े वर्गों और आदिवासियों के लिए सरकारी नौकरियों तथा शिक्षण संस्थानों में दिये जाने वाले आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 फीसदी किए जाने के इसके फैसले को रद्द कर दिया. मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कई याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया. इन याचिकाओं में नवंबर 2023 में राज्य सरकार द्वारा जाति आधारित गणना के बाद आरक्षण में वृद्धि को लेकर लाए गए कानूनों का विरोध किया गया था.
कब से शुरू हुआ ये मामला?दरअसल, नीतीश कुमार सरकार ने पिछले साल 21 नवंबर को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में वंचित जातियों के लिए आरक्षण 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने की सरकारी अधिसूचना जारी की थी. बिहार सरकार द्वारा कराए गए जाति आधारित गणना के अनुसार राज्य की कुल आबादी में ओबीसी और ईबीसी की हिस्सेदारी 63 प्रतिशत है, जबकि एससी और एसटी की कुल आबादी 21 प्रतिशत से अधिक है. सरकार का मानना है कि आरक्षण को लेकर उच्चतम न्यायालय की 50 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन केंद्र द्वारा ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किये जाने के कारण पहले ही हो चुका है. इसलिए राज्य सरकार अपने आरक्षण कानूनों में संशोधन लेकर आई, जिसके तहत दलित, आदिवासी, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) एवं ईबीसी (आर्थिक रूप से कमजोर) वर्ग के लिए कोटा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया. ईडब्ल्यूएस के लिए कोटा मिलाकर बिहार में आरक्षण की सीमा 75 प्रतिशत हो गई थी.
क्या है राजनीति?इसके अलावा बिहार सरकार ने केंद्र से यह भी अनुरोध किया था कि राज्य के आरक्षण कानूनों को संविधान की नौवीं अनुसूची में रखा जाए, ताकि इसको लेकर कोई कानूनी अड़चन न उत्पन्न हो सके. बिहार सरकार के जाति आधारित गणना कराने और आरक्षण की सीमा को बढाए जाने को कई टिप्पणीकारों ने ‘‘मंडल 2 करार दिया था और बाद में कांग्रेस ने केंद्र में सत्ता में आने पर राष्ट्रव्यापी जाति सर्वेक्षण का वादा किया था, जो उस समय बिहार में सत्ता साझा कर रही थी. राजद और कांग्रेस अब भी इस मामले को नौवीं अनुसूची में डालने का दबाव बना रही हैं. इन दोनों के समर्थन के राजनीतिक हित भी हैं. नीतीश कुमार पर एक तो इससे दबाव बढ़ेगा और दूसरा केंद्र सरकार से नीतीश कुमार का टकराव बढ़ेगा, जिससे मोदी सरकार अल्पमत में आ सकती है.
नौवीं अनुसूची है क्या?
नौवीं अनुसूची में केंद्रीय और राज्य कानूनों की एक सूची है, जिसे किसी कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती. इसे संविधान के पहले संशोधन अधिनियम 1951 द्वारा जोड़ा गया था. पहले संशोधन में अनुसूची में 13 कानूनों को जोड़ा गया था. बाद के विभिन्न संशोधनों सहित वर्तमान में संरक्षित कानूनों की संख्या 284 है. नौवीं अनुसूची भारतीय संविधान में एक विशेष प्रावधान है, जो विधायिका को संविधा संशोधन के जरिए कुछ कानूनों को न्यायिक समीक्षा से छूट देता है. नौवीं अनुसूची में नया अनुच्छेद 31बी जोड़ा गया, जिसे अनुच्छेद 31ए के साथ मिलकर कृषि सुधार से संबंधित कानूनों की रक्षा करने तथा जमींदारी प्रथा को समाप्त करने के उद्देश्य से अधिनियमित किया गया. नौवीं अनुसूची में शामिल कानूनों को भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों के साथ असंगति के आधार पर अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती.
कहां से मिलती है ताकत?अनुच्छेद 31बी नौवीं अनुसूची में शामिल कृत्यों और विनियमों को किसी भी मौलिक अधिकार के उल्लंघन के आधार पर चुनौती दिए जाने और अवैध ठहराए जाने से संरक्षण प्रदान करता है. अनुच्छेद 31ए की तुलना में इसका दायरा अधिक व्यापक है. अनुच्छेद 31ए केवल पांच विशिष्ट श्रेणियों के कानूनों को संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 19 द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के आधार पर चुनौती दिए जाने से बचाता है. इसमें मुख्य रूप से भूमि और आरक्षण से संबंधित कानून शामिल हैं. ये कानून मुख्य रूप से कृषि और भूमि से संबंधित हैं, हालांकि, आरक्षण से संबंधित कुछ कानून भी इसमें शामिल हैं. उदाहरण के लिए, अनुसूची में तमिलनाडु का एक कानून है, जो राज्य में 69% आरक्षण को अनिवार्य बनाता है. नौवीं अनुसूची आर्थिक असमानता को कम करने तथा आरक्षण जैसे कानूनों एवं नीतियों के संरक्षण के माध्यम से सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में मदद करती है.
नौवीं अनुसूची क्यों है खतरनाक?नौवीं अनुसूची सरकार को आरक्षण जैसे कानून बनाने की अनुमति देती है, जो संविधान द्वारा गारंटीकृत समानता के अधिकार का उल्लंघन करते हैं. सरकार राजनीतिक कारणों से या निहित स्वार्थों की रक्षा के लिए नौवीं अनुसूची में कानून जोड़ सकती है, जिससे जवाबदेही और पारदर्शिता की कमी हो सकती है. नौवीं अनुसूची में कानूनों को शामिल करने से न्यायपालिका की उनकी संवैधानिकता की समीक्षा करने की शक्ति सीमित हो जाती है, जिससे न्यायिक निगरानी का अभाव हो जाता है. नौवीं अनुसूची विभिन्न कानूनों और नीतियों के लिए असमान व्यवहार प्रदान करती है. कुछ कानून न्यायिक जांच से सुरक्षित हैं, जबकि अन्य न्यायिक समीक्षा के अधीन हैं. नौवीं अनुसूची में कानूनों को शामिल करने के मानदंडों के बारे में स्पष्टता का अभाव है. इससे कानूनों और नीतियों की संवैधानिकता के बारे में भ्रम और अनिश्चितता पैदा हो सकती है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी हो सकती है. उदाहरण के लिए, झारखंड के नए विधेयक में सरकारी पदों में आरक्षण को बढ़ाकर 77% करने की बात कही गई है. झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से इसे नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए कहा है.
![मुंबई-और-पुणे-में-सहित-महाराष्ट्र-के-कई-इलाकों-में-भारी-बारिश,-शुक्रवार-के-लिए-भी-रेड-अलर्ट](https://www.ctetmocktesting.com/tet/img/hindi/2024/07/m90po1u8_pune-rains_625x300_25_July_24.jpeg)
![महाराष्ट्र-:-भारी-बारिश-के-चलते-अलीबाग-समुद्र-तट-पर-रास्ता-भटका-मालवाहक-जहाज](https://www.ctetmocktesting.com/tet/img/hindi/2024/07/r9e4pqn_india_625x300_25_July_24.jpg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=1200,height=738)
भारी बारिश के कारण अलीबाग समुद्र तट पर मालवाहक जहाज रास्ता भटक गया. जानकारी के मुताबिक, रायगढ़ जिले में अलीबाग समुद्र तट पर मालवाहक जहाज रास्ता भटक गया और कोलाबा किले से कुछ दूरी पर फंसा हुआ है. फंसे हुए जहाज को निकालने के लिए एक अन्य जहाज को भेजा गया है.
जानकारी के अनुसार, यह जहाज जेएसडब्ल्यू कंपनी का है. गुरुवार सुबह 25 जुलाई को धरमतार बंदरगाह से जयगढ़ के लिए रवाना हुआ था. हालांकि, कुछ तकनीकी कारणों से इसे समुद्र में पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. कंपनी ने कहा कि वह दूसरा जहाज भेजकर तकनीकी समस्या को ठीक करने की कोशिश करेगी.
समुद्री यातायात प्रणाली में जहाज का स्थान कोलाबा क्षेत्र में पाया गया है.जहाज जेएसडब्ल्यू का है और यह कच्चे माल (कोयला) के साथ 25 जुलाई को धरमत बंदरगाह से जयगढ़ बंदरगाह के लिए रवाना हुआ था.
![पुरानी-पेंशन-स्कीम-को-दोबारा-लागू-करना-मुमकिन-नहीं,-इससे-आम-लोगों-पर-पड़ेगा-नेगेटिव-असर-:-वित्त-सचिव](https://www.ctetmocktesting.com/tet/img/hindi/2024/07/287pli1g_tv-somanathan-interview_625x300_25_July_24.jpeg?im=FeatureCrop,algorithm=dnn,width=1200,height=738)
केंद्र सरकार ने नई पेंशन स्कीम (NPS) में बदलाव करने के लिए एक कमेटी बनाई है. वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन इस कमेटी के हेड हैं. सोमनाथन ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट (Budget 2024) पेश होने के बाद NDTV को दिए इंटरव्यू में पुरानी पेंशन स्कीम और सब्सिडी जैसे मुद्दे पर खुलकर बात की है.
वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन ने बताया कि पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को दोबारा लागू करना वित्तीय रूप से मुमकिन नहीं है. उन्होंने कहा, मेरे ख्याल से यह कहीं से व्यावहारिक नहीं है. अगर यह अमल होता है, तो सरकारी कर्मचारी के लिए अच्छा होगा, लेकिन साधारण नागरिक के खिलाफ होगा जो बहुसंख्यक है.
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वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन ने कहा, पुरानी पेंशन स्कीम को दोबारा लागू नहीं किया जा सकता. ऐसा में एक वित्तीय अधिकारी के नाते कह रहा हूं. आखिरी फैसला सरकार करेगी. मैं जहां तक समझ पा रहा हूं, तो पुरानी पेंशन स्कीम वित्तीय तौर पर व्यावहारिक नहीं है. क्योंकि साधारण नागरिकों के खिलाफ इसका नेगेटिव असर पड़ेगा. बेशक हम कर्मचारियों की उम्मीदों को कुछ हद तक पूरा कर सकते हैं.
टी.वी. सोमनाथन ने बताया कि इसके तीन मुद्दे हैं:-
1) स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव की वजह से अनिश्चिता है. कर्मचारी संगठन नहीं चाहते कि पेंशन सिस्टम उस पर निर्भर हो.
2) पेंशन व्यवस्था को महंगाई से लिंक करने का मुद्दा.
3) जिन लोगों का कार्यकाल 30 साल का नहीं है या 35 साल का नहीं हो पाया. उनका कुछ मिनिमम पेंशन हो, उसका इंतजाम होना चाहिए.
सोमनाथन ने कहा, ये तीन मांगें कर्मचारी संगठनों की तरफ से आई है. हम इनपर विचार कर रहे हैं. इससे ज्यादा इसपर कोई कह नहीं सकता.
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आठवां वेतन आयोग अभी नहीं ला रही केंद्र सरकार
सोमनाथन ने बताया, आठवें वेतन आयोग को 1 जनवरी 2026 से लागू होना है. अभी हम 2024 में है. पिछली बार 2014 फरवरी में किया गया था, लेकिन वह अनयूजुअल था.
बजट का सबसे अहम एजेंडा जॉब्स और स्किल डेवलपमेंट
वित्त सचिव ने बताया, इस बजट का सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा रोजगार है. हमारा फोकस रोजगार के लिए युवाओं का स्किल बढ़ाने पर है. इस पर बजट में काफी जोर दिया गया है. उन्होंने बताया, हमने बजट में 5 स्कीम को शामिल किया है. इसमें 3 योजना ऐसी हैं, जिसमें रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए हम सब्सिडी दे रहे हैं. अगर पहली बार नौकरी करने वाले लोगों को रोजगार दिया जाता है, तो हम सब्सिडी देंगे. अगर किसी कंपनी ने रोजगार के अवसर बढ़ाए, तब उनको भी सब्सिडी दी जाएगी. कुछ हद तक इसका असर टेक्नोलॉजी और रोजगार के बीच बैलेंस पर होगा.
सोमनाथन ने बताया, 500 बड़ी कंपनियां को एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप का मौका देना होगा. इसके लिए वह CSR फंड्स इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि, यह स्कीम बड़ी कंपनियां के लिए मैंडेटरी नहीं है. युवाओं के लिए एंट्री बैरियर को तोड़ने का यह एक बहुत अच्छा मौका होगा कि उन्होंने एक बड़ी कंपनी में इंटर्नशिप किया है. ऐसी इंडस्ट्रीज है जिनके पास वैकेंसी हैं, लेकिन उनके पास ट्रेंड मैनपॉवर नहीं है.
ITI के अपग्रेडेशन के लिए भी काम शुरू
वित्त सचिव ने कहा, ITI के अपग्रेडेशन के लिए भी हमने स्कीम शुरू किया है. हमारा उद्देश्य है कि 1000 ऐसे आईटीआई में हम वर्ल्ड क्लास मशीन और टेक्नोलॉजी लगाएंगे, जिससे युवाओं को सही तरीके से स्किल किया जा सके. उन्होंने बताया, यह 60,000 करोड़ की योजना है. इसमें से 30,000 करोड़ भारत सरकार देगी...20,000 करोड़ राज्य सरकार देंगे और 10,000 करोड़ कॉर्पोरेटर्स की तरफ से आएगा.
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बढ़ेगा इंटेंसिटी प्रोडक्शन
सोमनाथन ने कहा, कुछ सेक्टर ऐसे होंगे, जहां पर ऑटोमेशन की जगह अगर ज्यादा युवाओं को रोजगार दिया जाता है, तो उनको इंसेंटिव कंपनियों को मिलेगा... इससे इंटेंसिटी प्रोडक्शन बढ़ेगा.
अग्निवीर एक अच्छी योजना
सोमनाथन ने सरकार की अग्निवीर योजना को अच्छी योजना बताया है. उन्होंने कहा, भारत की सुरक्षा के लिए और राष्ट्रीय सेवा के लिए ये अच्छी योजना है. कई देशों में शॉर्ट सर्विस कमीशन है, ताकि युवा कम उम्र में कुछ सालों के लिए सेना में काम करें. स्किल्ड हो जाएं. बाद में ऐसे लोग बहुत सक्सेसफुल कॉर्पोरेट एम्पलाई और एंटरप्रेन्योर बनते हैं.
राजनीतिक मुद्दों पर नहीं करूंगा बहस
विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों के नीति आयोग की मीटिंग का बहिष्कार करने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त सचिव सोमनाथन ने कहा, मैं एक ऑफिसर हूं, राजनेता नहीं हूं. मैं राजनीतिक मुद्दों पर बहस नहीं करूंगा. मैं यह कहूंगा कि भारत सरकार और राज्य सरकारों के बीच एक स्तर पर पॉलिटिकल रिलेशनशिप होता है. दूसरे स्तर पर एक ऑफिशियल सिस्टम होता है. स्टेट चीफ सेक्रेटरी, स्टेट फाइनेंस सेक्रेट्री और मेरे बीच जो संबंध है वह निरंतर चलने वाला है सिस्टम है.
सोमनाथन ने कहा, यह सिस्टम अच्छे से चल रहा है...राज्य में चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो...प्रशासनिक स्तर पर जो सहयोग है वह नॉर्मल है. ये आगे भी नॉर्मल ही रहेगा. यह हमारी संवैधानिक व्यवस्था की मजबूती है. यह तालमेल राजनीति से बिल्कुल अलग होता है. हमें उम्मीद है कि हम राज्यों के साथ बेहतर समन्वय और तालमेल के साथ काम करते रहेंगे.
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![हजारों-की-भीड़,-हर-गले-में-सांप-:-बिहार-के-इस-मेले-में-ये-क्या-हो-रहा...-जहां-पूजे-जाते-हैं-नाग](https://www.ctetmocktesting.com/tet/img/hindi/2024/07/ko1baebg_india_625x300_25_July_24.jpg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=1200,height=738)
सांप के बारे में जब भी हम सोचते हैं तो हम डर भी जाते हैं. कारण भी स्पष्ट है, सांप काफी खतरनाक और जहरीला होता है, मगर बिहार के समस्तीपुर जिले में लोग खतरनाक सांपों को गले में डालकर घूम रहे हैं. इनके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सिंघियाघाट में आज नागपंचमी पर एक ऐसा मेला लगा, जिसे देखकर आप हैरान रह जाएंगे. मेले में देखा जा सकता है कि बच्चे से लेकर युवा तक अपने गले में सांपों को बहुत ही आसानी से लेकर घूम रहे हैं, उनके साथ खेल रहे हैं.
नागपंचमी के मौके पर भगत राम सिंह सहित कई अन्य लोग माता विषहरी का नाम लेते हुए दर्जनों सांपों के साथ खेल रहे हैं. इस मेले में सभी लोग अपने गले में सांपों को रखे हुए हैं.
यहां पूजा करने के लिए समस्तीपुर जिले के अलावा खगड़िया, सहरसा, बेगूसगू राय, मुजफ्फरपुर जिले के भी लोग आते हैं.
सैकड़ों की संख्या में भगत हाथ में सांप लिए बूढ़ी गंडक नदी के सिंघियाघाट पुल घाट पहुंचकर सांप निकाला. साथ ही साथ पूजा भी की. यहां की मान्यता के अनुसार, विषधर माता सभी की इच्छाएं पूरी करती हैं.
पूजा करने के बाद सांपों को जगल में छोड़ दिया जाता है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह मेला मिथिला का प्रसिद्ध मेला है. यहां नाग देवता की पूजा की सैकड़ों साल से चली आ रही है. यह परंपरा विभूतिपुर में आज भी जीवंत है. यहां मूलत: गहवरों में बिषहरा की पूजा होती है.
यहां की श्रद्धालु महिलाएं अपने वंश वृद्धि की कामना को लेकर नागदेवता की विशेष पूजा करती हैं. महिलाएं नागों का वंश बढ़ने की भी कामना करती है. मन्नत पूरी होने पर नाग पंचमी के दिन गहवर में झाप और प्रसाद चढ़ाती है. लोगों का कहना है कि यहां मेले की शुरुआत सौ साल पहले से ही चली आ रही है.
![बिहार-:-JDU-के-राष्ट्रीय-महासचिव-राजीव-रंजन-का-निधन,-मुख्यमंत्री-नीतीश-ने-जताया-शोक](https://www.ctetmocktesting.com/tet/img/hindi/2024/07/hf7r8d8g_india_625x300_25_July_24.jpg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=1200,height=738)
बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन का गुरुवार शाम निधन हो गया है. उन्होंने दिल्ली में अंतिम सांस ली. उनके निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त किया है.
बताया जाता है कि जदयू के नेता और पूर्व विधायक राजीव रंजन की शाम को तबियत बिगड़ी थी और उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके नजदीकियों के मुताबिक उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार को पटना लाया जाएगा.
राजीव रंजन के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत जदयू और भाजपा के कई नेताओं ने शोक जताया है. मुख्यमंत्री नीतीश ने उनके निधन को पार्टी के लिए क्षति बताया.मुख्यमंत्री ने इस्लामपुर के पूर्व विधायक राजीव रंजन के असामयिक निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि राजीव रंजन एक कुशल राजनीतिज्ञ एवं प्रसिद्ध समाजसेवी थे. उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है.
जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता राजीव रंजन सिंह का निधन अत्यंत दुखद है. ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिवार को संबल प्रदान करें.भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि राजीव रंजन राजनीति के अलावा सामाजिक व्यक्ति थे. उनका निधन प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है.
भाजपा के सांसद संजय जायसवाल ने एक्स पर लिखा, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व विधायक, वरिष्ठ राजनेता राजीव रंजन का निधन अत्यंत ही दुखद है. बिहार की राजनीति में उनके देहावसान से अपूरणीय क्षति हुई है. भगवान उनकी आत्मा को शांति और परिवार तथा प्रियजन को धैर्य दें.
आज देर रात्रि नई दिल्ली में जदयू के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व विधायक, वरिष्ठ राजनेता श्री राजीव रंजन सिंह जी के निधन के पश्चात उनके आवास पर गया और पार्थिव शरीर को अंतिम प्रणाम निवेदित किया।
भगवान उनकी आत्मा को शांति और परिवार तथा प्रियजन को धैर्य दे।
ऊँ शांति । pic.twitter.com/F9aoXUToHn
राजीव रंजन साल 2015 में जदयू से भाजपा में शामिल हुए थे. भाजपा में उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रवक्ता की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. साल 2023 में एक बार फिर से जदयू में शामिल हो गए. वह साल 2010 में जदयू के टिकट पर इस्लामपुर से विधायक चुने गए थे. जदयू में फिलहाल वह राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता की जिम्मेदारी संभाल रहे थे.
![दिल्ली-पुलिस-ने-शराब-पेमेंट-केस-में-डियाजियो-इंडिया-की-CEO-को-तलब-किया](https://www.ctetmocktesting.com/tet/img/hindi/2024/07/united-spirits_625x300_61463761239.jpg)
सरकारी एजेंसियों को शराब पर छूट देने से जुड़ी जांच में डियाजियो इंडिया के सीईओ को नोटिस जारी करके शुक्रवार को पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया है. डियाजियो इंडिया भारत में यूनाइटेड स्पिरिट्स के रूप में लिस्टेड है. सूत्रों के मुताबिक यह मामला सन 2017 से 2020 के बीच शराब की खुदरा दुकानें चलाने वाली सरकारी एजेंसियों से जुड़ा है. दिल्ली पुलिस इस अवधि के दौरान शराब की बिलिंग और छूट दिए जाने के मामले की जांच कर रही है. समाचार एजेंसी रॉयटर की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है.
दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस ने डियाजियो के भारतीय कारोबार (यूनाइटेड स्पिरिट्स) की सीईओ को शुक्रवार को तलब किया है. बताया जाता है कि सीईओ को चार जुलाई के पुलिस ने नोटिस जारी किया था. यूनाइटेड स्पिरिट्स की सीईओ हिना नागराजन को शुक्रवार को पुलिस के सामने पेश होने और कंपनी की बिक्री से संबंधित कई दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया है.
पुलिस ने उनसे जांच में शामिल होने के लिए व्यक्तिगत रूप से या कंपनी के प्रतिनिधि के माध्यम से पेश होने के लिए कहा है. नागराजन यूनाइटेड स्पिरिट्स की मेजॉरिटी ऑनर हैं और डियाजियो की ग्लोबल एक्जीक्यूटिव कमेटी की सदस्य भी हैं. डियाजियो के पास यूनाइटेड स्पिरिट्स का करीब 56 फीसदी हिस्सा है. इसे डियाजियो इंडिया भी कहा जाता है.
डियाजियो इंडिया के प्रवक्ता ने दिल्ली पुलिस का नोटिस मिलने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा है कि कंपनी पूरा सहयोग करेगी और मांगी गई जानकारी दी जा रही है.
मामले के जानकार शराब उद्योग के एक सूत्र के अनुसार, दिल्ली में चल रही जांच में इस बात का जिक्र किया गया कि कैसे डियाजियो इंडिया जैसी कंपनियां खुदरा दुकानें चलाने वाली सरकारी एजेंसियों को शराब की आपूर्ति करती हैं और कैसे यह एजेंसियां छूट देने वाले सप्लायरों को जल्दी पेमेंट करने की पेशकश करती हैं.
सूत्र ने बताया कि, पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या इस प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी हुई है? उसने यूनाइटेड स्पिरिट्स की सीईओ को गवाह के तौर पर तलब किया है. पुलिस ने नोटिस में नागराजन से यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि क्या निगमों (सरकारी एजेंसियों) को दी गई छूट आबकारी नीति के अनुसार थी?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पर्यटकों की आवाजाही काफी होती है. पर्यटकों की मांग के कारण दिल्ली शहर प्रीमियम शराब ब्रांडों का एक प्रमुख बाजार बना हुआ है. यूरोमॉनीटर का अनुमान है कि जॉनी वॉकर स्कॉच व्हिस्की बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी स्पिरिट निर्माता कंपनी डियाजियो की भारत के 35 बिलियन डॉलर के बाजार में 19 प्रतिशत हिस्सेदारी है. यह भारत की सबसे बड़ी शराब कंपनी भी है.
दिल्ली पुलिस की ओर से चार जुलाई को जारी किए गए 9 पॉइंट के नोटिस में अप्रैल 2017 से मार्च 2020 के दौरान दिल्ली शहर की एजेंसियों से प्राप्त बिक्री और भुगतान के संबंध में यूनाइटेड स्पिरिट्स से चालान विवरण मांगा गया है. पेमेंट एकत्र करने वाले कंपनी कर्मचारी का नाम भी मांगा गया है. पुलिस ने कंपनी से उस अवधि के बैंक स्टेटमेंट भी मांगे हैं.
![MIG-27-में-लगी-आग-तो-पार-कर-गए-बॉर्डर,--8-दिन-झेला-दुश्मनों-का-टॉर्चर...-ग्रुप-कैप्टन-नचिकेता-ने-बताया-कैसे-पाकिस्तान-ने-टेके-घुटने](https://www.ctetmocktesting.com/tet/img/hindi/2024/07/3gvupg3_group-captain-nachiketa_625x300_25_July_24.jpg)
आज से 25 साल पहले 26 जुलाई 1999 को लद्दाख के करगिल (Kargil War) में पाकिस्तानी आर्मी (Pakistani Army) को इंडियन आर्मी (Indian Army) ने खदेड़ कर ऑपरेशन विजय को सफल बनाया था. इस जंग में भारत ने अपने 527 जवान खोए थे. 1363 जवान जंग लड़ते हुए जख्मी हुए थे. लेकिन भारत के जवानों ने अपनी खून का कतरा-कतरा देकर भारत मां की रक्षा की. करगिल युद्ध के 25 साल पूरे होने के मौके पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्रास पहुंच रहे हैं. पीएम मोदी करगिल युद्ध स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देंगे.
करगिल युद्ध के 25 साल पूरे होने पर NDTV खास सीरीज वतन के रखवाले चला रहा है. आज की सीरीज में हमने टाइगर हिल के लेमोचिन पॉइंट पर करगिल युद्ध में शामिल कैप्टन नचिकेता (Captain Nachiketa) से खास बातचीत की. कैप्टन नचिकेता करगिल युद्ध में एकमात्र युद्धबंदी थे.
करगिल युद्ध के दौरान फ्लाइट लेफ्टिनेंट कम्बमपति नचिकेता IAF टीम-9 में युद्ध-प्रभावित बटालिक क्षेत्र में ड्यूटी पर थे. नचिकेता को 17,000 फीट की ऊंचाई से दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने की जिम्मेदारी दी गई थी. 27 मई 1999 को नचिकेता ने अपने फाइटर प्लेन मिग-27 से टारगेट सेट कर फायर किया ही था कि उनके इंजन में आग लग गई. काफी मशक्कत के बाद भी नचिकेता आग पर काबू पाने में सफल नहीं हुए. उन्हें दुश्मन के इलाके में बर्फ से ढकी पहाड़ी मुन्थूदालो में लैंडिंग करनी पड़ी. उनके बहादुर साथी स्क्वॉड्रन लीडर अजय आहूजा मिग-21 से उन्हें ढूंढ रहे थे. लेकिन पाकिस्तानी मिसाइल अन्जा ने आहूजा के एयरक्राफ्ट को निशाना बना लिया.
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जब इमरजेंसी लैंडिंग के सिवाय नहीं था कोई ऑप्शन
25 साल बाद नचिकेता ने करगिल जंग से जुड़े किस्से सुनाए. उन्होंने कहा कि मिग-27 में के इंजन में आग लगने के बाद उनके पास इमरजेंसी लैंडिंग के सिवाय और कोई ऑप्शन नहीं था. नीचे गिरने के आधा घंटे बाद पाकिस्तानी सैनिकों ने उन्हें घेर लिया. उन्होंने अपनी पिस्टल से छह राउंड फायर किए. पाकिस्तानी सैनिकों ने भी उन पर फायर किए, लेकिन वे खुशकिस्मत रहे कि एक भी गोली उन्हें नहीं लगी.
पाकिस्तान एयर फोर्स के अधिकारी ने मदद की
नचिकेता बताते हैं, इस बीच पाकिस्तानी सैनिकों ने मुझे पकड़ लिया. मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी. मेरे बचने की कोई उम्मीद नहीं बची थी. तभी पाकिस्तान एयर फोर्स का एक अधिकारी कैसर तुफैल वहां पहुंचे. कैसर करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान ऑपरेशंस के डायरेक्टर थे. उन्होंने अपने उग्र सैनिकों को मुश्किल से काबू किया. फिर मुझे एक कमरे में लेकर गए.
आठ दिन बाद पाकिस्तान ने रेड कॉस को सौंपा
भारत सरकार की कोशिशों से पूरे आठ दिन बाद ग्रुप कैप्टन नचिकेता को रेड क्रॉस को सौंप दिया गया. रेड क्रॉस के जरिए वे वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत पहुंचे. नचिकेता की रीढ़ की हड्डी में चोट आई थी. चोट के चलते फाइटर्स प्लेन में उनकी तैनाती तो नहीं हो सकी, लेकिन वायु सेना के ट्रांसपोर्ट बेड़े में उन्हें जरूर शामिल कर लिया गया. 2017 में वे ग्रुप कैप्टन के रूप में रिटायर हुए. ग्रुप्ट कैप्टन नचिकेता को करगिल युद्ध के दौरान देश के प्रति अपनी उत्कृष्ट सेवा के लिए वायु सेना गैलेंट्री मेडल से नवाजा गया.
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हम और बेहतर कर सकते थे
25 साल पुरानी घटना को याद करते हुए ग्रुप कैप्टन (रिटायर्ड) नचिकेता कहते हैं, 1999 और आज के बीच में 25 साल आ गए हैं. लेकिन लगता है जैसे कल की ही बात है. जब हम किसी वॉर में एक्टिव पार्टिसिपेंट रहते हैं, तो हमारे अंदर उसे लेकर कई तरह के इमोशन होते हैं. हम रियल वॉर में शामिल रहे थे. हम सब कुछ करीब से देखा हुआ है. उस समय की घटना को याद करेंगे, तो प्रोफेशनल और पर्सनल एक सा लगता है. लेकिन आज मैं इसे एक बेहतर तरीके से देख पा रहा हूं. मुझे समझ में आ रहा है कि क्या खामियां थी? हम कहां और कितना बेहतर कर सकते थे. कैसे बेहतर कर सकते थे.
ग्रुप कैप्टन (रिटायर्ड) नचिकेता बताते हैं, ये बड़े फक्र की बात है कि आज मैं जिस जगह टाइगर हिल पर खड़ा हूं, उसे हम बड़े दिलेरी के साथ दुश्मनों से छुड़ाकर लाने में कामयाब हुए थे.
![कंधे-और-पैर-में-गोली-खाने-के-बाद-भी-दुश्मन-के-4-बंकर-किए-तबाह,-भाई-ने-बताई-कैप्टन-मनोज-पांडेय-की-दिलेरी](https://www.ctetmocktesting.com/tet/img/hindi/2024/07/hbjh87pg_caption-manoj-pandey-brother_625x300_25_July_24.jpeg)
करगिल जंग के 25 साल हो चुके हैं. हर साल ये दिन विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है. 1999 के करगिल युद्ध में भारतीय वीर सपूतों ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़कर बाहर निकाल दिया था. इन बहादूर सपूतों में कैप्टन मनोज कुमार पांडेय भी थे. उन्होंने दिलेरी के साथ कई हमले कर दुश्मन के एक के बाद एक चार ठिकानों को नेस्तनाबूद किया था. नजीता रहा कि हम करगिल पर विजय का पताका लहरा पाए.
करगिल युद्ध के 25 साल पूरे होने पर NDTV खास सीरीज वतन के रखवाले चला रहा है. आज की सीरीज में हमने टाइगर हिल के लेमोचिन पॉइंट पर करगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन मनोज पांडेय (Captain Manoj Pandey)के परिवार से खास बातचीत की है.
गोली लगने के बावजूद दुश्मन के बंकर में घुसे थे कैप्टन मनोज
कैप्टन मनोज कुमार पांडेय उत्तर प्रदेश के सीतापुर से थे. करगिल युद्ध के दौरान वो 11 गोरखा राइफल की पहली बटालियन (1/11 जीआर) में कैप्टन थे. 11 जून 1999 को उन्होंने बटालिक सेक्टर से दुश्मन सैनिकों को खदेड़ दिया. उनके नेतृत्व में सैनिकों ने जुबार टॉप पर कब्जा किया. कंधे और पैर पर गोली लगने के बावजूद वो दुश्मन के बंकर में घुसे. हैंड-टू-हैंड कॉम्बैट में उन्होंने दो दुश्मनों को मार गिराया. कैप्टन मनोज कुमार पांडेय ने साहसपूर्वक कई हमले कर दुश्मन के चार ठिकानों पर बम की तरह बरसे. वो पूरी दिलेरी से अगले 22 दिन तक दुश्मनों के छक्के छुड़ाते रहे. चौथे बंकर पर कब्जा करने तक कैप्टन मनोज पांडेय बुरी तरह जख्मी हो चुके थे. 3 जुलाई 1999 को वो 24 साल की उम्र में शहीद हो गए. उन्हें सरकार ने परमवीर चक्र से सम्मानित किया.
भाई के लोकेशन को लेकर बहुत फिक्र रहती थी- मनमोहन पांडेय
शहीद कैप्टन मनोज पांडेय के छोटे भाई और उनकी पत्नी से NDTV ने बात की. मनमोहन पांडेय अपने भाई शहीद कैप्टन मनोज पांडेय से 6 साल छोटे हैं. जंग के समय वो 18 साल के थे. मनमोहन पांडेय बताते हैं, जब करगिल में मेरे भाई जंग लड़ रहे थे, उस समय परिवार में काफी उलझन रहती थी. बहुत फिक्र रहती थी कि भाई कहां पर होंगे, कैसे होंगे. उस समय जब हम टीवी पर जंग की खबरें देखते थे, उस समय हमें ये नहीं पता चल पा रहा था कि कौन कहां पर है. हमें यूनिट के जरिए पता चलता था कि 1/11 जीआर बटालिक में है या खालुबार की तरफ मूव कर रहे हैं. इससे परिवार में उन्हें लेकर बड़ी कश्मकश रहती थी.
भइया ने इंजीनियरिंग छोड़ NDA चुना
मनमोहन पांडेय बताते हैं, हमारे परिवार में भइया से पहले कोई भी आर्मी में नहीं था. मनोज पांडेय परिवार में पहले शख्स थे, जिन्होंने देश सेवा के लिए फौज ज्वॉइन किया था. उनके अंदर एक जुनून था. बचपन से उनका मानना था कि देश के लिए कुछ करना है. उन्होंने भारत मां की सेवा के लिए पहले नंबर पर आर्मी को चुना. उनके पास दो कॉल लेटर साथ में आए थे. इंजीनियरिंग का और NDA का भी. घरवालों ने उनसे कहा था कि वो इंजीनियरिंग में जाएं. लेकिन मेरे भाई ने NDA चुना. उन्होंने बताया था कि NDA में जाना आसान नहीं होता है, इसलिए वो पहले NDA में जाएंगे.
चौथे बंकर को तबाह कर प्राप्त हुई वीरगति
मनमोहन पांडेय बताते हैं, जब दुश्मनों के तीसरे बंकर में मेरे भाई कैप्टन मनोज पांडेय को दो गोलियां लग गई थी. एक कंधे और एक घुटने में लगी थी. उनका बहुत खून बह रहा था. वो मौत के बिल्कुल करीब पहुंच चुके थे. उसके बाद भी वो चौथे बंकर में घुसे. दुश्मनों के चौथे बंकर को तबाह किया. वहां पर भी उन्हें एक गोली लगी थी. वहीं उन्हें वीरगति प्राप्त हुई.
मुक्केबाजी और बॉडी बिल्डिंग का रखते थे शौक
कैप्टन मनोज पांडेय का जन्म यूपी के सीतापुर के रूद्रा गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम गोपी चंद पांडेय और मां का नाम मोहिनी पांडेय है. उनकी शुरुआती पढ़ाई लखनऊ के आर्मी स्कूल में हुई थी. वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) खड़कवासला में शामिल हुए थे. उनकी नियुक्ति 11 गोरखा राइफल्स (1/11 जीआर) की पहली बटालियन में हुई थी. कैप्टन मनोज कुमार पांडेय मुक्केबाजी और बॉडी बिल्डिंग का शौक रखते थे. यही वजह रही कि उन्हें सबसे प्रसिद्ध बटालियन में शामिल किया गया. उनकी वीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल लखनऊ का नाम बदलकर कैप्टन मनोज कुमार पांडेय यूपी सैनिक स्कूल रख दिया गया है.
करगिल की कहानी, जनरल की जुबानी : पूर्व आर्मी चीफ ने बताया कैसे पाकिस्तानी घुसपैठ का चला पता
![पूर्वी-दिल्ली-के-त्रिलोकपुरी-में-मामूली-विवाद-के-बाद-वकील-की-चाकू-से-गोदकर-हत्या](https://www.ctetmocktesting.com/tet/img/hindi/2024/07/e1g9h8i8_delhi-lawyer-murder-trilokpuri_625x300_25_July_24.jpg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=1200,height=738)
पूर्वी दिल्ली के थाना त्रिलोकपुरी में एक वकील की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई. यह घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. थाना मयूर विहार इलाके के त्रिलोकपुरी 20 ब्लॉक में बीती रात 24 जुलाई को विकास नाम के युवक की चाकुओं से गोदकर निर्मम हत्या कर दी गई. मृतक विकास की उम्र 34 वर्ष बताई जा रही है. वह पेशे से वकील थे. लगभग एक वर्ष पूर्व उनका विवाह हुआ था.
पीड़ित परिवार का कहना है कि पड़ोस में रहने वाले छिन्दर नाम के युवक से एक दिन पहले भी झगड़ा हुआ था. आज हमारे परिवार का चिराग हमेशा के लिए बुझ गया. बुधवार को रात में लगभग 9:00 बजे पड़ोस में रहने वाले छिन्दर नाम के युवक से मामूली कहासुनी हुई थी. इस दौरान झगड़ा इतना बढ़ गया कि छिन्दर ने चार लोगों के साथ मिलकर चाकू से विकास पर जानलेवा हमला कर दिया.
पूर्वी दिल्ली की डीपीसी अपूर्वा गुप्ता ने बताया कि घायल अवस्था में विकास को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले जाया गया. जहां विकास की हालत की गंभीरता को देखते हुए उन्हें सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया. वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
डीसीपी ने कहा कि हमने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कार्रवाई जारी है. पीड़ित परिवार में मातम पसरा हुआ है. पीड़ित परिवार की मांग है कि सभी आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए.
![हजारीबाग-में-मिलीभगत-से-किया-गया-था-NEET-का-पेपर-चोरी-:-सीबीआई](https://www.ctetmocktesting.com/tet/img/hindi/2024/07/rloqk36c_cbi-generic-650_625x300_19_August_22.jpg)
नीट पेपर लीक केस में अभी तक की सीबीआई जांच पर सीबीआई का आधिकारिक बयान आया है. इसमें कहा गया है कि सीबीआई ने 23 जून 2024 से नीट पेपर चोरी और लीक मामले की जांच शुरू की. सीबीआई ने पटना के शास्त्रीनगर थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 358/2024 केस को टेकओवर किया और जांच शुरू की. आईपीसी की धारा 407, 408, 409, 120बी के तहत दर्ज पटना पुलिस की एफआईआर को टेकओवर करके सीबीआई जांच शुरू हुई.
जांच में पता लगा कि नीट पेपर झारखंड के हजारीबाग के OASIS स्कूल से 5 मई 2024 यानी पेपर वाले दिन सुबह पंकज उर्फ आदित्या उर्फ साहिल ने एक्सेस किया. पंकज मास्टमाइंड है जिसने स्कूल के प्रिंसिपल, एनटीए कॉर्डिनेटर, सेंटर सुप्रिंटेंडेंट वाइस प्रिंसिपल के साथ मिलकर पेपर चोरी किया.
पंकज फरार चल रहा था जिसकी लोकेशन ट्रेस करके उसे गिरफ्तार किया गया. स्कूल के प्रिंसिपल अहसानुलहक, वाइस प्रिंसिपल और दूसरे एसोसिट्स को सीबीआई ने गिरफ्तार किया. पटना में जले हुए पेपर के जरिए सीबीआई हजारीबाग के सेंटर तक पहुंची जहां से पेपर लीक हुआ था.
जिन ट्रंक में नीट पेपर हजारीबाग के सेंटर में 5 मई की सुबह लाए गए थे उन्हें सेंटर के कंट्रोल रूम में रखा गया. पेपर आने के कुछ मिनटों में प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसपल अवैध तरीके से कंट्रोल रूम में मास्टरमाइंड पंकज को भी अंदर ले गए. यहां पर आधुनिक टूल्स से ट्रंक को खोला गया और नीट के पेपर एक्सेस किए गए. इन टूल्स और ट्रंक को सीज किया गया.
अवैध तरीके से चुराए गए पेपर्स को अलग-अलग मेडिकल स्टूडेंट्स से 5 मई को सुबह ही सॉल्वर गैंग से सॉल्व कराया गया और सिलेक्टेड स्टूडेंट्स, जिन्होंने पैसे दिए थे उनसे शेयर किया गया. सॉल्वर गैंग का हिस्सा अलग-अलग मेडिकल कॉलेज के मेडिकल स्टूडेंट्स को पहचाना गया और गिरफ्तार किया गया.
इन सॉल्वर्स स्टूडेंट्स को खास तौर पर 5 मई को हजारीबाग लाया गया. यह सभी लीक साजिश का हिस्सा है. पंकज ने इस क्राइम को प्लान किया और एक साजिश तैयार की कुछ और मास्टरमाइंड की पहचान करके उन्हें भी गिरफ्तार किया.
इस ग्रुप को एक दूसरा ग्रुप असिस्ट कर रहा था जिन्होंने केन्डिडेट्स के लिए जगह प्लान की थी, एक अलग ग्रुप केन्डिडेट्स को मोबलाइज करने में शामिल थे. जिन छात्रों ने अवैध तरीके से सॉल्व पेपर लिया उनकी पहचान करके लीगल एक्शन लिया गया.
अभी तक की जांच में सीबीआई ने 33 जगहों पर छापेमारी की, 36 आरोपियों को गिरफ्तार किया जिनमें से 15 गिरफ्तारियां बिहार पुलिस ने की थीं. वे भी सीबीआई की कस्टडी में है. सीबीआई की जांच लगातार चल रही है.
![लॉरेंस-बिश्नोई-गैंग-का-झारखंड-के-गैंगस्टर-अमन-साहू-से-कनेक्शन-आया-सामने,-बिहार-में-बड़े-धमाके-की-थी-साजिश](https://www.ctetmocktesting.com/tet/img/hindi/2024/07/s4s0t5c_india_625x300_25_July_24.jpg?im=FaceCrop,algorithm=dnn,width=1200,height=738)
बिहार के गोपालगंज पुलिस ने एसटीएफ की मदद से तिहाड़ जेल में बंद गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई के एक और गुर्गे को राजस्थान के अजमेर से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार गुर्गे की पहचान राजस्थान के अजमेर जिले के केसरपुर गांव के दिनेश सिंह रावत के रूप में की गयी है. दिनेश सिंह रावत को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस गोपालगंज लेकर पहुंच चुकी है. जहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए और बिहार एटीएस की टीम पूछताछ कर रही है. पूछताछ में दिनेश सिंह ने कई अहम खुलासे किए है. गैंगस्टर से जुड़े कई और गुर्गों का नाम आया है, जिसकी तलाश में मुजफ्फरपुर और राजस्थान में पुलिस टीम छापामारी कर रही है.
लॉरेंस बिश्नोई के अब तक तीन गुर्गों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के अनुसंधान में झारखंड के जेल में बंद गैंगेस्टर अमन साहू से कनेक्शन जुड़े होने की बात सामने आयी है. जिसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) और आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस), बिहार एसटीएफ की टीम तीनों गुर्गों से पूछताछ कर रही है.
पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात के अनुसार जेल में बंद दो गुर्गों को भी पुलिस ने रिमांड पर ले लिया है, जिनसे लगातार पूछताछ चल रही है.पूछताछ में कई और गुर्गों के नाम आये हैं. जिनकी गिरफ्तारी के लिए राजस्थान और मुजफ्फरपुर में छापेमारी चल रही है.
गौरतलब हो कि पिछले 22 जुलाई को गोपालगंज पुलिस ने यूपी-बिहार सीमा के बलथरी चेकपोस्ट के पास एक नागालैंड की बस से दो अपराधियों को ऑस्ट्रिया निर्मित चार विदेशी पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया था. इनमें राजस्थान के अजमेर जिला का कमल राव और मुजफ्फरपुर के गाय घाट थाने के बोवारी गांव निवासी संतनु शिवम ने पुलिस को पूछताछ में तिहाड़ जेल में बंद गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करने की बात कही थी. दोनों ने मोतिहारी व मुजफ्फरपुर में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए पूर्व में रेकी भी किया था.
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Kargil Vijay Diwas 2024: करगिल विजय के 25 साल शुक्रवार को पूरे हो रहे हैं. करगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान की एक पोस्ट को कुछ इस तरह तबाह किया था कि वह घटना इतिहास बन गई. भारतीय सेना की 326 लाइट रेजिमेंट ने पाकिस्तानी बंकरों को तबाह करने का ऐसा कारनामा किया था जो इतिहास में कभी नहीं हुआ था. सेना ने जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल से जमीन से जमीन पर हमला किया था. इस सटीक निशाने ने पाकिस्तान की एक पोस्ट उड़ा दी थी. इस कारनामे को अंजाम देने वाले आर्मी एयर डिफेंस के सूबेदार मेजर बीपी सिंह (रिटायर्ड) ने NDTV को उस घटना के बारे में विस्तार से बताया.
कारगिल में टाइगर हिल (Tiger Hill) के लेमोचिन पॉइंट पर NDTV की टीम मौजूद है. यहां सूबेदार मेजर बीपी सिंह (रिटायर्ड) से एनडीटीवी ने बातचीत की.
बीपी सिंह ने बताया कि, मेरी यूनिट 326 लाइट रेजीमेंट भरतपुर में थी, लेकिन स्पेशल बुलावा था, हम लोग आए. मैं काकसर में पोस्ट पर गया. एक अगस्त 1999 को उन्होंने (पाकिस्तानी सेना) अपनी गन से हमारी पोस्ट पर फायर किया. वह गन डिस्ट्रायर हुआ करती थी. उसमें हमारा एक जवान शहीद हुआ.
न्यूटन ने भी नहीं सोचा होगा कि वह वैज्ञानिक बनेगाउन्होंने बताया कि, उस समय 4 जाट के मेजर राजेश सेठी ब्रिव कंपनी के कंपनी कमांडर थे. उन्होंने आदेश दिया कि आप मिसाइल से फायर कीजिए. लेकिन हमारे पास मिसाइल, सरफेस टू एयर मिसायल थी. यानी जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल थी, और उन्होंने जमीन से जमीन में मार करने के लिए कहा. ऐसा इतिहास में इससे पहले कभी किसी ने नहीं किया था. तो मुझे भी लगा कि यह नहीं होगा. लेकिन उन्होंने कहा कि आप फायर करके देखो. मैंने सोचा कि न्यूटन ने भी तो कभी सोचा नहीं होगा कि वह वैज्ञानिक बनेगा.
सूबेदार मेजर सिंह ने कहा कि, हम तीन बंदे थे. बाबूलाल थे, अवधेश सिंह थे..तो हमने आपस में विचार किया कि करके देखते हैं, क्या होता है. हमारे पास 30 सेकेंड का वक्त होता है, टारगेट को ट्रैस करना होता है और उसको डिस्ट्रॉय भी करना होता है. एयर में तो ठीक है, ग्राउंड पर इससे पहले कभी यह हुआ नहीं था.
पाकिस्तानी सेना ने फायर करके शामत बुला लीउन्होंने बताया कि, उनकी (पाकिस्तान) पोस्ट हमारी माता पोस्ट के ठीक सामने थी. मेजर राजेश सेठी बोले फायर करो. हमने कंधे पर मिसाइल ली. उस समय एक जज्बा होता है, डर नहीं था.
उन्होंने बताया- हमने निशाना साधा. 30 सेकेंड के बीच हमारा एक जवान बोला नंबर वन क्या कर रहे हो? मेरी सांसें उस समय रुकी हुई थीं, दुश्मन सामने था. मैं उसे निशाने पर ले रहा था, वह भी मुझे निशाने पर लिए था. उन्होंने फायर किया. जैसे ही उन्होंने फायर किया, मेरी मिसाइल ने ट्रैक कर लिया. जैसे ही ग्रीन लाइट ग्लो हुई, मेरे दिल से आवाज निकली- अब तू बेटा निकलेगा. फायर किया और सीधे डायरेक्ट हिट हुआ उनके बंकरों में. उनके सारे बंकर तबाह हो गए.सिंह ने बताया कि, इतिहास में पहली बार जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल से जमीन से जमीन पर मार की. वह मिसाइल इग्ला वन एम थी. उसके बाद हमारे रेजिमेंट के जवानों का दिल खुल गया, कि अब यह हो सकता है. पहले नाइट में फायर नहीं हो सकता था, बाद में उन्होंने रात में भी फायर करना शुरू कर दिया. 326 लाइट रेजिमेंट ऐसी है कि उसमें अनहोनी कहानी होती रहती है. उन्होंने नाइट में भी फायर करके कर दिखाया.
विजय दिवस समारोह में पहुंचेंगे पीएम मोदीकरगिल विजय दिवस पर शुक्रवार को करगिल में मुख्य समारोह होगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) शिरक़त करेंगे. वे शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे. इस समारोह में करगिल के शहीदों के परिजन भी बड़ी संख्या में शामिल होने वाले हैं. कारगिल विजय के रजत जयंती समारोह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
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राजस्थान के बीजेपी (Rajasthan BJP) संगठन में नेतृत्व परिवर्तन होने की संभावना है. ओबीसी को प्रदेश संगठन की कमान सौंपने की चर्चा चल रही है. राज्य के प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी (CP Joshi) ने एक बार फिर इस्तीफे की पेशकश की है. उन्होंने एक व्यक्ति, एक पद के तहत इस्तीफे की पेशकश की है. वे चित्तौड़गढ़ से सांसद भी हैं.
बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए मदन राठौड़, प्रभुलाल सैनी और राजेंद्र गहलोत के नामों की चर्चा चल रही है. मदन राठौड़ और राजेंद्र गहलोत राज्यसभा के जबकि सैनी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. यह तीनों अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं.
सीपी जोशी को पिछले साल मार्च में राजस्थान बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया था. राज्य में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, दोनों ही ब्राह्मण हैं लिहाजा बीजेपी ओबीसी को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है.
सीपी जोशी ने राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद और फिर जब वे चित्तौड़गढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे तब भी इस्तीफा देने की पेशकश की थी. जोशी ने बीजेपी आलाकमान से कहा था कि एक व्यक्ति, एक पद के फॉर्मूले के तहत उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाना चाहिए.
इन दिनों दिल्ली में संसद के मानसून सत्र में भाग ले रहे सीपी जोशी ने फिर से इस्तीफा देने की पेशकश की है. सीपी जोशी को 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य का बीजेपी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
तब वसुंधरा राजे और सतीश पूनिया के बीच गुटबाजी के कारण चित्तौड़गढ़ के इस गैर-विवादास्पद लो प्रोफाइल राजनेता को राज्य में पार्टी की कमान सौंपी गई थी. उन्होंने विधानसभा चुनाव का प्रबंधन किया और राजस्थान में पार्टी को जीत दिलाई.
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![Ola-Electric-ने-टाला-EV-कार-बनाने-का-प्रोजेक्ट,-कंपनी-अब-स्कूटर-और-बाइक-पर-करेगी-फोकस-:-रिपोर्ट](https://www.ctetmocktesting.com/tet/img/hindi/2024/07/etclqbpg_ola-electric_650x400_15_December_22.png)
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर फैसिलिटी को के बाद ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) ने देश में इलेक्ट्रिक कार बनाने का प्लान बनाया था. लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, ओला ने इलेक्ट्रिक कार बनाने का प्रोजेक्ट फिलहाल के लिए टाल दिया है. क्योंकि कंपनी अब अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर्स (Ola Electric Scooters) प्रोजेक्ट पर फोकस करना चाहती है. ओला इलेक्ट्रिक से जुड़े दो लोगों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को इसकी जानकारी दी.
ओला के फाउंडर भाविश अग्रवाल ने 2022 में ऑल-ग्लास रूफ वाली इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार लॉन्च करने की योजना बनाई थी. प्रोजेक्ट के लिए 2 साल की डेडलाइन रखी गई थी. प्लानिंग के तहत ये इलेक्ट्रिक कार 4 सेकंड के अंदर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है. एक सूत्र ने कहा कि ओला ने अपने इलेक्ट्रिक कार प्रोजेक्ट को कम से कम दो साल के लिए टाल दिया है. उसका फोकस अभी टू-व्हीलर की सेलिंग और बैटरी प्रोडक्शन पर है.
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अमेरिका की बिजनेस मैगजीन Forbes को सितंबर 2023 में दिए गए इंटरव्यू में भाविश अग्रवाल ने इलेक्ट्रिक कार बनाने के प्रोजेक्ट का जिक्र किया था. हालांकि, ओला ने ये प्रोजेक्ट अगस्त में आने वाले IPO से पहले ही टाल दिया है. ओला को इस IPO से करीब 660 मिलियन डॉलर जुटाने की उम्मीद है.
इलेक्ट्रिक कार लाने के प्रोजेक्ट से ओला, टाटा मोटर्स (TAMO.NS) जैसी कंपनियों के साथ कॉम्पिटिशन कर सकता था. क्योंकि हाल के साल में देश में ई-स्कूटर लोकप्रिय हो गए हैं. इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण तेजी से हो रहा है. इस साल जून तक करीब 483,000 ई-स्कूटर बेचे गए. इस अवधि में दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटो मार्केट भारत में सिर्फ 45,000 इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री हुई.
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रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी ओला अभी घाटे में चल रही है. अपनी स्थापना के बाद से कंपनी ने तीन साल के अंदर ई-स्कूटर में 46% मार्केट हिस्सेदारी हासिल की है. भाविश अग्रवाल के पास पहले से ही तमिलनाडु में एक ई-स्कूटर प्लांट है. अग्रवाल 2022 में इसी कैंपस में नया प्लांट बनाने का ऐलान किया था.भाविश अग्रवाल ने 2022 में कहा कि वह उसी परिसर में एक नया प्लांट बनाएंगे, जिसकी क्षमता सालाना 1 मिलियन इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण की होगी. भाविश अग्रवाल ने कहा, इन कारों को सुस्त, छोटे या मिडिल साइज वाले व्हीकल के ट्रेंड को तोड़ने के लिए डिजाइन किया जाएगा.
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रिपोर्ट के मुताबिक, ओला ने कुछ ऑटो कंपोनेंट सप्लायर्स के साथ शुरुआती बातचीत भी की थी. इलेक्ट्रिक कार मॉडल का एक प्रोटोटाइप भी बनाया गया था. इसे यूनाइटेड किंगडम में स्थित कंपनी के स्टूडियो में BMW लग्जरी सेडान की तर्ज पर डिजाइन किया गया था. हालांकि, सूत्र ने कहा कि जब भी ओला अपने कार प्रोजेक्ट को रिवाइव करेगी, तो वो एक किफायती प्रोजेक्ट होगा.ओला इलेक्ट्रिक ने तमिलनाडु के कृष्णागिरी में फ्यूचर फैक्ट्री की स्थापना की थी, जो दिसंबर 2020 से काम कर रही है. इसे दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी माना जाता है. कंपनी अब भारत का प्रमुख दोपहिया निर्माता है, जिसकी हर महीने 10,000 से ज्यादा यूनिट बिकती हैं.
![सावन-में-सत्यम-शिवम-सुंदरम-बोल-बम-सॉन्ग-यूट्यूब-पर-रिलीज,-छह-दिन-में-10-लाख-बार-देखा-गया-भोलेबाबा-का-भजन](https://www.ctetmocktesting.com/tet/img/hindi/2024/07/7i5u84e8_satyam-shivam-sundaram-bhojpuri-bolbam-song_625x300_25_July_24.jpg?im=FeatureCrop,algorithm=dnn,width=1200,height=738)
सावन के पवित्र महीने की शुरुआत 22 जुलाई से हो गई है, यह पूरा महीना भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है. ना सिर्फ भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है, बल्कि उनके लिए कांवड़ यात्रा निकाली जाती है और भक्त उनकी भक्ति में लीन होकर भजन और गाने भी खूब सुनते हैं. इसी बीच भोले बाबा को समर्पित भोजपुरी बोलबम सॉन्ग सत्यम शिवम सुंदरम वर्ल्ड वाइड रिकॉर्ड म्यूजिक ने रिलीज कर दिया है और 3 दिन में ही यह भोजपुरी गाना यूट्यूब चैनल पर वायरल हो गया है.
भोजपुरी बोलबम सॉन्ग सत्यम शिवम सुंदरम
भोजपुरी बोलबम सॉन्ग सत्यम शिवम सुंदरम वर्ल्डवाइड रिकॉर्ड म्यूजिक ने रिलीज किया है, जिसे कल्पना पटवारी ने गाया है और इसमें माही श्रीवास्तव नजर आ रही हैं. कल्पना पटवारी दो दशक से भोलेनाथ के लिए कई सुपरहिट भजन और गाने गा चुकी हैं. इस गाने में भोलेनाथ की महिमा का बखान किया गया है और यह गाना शिव के धाम जाने वाले कांवड़ियों पर आधारित है. इस गाने को सुनकर आप भी भक्ति में लीन हो जाएंगे. यूट्यूब पर यह गाना तेजी से वायरल हो रहा है और इसे छह दिन में 19 लाख बार देखा जा चुका है.
बोल बम गाने के लिरिक्स
अरे बम जी हो बम जी, कि बम जी बम जी हो बम जी, कि बम जी बोलत चलिहा सत्यम शिवम सुंदरम, ये बम जी बोलत चलिहा सत्यम शिवम सुंदरम, डमरू बजावा डम डम डम डम, ये बम जी बोलत चलिहा सत्यम शिवम सुंदरम, डमरू बजावा डम डम डम डम.
कल्पना पटवारी की आवाज और माही श्रीवास्तव का अंदाज
भोजपुरी बोल बम गाने में कल्पना पटवारी ने गाना गाकर शिव भक्तों का मन मोह लिया. वहीं, इस वीडियो में एक्ट्रेस माही श्रीवास्तव ने डमरू बजाते हुए शानदार एक्टिंग की हैं. इस गाने को महन्त सिंह बलियावी ने लिखा है, जबकि इसका म्यूजिक छोटू रावत ने दिया है. म्यूजिक सुपरवाइजर श्याम सिंह आरा हैं, वहीं वीडियो डायरेक्टर आशीष सत्यार्थी, कोरियोग्राफर अनुज मौर्या हैं.
Stree 2 में कहां से आया सरकटा, जानें इस भूत का 40 साल पुराना कनेक्शन
![चीन-हिंद-महासागर-में-घुसपैठ-कर-रहा-है:-अमेरिकी-सांसद](https://www.ctetmocktesting.com/tet/img/hindi/2024/07/q6g7ptb8_india_625x300_25_July_24.jpg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=1200,height=738)
अमेरिका की एक प्रभावशाली सांसद ने दावा किया है कि चीन हिंद महासागर के प्रमुख क्षेत्रों में अपनी पैठ बना रहा है और इस जल क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से आवागमन के अधिकार में बाधा डाल रहा है, जिससे अमेरिका और दक्षिण एशिया में उसके मित्र देशों और सहयोगियों की राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितों पर खतरा मंडरा रहा है.
अमेरिकी संसद में मंगलवार को सत्र के दौरान महिला सांसद यंग किम ने कहा कि वैश्विक व्यापार के लिए हिंद महासागर एक महत्वपूर्ण मार्ग है जहां 80 प्रतिशत समुद्री तेल व्यापार और 40 प्रतिशत विश्व व्यापार हिंद महासागर से होकर गुजरता है.विदेश मामलों की समिति में हिंद-प्रशांत के मुद्दों से संबंधित उपसमिति की अध्यक्ष यंग ने मंगलवार को कहा, हम हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत के महत्व को नहीं भूल सकते.
अमेरिकी सांसद यंग किम ने कहा कि दक्षिण एशिया अमेरिकी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.किम ने कहा कि इस क्षेत्र में भू-राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव आ रहा है, जिससे अमेरिका के समक्ष कई चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं.
उन्होंने कहा, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) हिंद महासागर में महत्वपूर्ण मार्गों पर कब्जा कर रही है और इस जल क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से आवागमन के अधिकार में बाधा डाल रही है. हाल के वर्षों में हमने पाकिस्तान और श्रीलंका में चीन के बंदरगाहों, जिबूती में सैन्य प्रतिष्ठानों और मालदीव के बुनियादी ढांचे में चीन के निवेश को देखा है, जो अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक हितों तथा क्षेत्र में हमारे मित्रों और सहयोगियों के लिए खतरा बन रहा है.
किम ने कहा, पिछले महीने मेरी उपसमिति ने हिंद-प्रशांत बजट, दक्षिण चीन सागर तथा ताइवान जलडमरूमध्य पर चीन के आक्रमक रुख पर चर्चा की थी. सीसीपी भारत की नियंत्रण रेखा पर सीमा संघर्ष को भी बढ़ा रहा है और इसकी पनडुब्बियां और युद्धपोत नियमित रूप से हिंद महासागर में आवागमन कर रहे हैं.
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संसाधन-समृद्ध दक्षिण चीन सागर को व्यापक रूप से वैश्विक संघर्ष के लिए संभावित केंद्र बिंदु के रूप में देखा जाता है.चीन दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा करता है, जबकि फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस समुद्री क्षेत्र पर अपना दावा करते हैं.